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35 लाख के गहने पहनकर थार सुंदरी बनने पहुंचीं युवतियां:सिर से पैर तक गहनों से सजीं, तैयार होने में लगे 4 घंटे

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35 लाख के गहने पहनकर थार सुंदरी बनने पहुंचीं युवतियां:सिर से पैर तक गहनों से सजीं, तैयार होने में लगे 4 घंटे

बाड़मेर
राजस्थानी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तमाम युवक-युवतियां ‘थार महोत्सव-2023’ में पहुंचीं। सिर से लेकर पैर तक ये गहनों से सजीं थीं। राजपूती ड्रेस में इन युवतियों ने 30 से 40 तोले सोने के गहने पहन रखे थे। गहनों की कीमत 35 लाख रुपए तक आंकी गई है।

थार सुंदरी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया
बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में हुए ‘थार महोत्सव-2023’ में शनिवार को युवतियां सज-धजकर पहुंचीं। इन्होंने थार सुंदरी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इसी तरह, थार श्री प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए तमाम जिलों से सजे-धजे युवक पहुंचे थे।

ब्रेसब्री से थार महोत्सव का इंतजार
युवतियां का कहना है कि कुछ गहने मां के थे। कुछ रिश्तेदारों से लेकर पहने हैं। युवतियां गले में आड़, पुंची, हाथपूल, पायजेब जैसे अलग-अलग तरह की ज्वेलरी पहन कर आईं। युवतियों ने कहा- एक साल से थार महोत्सव का इंतजार था। पिछली बार थार महोत्सव को हमें पता नहीं लगा। इस वजह से कॉम्पिटिशन में पहुंच नहीं पाईं। गहनों से लेकर कपड़े तक खुद तैयार किए हैं। महोत्सव के लिए तैयार होने में ही 4 घंटे लगते हैं।

थार सुदंरी बनने के लिए युवतियां सज-धज कर बाड़मेर स्थित आदर्श स्टेडियम पहुंचीं। सिर से लेकर पैर तक सोने के गहने के साथ ही युवतियों ने राजपूती ड्रेस पहन रखी थी।
थार सुदंरी बनने के लिए युवतियां सज-धज कर बाड़मेर स्थित आदर्श स्टेडियम पहुंचीं। सिर से लेकर पैर तक सोने के गहने के साथ ही युवतियों ने राजपूती ड्रेस पहन रखी थी।
लोक-संस्कृति के लिए जरूरी है महोत्सव
कॉम्पिटिशन में भाग लेने वाली मनीषा सोनी ने कहा- थार महोत्सव राजस्थान की लोक संस्कृति के लिए बहुत ही जरूरी है। मैंने 35-40 तोला सोने के आभूषण पहने हैं। सारे गहने मेरे परिवार में ही मिल गए थे। थार सुंदरी बनने के लिए बीते एक सप्ताह से तैयारी कर रही हूं।

थार सुंदरी बनने से पहले सेल्फी लेतीं युवतियां। बाड़मेर में होने वाले थार महोत्सव में बड़ी संख्या में सज-धजकर लड़कियां पहुंची थीं।
थार सुंदरी बनने से पहले सेल्फी लेतीं युवतियां। बाड़मेर में होने वाले थार महोत्सव में बड़ी संख्या में सज-धजकर लड़कियां पहुंची थीं।
40 तोला सोने के आभूषण पहने
स्वरूप कंवर ने बताया- थार फेस्टिवल का इंतजार एक साल से कर रही हूं। पिछली बार उम्र कम होने के कारण कॉम्पिटिशन में भाग नहीं ले पाई थी। बीते एक साल से थार महोत्सव का इंतजार कर रही हूं। आज तैयार होने में ही 2-3 घंटे का समय लगा। राजपूती ड्रेस पहनी है। करीब 40 तोला सोने के अलग-अलग आभूषण पहने हैं।

शनिवार को थार महोत्सव में पहुंचीं संगीता चौधरी। इन्होंने 50 तोला गहना पहन रखा था।
शनिवार को थार महोत्सव में पहुंचीं संगीता चौधरी। इन्होंने 50 तोला गहना पहन रखा था।
मां और भाभी के गहने पहनकर पहुंची
थार महोत्सव में पहुंची संगीता चौधरी ने बताया- करीब 50 तोला सोना पहना है। ये गहने मेरी मां और भाभी के हैं। सारे गहने हमारे यहां लॉकर में रखते हैं। कल ही लॉकर से लेकर आए थे। सुबह तैयार होने में 5 से 6 घंटे लग गए।

थार फेस्टिवल में बीकानेर की कोमल थार सुंदरी बनीं।
थार फेस्टिवल में बीकानेर की कोमल थार सुंदरी बनीं।
37 युवतियों ने रजिस्ट्रेशन कराया
थार फेस्टिवल में 37 युवतियों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसमें 20 युवतियों ने भाग लिया। बीकानेर की कोमल को थार सुंदरी का खिताब मिला। थार श्री में 6 लोगों ने भाग लिया। विक्रम सिंह ने थार श्री का खिताब जीता।

एक महीने से तैयारी में जुटी थी थार सुंदरी
थार सुंदरी का खिताब जीतने वाली कोमल कुल 35 तोला सोना पहनकर फेस्टिवल में पहुंचीं। वे बीकानेर शिक्षा विभाग में जूनियर असिस्टेंट हैं। उन्होंने कहा- मैं राजस्थानी संस्कृति को जिंदा रखने के लिए ऐसे कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकी हूं। हाल ही में 4 फरवरी को जैसलमेर के मरू महोत्सव में मूमल का खिताब भी जीता था। मेरी यह कोशिश रहेगी कि मैं आगे भी ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लूं। मैं मरू महोत्सव के बाद से ही थार फेस्टिवल की तैयारी में लग गई थी। इसमें अपने कॉन्फिडेंस लेवल को हाई रखना पड़ता है। तभी जीत हासिल होती है। मैंने राजस्थानी कपड़ों के साथ राजस्थानी गहने भी पहने हैं।

