कबड्डी में प्वाइंट कैसे स्कोर किए जाते हैं?
एक रेडर के पास रेड के दौरान अंक हासिल करने के दो तरीके होते हैं।
पहला तरीका रेडर जब कबड्डी बोलने जाता है और विपक्षी खेमे के खिलाड़ी को टच करके सफलतापूर्वक अपने हाफ में लौट आता है तब उसे टच प्वाइंट मिलता है।
यदि टच प्वाइंट स्कोर हो जाता है, तो रेड के दौरान टैग किए गए विपक्षी या डिफेंडर मैट से बाहर हो जाते हैं। तब रेडर को उतने टच प्वाइंट मिलते हैं, जितने खिलाड़ी उसने रेड के दौरान मैट से बाहर कर दिए हों।
कबड्डी में एलिमिनेट हुए खिलाड़ी दोबारा मैट पर आ सकते हैं, अगर उनकी टीम के रेडर विपक्षी खेमे में जाकर रेड के दौरान टच प्वाइंट अर्जित करें या विपक्षी रेडर को अपने हाफ में ही दबोच लें और वह अपनी रेड पूरी नहीं कर पाएं।
दोबारा रेडर या डिफेंडर के वापस आने की प्रक्रिया वैसी ही होती है, जैसी एलिमिनेट होने की होती है।
उसी तरह जैसे एक रेडर कबड्डी बोलने के दौरान विपक्षी डिफेंडर के दौरा टैकल कर लिया जाता है, तब डिफेंडिंग टीम को एक प्वाइंट मिलता है और इसे आधुनिक कबड्डी में टैकल प्वाइंट कहा जाता है।
यदि कोई रेडर रेड के दौरान उसका कैंट यानी उसकी सांस टूट जाती है, वह आउट हो जाता है और डिफेंडिंग टीम को इस तरह एक प्वाइंट मिल जाता है।
अगर एक टीम विपक्षी टीम के सभी सात खिलाड़ियों को एलिमिनेट करने में सफल हो जाती है, तो उसे ऑलआउट या लोना करने के लिए दो अतिरिक्त अंक दिए जाते हैं। टीम के लोना या ऑलआउट होने के बाद सभी खिलाड़ी जीवित हो जाते हैं और खेल दोबारा शुरू हो जाता है।
ये ध्यान देने वाली बात है कि एक रेडर बिना एलिमिनेट हुए भी वापस अपने खेमे में लौट सकता है, यदि वह बॉक लाइन (या तो दोनों पैर बॉक लाइन के पार हों या उनका एक पैर बॉक लाइन के पार हो, जबकि उनका दूसरा पैर हवा में हो) को पार करने में सफल होता है। केवल बॉक लाइन को पार करके भी वह सुरक्षित वापस लौट सकता है, लेकिन उसे कोई प्वाइंट नहीं मिलेगा। साथ ही ऐसे में उसका कोई भी साथी रिवाइव भी नहीं होगा, इसे एंप्टी रेड कहते हैं।
एक और तरीके से रेडर स्कोर कर सकता है और बोनस प्वाइंट हासिल कर सकता है। इसके लिए रेडर को एक पैर बोनस लाइन तक पहुंचाना होता है, जबकि दूसरा पैर हवा में लहराना होता है। हालांकि बोनस प्वाइंट तभी एक्टिव होता है, जब डिफेंडिंग टीम के खेमे में कम से कम या उससे ज्यादा खिलाड़ी मैट पर मौजूद रहें।
साथ ही खेल के इस पूरे सीक्वेंस के दौरान यदि कोई डिफेंडर या रेडर सीमा रेखा के बाहर कदम रखता है, तो वह आउट हो जाता है और विपक्षी टीम को एक अंक और एक खिलाड़ी को रिवाइवल करने का मौका मिलता है। लॉबी क्षेत्र भी खेल की सीमा से बाहर माना जाता है जब तक कि डिफेंडर रेडर के साथ संपर्क नहीं करता, इसे स्ट्रग्ल भी कहा जाता है।
स्ट्रग्ल से पहले लॉबी में कदम रखने से मैट की सीमाओं के बाहर कदम रखने के समान पेनल्टी का प्रावधान होता है।
अगर नॉकआउट कबड्डी मुकाबला टाई हो जाता है, तब फैसले के लिए सात मिनट का मिनी मैच खेला जाता है, जो दो हिस्से में होता है। फिर भी परिणाम नहीं निकलता है तब मैच का फैसला गोल्डन रेड से निकाला जाता है, जहां एक बॉक लाइन दूसरी बॉक लाइन तक जाती है।
यदि गोल्डन रेड के बाद भी मैच ड्रॉ होता है, तो विजेता का फैसला सिक्का उछालकर किया जाता है।
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