LIVEडॉक्टर सड़क पर, मरीज परेशान:राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में निकाल रहे पैदल मार्च; हॉस्पिटल में नहीं मिल रहा इलाज
राइट टू हेल्थ बिल (RTH) के विरोध में सोमवार को जयपुर में डॉक्टर्स ने शक्ति प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के बाहर से पैदल मार्च निकाल रहे हैं। इधर, बिल के विरोध और डॉक्टरों के समर्थन में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसमें मेडिकल सर्विस बंद करने की बात कही है।
जोधपुर में प्राइवेट डॉक्टर गांधी स्टैच्यू के पास धरना दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के पीजी रेजिडेंट काम पर लौट चुके हैं।
जोधपुर में प्राइवेट डॉक्टर गांधी स्टैच्यू के पास धरना दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के पीजी रेजिडेंट काम पर लौट चुके हैं।
जयपुर जिले में पौने दो सौ हॉस्पिटल
प्राइवेट हॉस्पिटल्स पर ये हो सकती है कार्रवाई
राज्य सरकार ने अधिकांश बड़े और मीडियम अस्पतालों को रियायती दर पर जमीन आवंटित कर रखी है। उनका आवंटन निरस्त करने का अधिकार सरकार के पास है।
जिन अस्पताल की बिल्डिंग संबंधित नगरीय निकाय (नगर पालिका, नगर निगम, यूआईटी या विकास प्राधिकरण) से बिना अप्रूव करवाए बनी है, उन इमारतों को सील किया जा सकता है।
जिन अस्पताल संचालकों की बिल्डिंग परिसर में पार्किंग और फायर फाइटिंग की सुविधा नहीं है, उनको सील किया जा सकता है या पेनल्टी लगाई जा सकती है।
नगर पालिकाएं और नगर निगम इन अस्पताल से नॉर्मल रेट पर नगरीय विकास कर (यूडी टैक्स) वसूलता है। उसे सरकार कॉमर्शियल रेट पर वसूल कर सकती है।
जिन अस्पतालों ने अप्रूव नक्शे से अलग अवैध निर्माण कर लिया है, उस अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई की जा सकती है।
21 मार्च को विधानसभा में बिल हुआ था पास
बीजेपी के तमाम विरोध और हो-हल्ला के बीच राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ (स्वास्थ्य के अधिकार) बिल 21 मार्च को पास हो गया था। इसी के साथ राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य बना है, जहां राइट टू हेल्थ बिल पारित हुआ है। सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल इलाज से अब मना नहीं कर सकेंगे। यहां के हर व्यक्ति को इलाज की गारंटी मिलेगी।
इमरजेंसी की हालत में प्राइवेट हॉस्पिटल को भी फ्री इलाज करना होगा। प्राइवेट हॉस्पिटल में इमरजेंसी में फ्री इलाज के लिए अलग से फंड बनेगा। ऐसे मामलों में किसी भी तरह की हॉस्पिटल स्तर की लापरवाही के लिए जिला और राज्य स्तर पर प्राधिकरण बनेगा। इसमें सुनवाई होगी। दोषी पाए जाने पर 10 से 25 हजार रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है।
इलाज से मना नहीं कर सकेंगे हॉस्पिटल
राइट टू हेल्थ का उल्लंघन करने और इलाज से मना करने पर 10 से 25 हजार तक का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। पहली बार उल्लंघन पर जुर्माना 10 हजार और इसके बाद 25 हजार तक होगा। राइट टू हेल्थ बिल की शिकायतें सुनने और अपील के लिए जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण और राज्य स्तर पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण बनेगा। प्राधिकरण में ही शिकायतें सुनी जाएंगी। बिल के उल्लंघन से जुड़े मामले में प्राधिकरण के फैसले को किसी सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकेगी।
जानिए क्या है बिल में
राइट टू हेल्थ में क्या कवर होगा?
