आनासागर सर्कुलर रोड योजना में व्यवसायिक मानचित्र को निरस्त करने की मांग
अजमेर ! नगर निगम अजमेर के पूर्व उपायुक्त एवं वार्ड 72 के पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने नगर निगम अजमेर के आयुक्त को पत्र लिखकर आनासागर सर्कुलर रोड योजना में व्यावसायिक मानचित्र को निरस्त करने की मांग की है !
पार्षद रलावता ने नगर निगम अजमेर की आयुक्त को पत्र लिखकर बताया कि आनासागर सर्वयूलर रोड योजना का प्लॉट सं. जी 1 का व्यवसायिक मानचित्र गलत तरीके से स्वीकृत किया गया है उक्त भूखण्ड पर पूर्व में आवासीय नक्शा स्वीकृत कराया गया था जिसके विपरीत उक्त भूखण्ड पर व्यवसायिक गतिविधियों के लिये निर्माण कर लिया गया था एवं शिकायत की जांच पश्चात व्यवसायिक रूप से निर्माण पाये जाने पर तत्कालीन समय पर नगर निगम द्वारा उक्त सम्पति को सीज कर लिया गया था।
पार्षद रलावता ने पत्र में बताया कि नगर निगम द्वारा किये गये सीज के विरूद्ध भूखण्ड स्वामी द्वारा न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया गया एवं भूखण्ड स्वामी द्वारा न्यायालय को अवगत कराया गया कि उसका पुष्कर क्षेत्र में गोपालन का व्यवसाय है एवं गोपालन हेतु जो खाद्य सामग्री स्टॉक की जाती है व सामग्री मेरे द्वारा मेरे उक्त भूखण्ड में निर्मित कमरों में रखी जाती है जिन कमरों पर शटर लगे हुए है परन्तु मेरे द्वारा इन कमरों का व्यवसायिक उपयोग नही किया जा रहा है। नगर निगम द्वारा कमरों को शटर लगी दुकान बताया जाना गलत है एवं न्यायालय द्वारा मात्र शटर लगाना व्यवसायिक उपयोग नही होता है। अतः उक्त प्रकरण में न्यायालय ने निगम को सीज खोलने के आदेश प्रदान किये है तत्पश्चात उक्त भवन में निर्मित दुकानों में व्यवसायिक गतिविधियां करने पर जानकारी लेने से ज्ञात हुआ कि उक्त भूखण्ड स्वामी द्वारा नगर निगम से व्यवसायिक मानचित्र स्वीकृत करा लिया गया है। उक्त मानचित्र श्री दिनेश जैन, श्री संजय जैन, श्री योगेश जैन पुत्र श्री ताराचन्द जैन के नाम से स्वीकृत कर दिया गया है परन्तु उक्त भूखण्ड के निर्माण मे ना तो सेट बेक छोडा गया है ना ही रोड वर्त में आने वाला स्थान रिक्त छोडा गया है एवं भवन की ऊचाई अत्याधिक ले ली गई है जिसमें वर्तमान में भवन की ऊपरी मंजिल में होटल का संचालन किया जा रहा है।
पार्षद रलावता ने इस भूखण्ड पर स्वीकृत मानचित्र की पत्रावली के अवलोकन बाबत राज. नगर पालिका अधिनियम की धारा 52 के बिन्दु सं. 3 के तहत निगम में योजना शाखा में आवेदन किया गया था उस पत्र के प्रत्यूतर में उपायुक्त नगर निगम अजमेर द्वारा दिनांक 18.10.2024 को क्रमांक योजना/2023-24/360 द्वारा सूचित किया गया कि उक्त व्यवसायिक मानचित्र स्वीकृति हेतु पत्रावली का संधारण भवन शाखा द्वारा किया गया है तथा स्वीकृति पश्चात उक्त स्वीकृत मानचित्र का डिस्पेज योजना शाखा से कराया गया है एवं भवन शाखा प्रभारी से पत्रावली योजना शाखा में भेजने हेतु पत्र जारी किया गया है पत्रावली प्राप्त होने पर आपको अवलोकन कराया जायेगा !
उन्होंने पत्र में बताया कि व्यवसायिक मानचित्र स्वीकृती प्रदान किया गया भूखण्ड आनासागर सर्वयूलर योजना का प्लॉट है जिस पर व्यवसायिक मानचित्र स्वीकृत करने का संदारण योजना शाखा द्वारा किया जाना था क्योकि योजना शाखा में उक्त भूखण्ड की पत्रावली है जिसमें भूखण्ड के सेटबेक संबधित विवरण अंकित है परन्तु उक्त मानचित्र की स्वीकृती भवन शाखा प्रभारी द्वारा जारी की गई है जिसमे ना तो सेट बेक का ध्यान रखा गया है ना ही पूर्व में न्यायालय में वाद था उसका ध्यान रखा गया है इस तरीके से भूखण्ड स्वामी को अनुचित लाभ प्रदान करने के लिये भवन शाखा से मानचित्र स्वीकृत करा कर इसका डिस्पेज योजना शाखा से करा दिया गया है जिससे कि नगर निगम अजमेर में व्याप्त अनियमितता एवं भ्रष्टाचार पर पर्दा पड़ा रहे ।
पार्षद रलावता ने पत्र में इस कार्यवाही में भवन शाखा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर जानबुझकर पत्रावली का संदारण भवन शाखा से किया है उनके विरूद्ध सर्विस रूल की धारा 16/17 की जांच कर उन्हे दण्डित करने एवं स्वीकृत व्यवसायिक मानचित्र को निरस्त करने के म
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