कोमल ने कहा- मैं यहां पर हारने या जीतने के लिए नहीं आई थी। बाड़मेर की संस्कृति को प्रेजेंट करने के लिए आई थी। बाड़मेर की धरती ने मुझे जिताया। इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। राजस्थान संस्कृति की पहचान है। यह धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है।

बीकानेर की रहने वाली कोमल थार सुंदरी बनीं। बाड़मेर के लक्ष्मीनगर के रहने वाले विक्रम थार श्री बने हैं। वो आकाशवाणी में संविदा पर काम करते हैं।
बीकानेर की रहने वाली कोमल थार सुंदरी बनीं। बाड़मेर के लक्ष्मीनगर के रहने वाले विक्रम थार श्री बने हैं। वो आकाशवाणी में संविदा पर काम करते हैं।
इतनी खुशी आज से पहले नहीं मिली
थार श्री का खिताब जीतने वाले विक्रम सिंह ने कहा- मुझे बहुत खुशी है। इतनी खुशी शायद मुझे आज से पहले कभी नहीं हुई। मैं आकाशवाणी में संविदा पर काम करता हूं। साथ में कॉम्पिटिशन की तैयारी भी कर रहा हूं। विक्रम सिंह बाड़मेर आकाशवाणी में कैजुअल अनाउंसर हैं। ये बाड़मेर के लक्ष्मी नगर के रहने वाले हैं।

आगे देखिए थार सुंदरी बनने के लिए कौन-कौन से गहने पहनकर पहुंचीं युवतियां…

बाजूबंद… इसे हाथ पर कंधे के नीचे पहना जाता है। सोने से तैयार इस बाजूबंद पर नीले और लाल पत्थर भी जड़े गए हैं।
बाजूबंद… इसे हाथ पर कंधे के नीचे पहना जाता है। सोने से तैयार इस बाजूबंद पर नीले और लाल पत्थर भी जड़े गए हैं।
गले में आड़… ये हार से बना होता है। सोने पर महीन कारीगरी की जाती है। साथ में अलग-अलग स्टोन और मोतियों से भी सजाया जाता है।
गले में आड़… ये हार से बना होता है। सोने पर महीन कारीगरी की जाती है। साथ में अलग-अलग स्टोन और मोतियों से भी सजाया जाता है।
पुंची… इसे हाथ की कलाई पर कड़े की तरह पहना जाता है।
पुंची… इसे हाथ की कलाई पर कड़े की तरह पहना जाता है।
हाथ फूल… इसे हाथ पर उंगलियों को हथेली के पीछे की तरफ पहना जाता है।
हाथ फूल… इसे हाथ पर उंगलियों को हथेली के पीछे की तरफ पहना जाता है।
गले का हार… इस अलग-अलग रंगों से सजाया गया है।
गले का हार… इस अलग-अलग रंगों से सजाया गया है।
रानीसेट… गले में पहने जाने वाला सबसे लंबा हार होता है।
रानीसेट… गले में पहने जाने वाला सबसे लंबा हार होता है।
नथ… नाक में पहनी जाती है। इसे मोतियों और अलग-अलग स्टोन्स से सजाया जाता है।
नथ… नाक में पहनी जाती है। इसे मोतियों और अलग-अलग स्टोन्स से सजाया जाता है।
रखड़ी सेट.. इसे सिर पर सबसे ऊपर मांग में सजाया जाता है।
रखड़ी सेट.. इसे सिर पर सबसे ऊपर मांग में सजाया जाता है।
झुमके… कान में पहने जाते हैं, जो सोने और हीरे से सजे होते हैं।
झुमके… कान में पहने जाते हैं, जो सोने और हीरे से सजे होते हैं।
पायल… चांदी से बनी पायल को अलग-अलग रंग के स्टोन्स से सजाया जाता है।
पायल… चांदी से बनी पायल को अलग-अलग रंग के स्टोन्स से सजाया जाता है।
शोभायात्रा के साथ बाड़मेर में शनिवार को थार महोत्सव शुरू हुआ। तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में कलाकारों ने हुनर दिखाया। 20 मार्च को थार महोत्सव का समापन होगा।
शोभायात्रा के साथ बाड़मेर में शनिवार को थार महोत्सव शुरू हुआ। तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में कलाकारों ने हुनर दिखाया। 20 मार्च को थार महोत्सव का समापन होगा।
इससे पहले बाड़मेर में शनिवार को थार फेस्टिवल की शुरुआत शोभायात्रा के साथ की गई। शोभायात्रा गांधी चौक से निकाली गई। बैड, रथ, संजे-धजे ऊंट, घोड़े, गैर, दुल्हन की तरह सजीं महिलाएं, गणगौर व कलाकार के दल शोभायात्रा के साथ में रहे। इस दौरान सैलानियों ने कैमरे में इन पलों को कैद किया गया। शोभायात्रा में अंतरराष्ट्रीय और राजस्थानी लोक कलाकार शामिल हुए हैं।

साल 2022 के थार सुंदरी व थार श्री, शोभायात्रा में महिलाएं कलश लेकर हुईं शामिल।
साल 2022 के थार सुंदरी व थार श्री, शोभायात्रा में महिलाएं कलश लेकर हुईं शामिल।

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