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पति के टॉर्चर से परेशान पत्नी ने किया सुसाइड:मां बोली- बीच रास्ते में पति पिटाई करता, शादी के बाद एक बार भी बेटी नहीं आई

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पति के टॉर्चर से परेशान पत्नी ने किया सुसाइड:मां बोली- बीच रास्ते में पति पिटाई करता, शादी के बाद एक बार भी बेटी नहीं आई

उदयपुर

पति के टॉर्चर से पत्नी इतना परेशान हो गई कि उसने साड़ी का फंदा लगा अपनी जान दे दी। महिला की 10 महीने पहले ही शादी हुई थी। कुछ दिनों तक तो सबकुछ सही चला लेकिन इसके बाद उसे टॉर्चर करने लगे। महिला की मां ने आरोप लगाया कि उसका पति बीच रास्ते पिटाई कर देता था। वह कई बार कह भी चुकी थी कि लड़का सही नहीं है।
मामला उदयपुर के नाई थाना क्षेत्र में गुरुवार शाम 5 बजे का है। विवाहिता ने साड़ी का फंदा लगाया था। महिला का शुक्रवार सुबह महाराणा भूपाल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाया गया। वहीं मृतका की मां लक्ष्मी बाई की ओर से नाई थाना क्षेत्र में पति, सास, ससुर और ननद के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।
सीआई श्याम सिंह रतनू ने बताया कि जिस वक्त विवाहिता ने फांसी लगाई, उस वक्त घर में कोई नहीं था। मां की रिपोर्ट पर ससुर तुलसी राम प्रजापत (48), सास जशोदा बाई (46), पति निर्मल प्रजापत और ननद गरिमा प्रजापत के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

10 महीने पहले हुई थी शादी, एक बार भी पीहर नहीं आई

मादड़ी निवासी मृतका की मां लक्ष्मी बाई ने बताया कि इसी साल 18 फरवरी को चेतना (25) की शादी सीसारमा गांव में रहने वाले निर्मल प्रजापत (23) से हुई थी। 15 से 20 दिन बेटी सही रही लेकिन फिर मुझे एक दिन फोन कर बोली कि मम्मी मेरे से बहुत बड़ी गलती हो गई। लड़का सही नहीं मिला। इस पर मैंने समझाया कि थोड़े दिन एडजस्ट कर ले।
मां ने आरोप लगाया कि लड़का मेरी बेटी को रुपए के लिए टॉर्चर करता था। कई बार उसके साथ मारपीट की। कई बार गुस्से में उसने बीच रास्ते में भी बेटी की पिटाई कर दी थी। बेटी कुछ मांगती या रुपए के लिए कहती तो बोलता मेरे पास रुपए नहीं है तेरी मां से लेकर आजा। मां ने बताया कि मेटी बेटी मरी नहीं है उसे परेशान कर मारा गया है।

पति परिवहन विभाग में करता है अस्थाई जॉब

पति निर्मल प्रजापत परिवहन विभाग में अस्थाई रूप से छोटा-मोटा जॉब करता था। मृतका चेतना कुमारी बी.कॉम तक पढ़ी थी। लड़की चेतना के पिता का कुछ साल पहले ही निधन हो चुका है। परिवार में मां के अलावा एक छोटा भाई है जिसकी मानसिक स्थिति सही नहीं है। मां को थोड़ा बहुत बेटी का ही सहारा था।
मां ने बताया कि शादी होने के बीते 10 माह में लड़की को एक बार भी मिलने घर नहीं भेजा। लड़की जाने को बोलती तो उसे बोला जाता तेरे पीहर में क्या है वहां नहीं जाना। मां ने बताया कि शादी हुई उस वक्त मैंने लड़के ​के पिता को कहा था कि मेरे आगे पीछे कोई नहीं है जो भी है ये लड़की है। छोटा बेटा है जो मानसिक रूप से कुछ समझ नहीं पाता। लड़की कई बार रोते-रोते फोन करती। मम्मी मैं घर आना चाहती हूं लेकिन उसके पति और ससुर ने आना-जाना बंद कर दिया था।

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