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अजमेर जिला प्रशासन की नजर में 26 जनवरी पर कोई भी पत्रकार सम्मानित होने योग्य नहीं,,आखिर किस मानसिकता के अंतर्गत कार्य कर रहा है प्रशासन

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अजमेर जिला प्रशासन की नजर में 26 जनवरी पर कोई भी पत्रकार सम्मानित होने योग्य नहीं,,
26 जनवरी, एक समय था जब जिला प्रशासन थोक के भाव अजमेर के पत्रकारों को 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के राजकीय कार्यक्रम में सम्मानित किया करता था। लेकिन पिछली 15 अगस्त एवं इस बार की 26 जनवरी 2023 को जिला प्रशासन को अजमेर में सिवाय इंडिया न्यूज़ की जावेद खान के अलावा कोई भी पत्रकार सम्मानित होने योग्य नजर नहीं आया । आखिर इसका कारण क्या है आखिर क्या वजह है इसकी क्या जिला प्रशासन की नजर में अजमेर में बड़े-बड़े दिग्गज संस्थानों के पत्रकार कार्यरत हैं अजमेर के अलावा उपखंड क्षेत्र में ब्यावर किशनगढ़, नसीराबाद, पुष्कर, मसूदा , आदि क्षेत्रों में क्या कोई भी पत्रकार अजमेर जिला प्रशासन को ऐसा नजर नहीं आया कि उसे सम्मानित किया जा सके या यह कोई बेहद सोची-समझी रणनीति है आखिर वह कौन लोग हैं जो जिला कलेक्टर को अपने चहेतों को सम्मानित करने के लिए ही प्रेरित करते हैं, अनेक ऐसे वर्गों के दबे कुचले वर्गों के शुद्र अखिल भारतीय पिछड़ा वर्गों के पत्रकार भी अजमेर जिले के साथ-साथ शहर में भी अपना बहुत बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन को केवल एक शख्स के अलावा दूसरा कोई नजर ही नहीं आया आखिर यह किस ओर इशारा कर रहा है। राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और कृषि मंत्री एवं अजमेर जिले के प्रभारी लालचंद कटारिया 26 जनवरी गणतंत्रता दिवस का झंडारोहण करेंगे लेकिन अजमेर शहर के पत्रकारों की इस कदर खतरनाक और बेइज्जत करने वाली स्थिति शायद पहले कभी नजर नहीं आई,,, पहले के समय में थोक के भाव में यूट्यूब और सोशल मीडिया पर कार्य करने वाले लोगों तक को भी राजकीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जा चुका है ,लेकिन इस बार न जाने ऐसा क्या हो रहा है कि कुछ सम्मानित पत्रकारों को जानबूझकर सम्मानित नहीं किया जा रहा है आखिर जिला प्रशासन किसके दबाव में यह कार्य कर रहा है कितनी गंभीर बात है कि अजमेर शहर में बहुत से ऐसे पत्रकार है जो स्वतंत्र रूप से अपना बेहतरीन कार्य को अंजाम दे रहे हैं।
परंतु जिला प्रशासन किस गुलाम मानसिकता के अंतर्गत कार्य कर रहा है समझ से परे है अनेक पत्रकारों की इस पर भाव भंगिमा क्रूर हो चुकी है लेकिन उनकी कोई सुनने वाला भी नहीं है।
जिला स्तर पर कार्यरत किसी भी पत्रकार के लिए गणतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्मानित होना उसके लिए एवं उसके कार्य के लिए बेहद सम्मान की बात होती है लेकिन पिछले कुछ समय से न जाने क्यों जिला प्रशासन बहुत ही असंवेदनशील मानसिकता अपनाकर जिला स्तर पर कार्य करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने से परहेज कर रहा है।
ऐसे राजकीय कार्यक्रम में जहां की एक बेहतरीन और सशक्त रूप से पत्रकारिता करने वाले पत्रकार को सम्मानित नहीं किया जावे वहां पर आखिर क्यों कोई पत्रकार पहुंचे बेहद निर्लज्ज एवं नृशंसता पूर्ण कार्यक्रम होगा और उसकी उपस्थिति शर्मनाक होगी। अजमेर का जिला प्रशासन अंग्रेजी मानसिकता का पूर्णतया पालन करते हुए स्थानीय पत्रकारों को कुचलने का जबरदस्त प्रयास कर रहा है। गुलाम और कायरता की पत्रकारिता करने वाले मानसिकता के पत्रकारों के लिए शायद यह आलेख रुचिकर ना लगे लेकिन वाल्टेयर के अनुसार हो सकता है मैं आपकी बातों से और विचारों से सहमत ना रहूं 7लेकिन मैं अपनी बात रखने के अपने अधिकार की पूर्णतया रक्षा करने के लिए प्रतिबंध हूं।

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