राइट टू हेल्थ में बायो-टेरोरिज्म (जैव आतंकवाद), बायो टेक्नोलॉजी, नेचुरल बायोलॉजिकल खराबी पैदा करने वाले या बायोलॉजिकल वेपन, बैक्टीरिया, वायरस, जहरीले तत्व, बायो प्रोडक्ट्स से होने वाले नुकसान भी कवर होंगे।
केमिकल अटैक, नेचुरल हॉरर (प्राकृतिक विभीषिका), परमाणु हमला या दुर्घटना, प्रभावित आबादी की बड़ी तादाद में मौत, जनहानि, प्रभावित आबादी पर लम्बे समय के लिए प्रभाव या गंभीर रूप से अक्षम होने, वायरल या जहरीले तत्वों, गैसों का फैलना और उससे होने वाले जोखिम शामिल किए गए हैं।
एपिडेमिक यानी महामारी के दौरान राइट टू हेल्थ प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य को इलाज का सुरक्षा कवच देगा।
मेडिकल एंड हेल्थ के किसी भी मेथड (पद्धति) में रिप्रोडक्टिव हेल्थ, इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट, डायग्नोसिस, नर्सिंग, रिहेबिलिटेशन, हेल्थ रिकवरी, रिसर्च, जांच, उपचार, प्रोसीजर्स और अन्य सर्विसेज इसमें शामिल हैं।
सभी तरह के गवर्नमेंट और प्राइवेट इंस्टीट्यूट, फैसिलिटी, बिल्डिंग, जगह या उसका पार्ट इसमें शामिल हैं।
इनडोर, आउटडोर यूनिट्स, सरकारी या प्राइवेट स्वामित्व से चलाए जा रहे संस्थान, फंडेड और कंट्रोल्ड इंस्टीट्यूट्स इसमें शामिल होंगे।
राइट टू हेल्थ में राजस्थान के हर व्यक्ति को बीमारी का डायग्नोसिस, जांच, इलाज, भावी रिजल्ट और संभावित जटिलताओं और एक्सपेक्टेड खर्चों के बारे में अच्छी तरह जानकारी मिल सकेगी।
एक्ट के तहत बनाए गए रूल्स के जरिए आउट डोर पेशेंट्स (OPD), इनडोर भर्ती पेशेंट्स, डॉक्टर को दिखाना और परामर्श, दवाइयां, डायग्नोसिस, इमरजेंसी ट्रांसपोर्टेशन यानी एम्बुलेंस सुविधा, प्रोसीजर और सर्विसेज, इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिलेगा।
मरीज को बीमारी की नेचर, कारण, वास्तविक जांच, केयर, इलाज और रिजल्ट, सम्भावित जटिलताओं और एक्सपेक्टेड खर्चों के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।
मरीजों को सभी पब्लिक हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की ओर से उनके मेडिकल केयर लेवल के अनुसार फ्री ट्रीटमेंट दिया जाएगा।
फीस या चार्ज के एडवांस पेमेंट के बिना इमरजेंसी कंडीशन के दौरान बिना देरी किए प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर जरूरी इमरजेंसी ट्रीटमेंट फैसिलिटी और इंटेंसिव केयर, इमरजेंसी डिलीवरी और ट्रीटमेंट देंगे।
कोई मेडिको-लीगल मामला है, तो हेल्थ केयर प्रोवाइ़डर केवल पुलिस की एनओसी या पुलिस रिपोर्ट मिलने के आधार पर इलाज में देरी नहीं करेगा।
मरीज को डॉक्यूमेंट, जांच रिपोर्ट, इलाज के डिटेल और पार्टिकुलर वाइज बिलों तक पहुंच होगी।
सर्जरी, कीमोथैरेपी की पहले से ही सूचना देकर मरीज या उसके परिजनों से सहमति लेनी होगी।
इलाज के दौरान सीक्रेसी, मानव गरिमा और गोपनीयता का ख्याल रखा जाएगा।
किसी मेल वर्कर की ओर से महिला पेशेंट के फिजिकल टेस्ट के दौरान महिला की उपस्थिति जरूरी होगी।
उपलब्ध ऑप्शनल ट्रीटमेंट मेथड का सलेक्शन मरीज कर सकेगा।
हर तरह की सर्विस और फैसिलिटी की रेट और टैक्स के बारे में सूचना पाने का हक मिलेगा।
ट्रीटमेंट के दौरान दवा लेने और जांच के सोर्सेस का सलेक्शन किया जा सकेगा।
हेल्थ की कंडीशन के बारे में मरीज को एजुकेट किया जाएगा।
सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट मेडिकल इंस्टीट्यूट से रेफरल ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा मिलेगी।
डॉक्टर की सलाह के खिलाफ जाकर हॉस्पिटल या ट्रीटमेंट सेंटर छोड़ने वाले मरीज के मामले में इलाज का ब्योरा प्राप्त किया जा सकेगा।
रोड एक्सीडेंट्स में फ्री ट्रांसपोर्टेशन, फ्री ट्रीटमेंट औरर फ्री इंश्योरेंस कवर इस्तेमाल होगा।
सेकेंड ओपिनियन लेने के लिए पहले से ट्रीटमेंट करने वाले हेल्थ प्रोवाइडर से ट्रीटमेंट डिटेल और इन्फॉर्मेशन लेने का अधिकार मिलेगा।
एक्ट शुरू होने की तारीख से 6 महीने के अंदर u कम्प्लेंट रिड्रेसल सिस्टम क्रिएट करेगी।
वेब पोर्टल, सहायता केंद्र शिकायतों को 24 घंटे के अंदर संबंधित अधिकारी या ऑब्जर्वर को भेजेगा।
संबंधित अधिकारी अगले 24 घंटे के अंदर शिकायत करने वाले को जवाब देगा।
अगर 24 घंटे में शिकायत का सॉल्यूशन अधिकारी नहीं करता है तो वह शिकायत डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी को तुरंत फॉरवर्ड की जाएगी।
डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी शिकायत मिलने के 30 दिन में उचित कार्रवाई करेगी और उसकी रिपोर्ट वेब पोर्टल पर अपलोड करेगी। शिकायतकर्ता को भी सूचना दी जाएगी। शिकायतकर्ता को बुलाकर सॉल्यूशन की कोशिश भी की जाएगी।
डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी की ओर से 30 दिन में सॉल्यूशन नहीं होने पर शिकायत को स्टेट हेल्थ अथॉरिटी को फॉरवर्ड किया जाएगा।
स्टेट हेल्थ अथॉरिटी, हर जिले में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी बनेगी
राजस्थान में स्टेट हेल्थ अथॉरिटी बनेगी। जिसमें जॉइंट सेक्रेटरी या उससे ऊपर रैंक का आईएएस अधिकारी अध्यक्ष होगा। हेल्थ डायरेक्टर मेंबर सेक्रेटरी होंगे। जबकि मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर, राजस्थान स्टेट हेल्थ इंश्योरेंस एजेंसी के जॉइंट सीईओ, आयुर्वेद डायरेक्टर, होम्योपैथी डायरेक्टर, यूनानी डायरेक्टर सदस्य होंगे।
सरकार की ओर से नॉमिनेटेड दो लोग जिन्हें पब्लिक हेल्थ और हॉस्पिटल मैनेजमेंट की नॉलेज हो, वह मेंबर होंगे। पदेन सदस्य के अलावा सभी मेंबर्स की नियुक्ति 3 साल के लिए होगी। 6 महीने में कम से कम एक बार हेल्थ अथॉरिटी की बैठक होगी। साल में 2 बार बैठक करनी होगी।
राजस्थान के सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी भी बनाई जाएगी। स्टेट हेल्थ अथॉरिटी बनने की तारीख से 1 महीने के अंदर डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी की ऑटोनॉमस बॉडी बनाई जाएगी। इसमें जिला कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होगा। जिला परिषद सीईओ पदेन सह अध्यक्ष होगा।
डिप्टी सीएमएचओ पदेन सदस्य, जिला आयुर्वेद अधिकारी और पीएचईडी के एसई पदेन सदस्य होंगे। राज्य सरकार करी ओर से नॉमिनेटेड दो मेंबर सदस्य होंगे। जिला परिषद का प्रमुख इसका सदस्य होगा। साथ ही पंचायत समितियों के 3 प्रधान सदस्य होंगे। पदेन मेंबर्स के अलावा सभी सदस्यों की नियुक्ति 3 महीने के लिए होगी।
ये भी पढ़ें
सरकार और डॉक्टर्स के बीच वार्ता विफल:डॉक्टरों ने दो टूक कहा- हमें राइट टू हेल्थ बिल मंजूर नहीं; केवल सीएम से ही करेंगे बातचीत
राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में हड़ताल पर चल रहे डॉक्टर्स के साथ सरकार की वार्ता विफल हो गई। रविवार को दोपहर 3 बजे सचिवालय में मुख्य सचिव उषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा, प्रमुख सचिव टी रविकांत और जयपुर कलेक्टर की मौजूदगी में डॉक्टर्स से बातचीत हुई। बैठक में डॉक्टर्स ने दो टूक कहा- हमें राइट टू हेल्थ बिल मंजूर नहीं है। बिल वापस लीजिए। ये बोलकर डॉक्टर्स सचिवालय से वापस चले आए हैं
More Stories
एक दिवसीय कार्यशाला sc-st अत्याचार उत्पीड़न निवारण अधिनियम 1989,2018 पर रखी गयी!
शरीर पर 16 घाव, पत्थर से फूटा सिर, साक्षी की शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा
मोदी सरकार की तानाशाही चरम पर, जनता देगी करारा जवाब- हनुमान बेनीवाल..!!