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समयबद्ध व शुचिता पूर्ण परीक्षा आयोजन प्राथमिकताआयोग अध्यक्षः- श्री संजय श्रोत्रिय

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समयबद्ध व शुचिता पूर्ण परीक्षा आयोजन प्राथमिकता

आयोग अध्यक्षः- श्री संजय श्रोत्रिय

अजमेर, 21 दिसंबर। राजस्थान लोक सेवा आयोग 22 दिसंबर को अपना 74 वां स्थापना दिवस मनाएगा। इस अवसर पर आयोग अध्यक्ष श्री संजय श्रोत्रिय द्वारा प्रेस कांफ्रेंस में आयोग की वर्ष 2022 के दौरान अर्जित उपलब्धियों व किए गए नवाचारों के संबंध में जानकारी दी गई। इस दौरान आयोग सदस्य डाॅ संगीता आर्य, श्री जसवंत सिंह राठी, श्री बाबूलाल कटारा एवं डाॅ मंजू शर्मा भी उपस्थित रहीं।

आयोग अध्यक्ष श्री संजय श्रोत्रिय ने कहा कि इस वर्ष किए गए प्रक्रिया संवर्धन तथा नवाचारों से समयबद्ध व शुचिता पूर्ण भर्ती परीक्षा कराने का संकल्प साकार हुआ है। आयोग द्वारा आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए परीक्षार्थियों की सुविधार्थ अनेक प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है, जिससे अभ्यर्थियों के समय, श्रम और धन की बचत भी होने लगी है। इसका सदुपयोग अभ्यर्थी परीक्षाओं की तैयारी में कर सकते है। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी भी परीक्षा की तैयारी आयोग को पहले से करनी होती है। राज्य सरकार से प्राप्त अभ्यर्थनाओं का परीक्षण, प्रश्न-पत्र निर्माण, विशेषज्ञ कमेटी, परीक्षा केंद्र व्यवस्था जैसे विभिन्न कार्यों को समयबद्ध तरीके व पूर्ण गोपनीयता से करना होता है। इस प्रक्रिया में समय लगता है। जल्दबाजी में किए गए कार्यों से भर्तियों के विवादों में आने की आशंका रहती है। भर्ती समय पर हो एवं नियमानुसार हो इसके लिए आवश्यक है कि सभी पहलुओं पर पूर्णतः कार्य कर लिया जाए।

श्री श्रोत्रिय ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं में देरी के प्रमुख कारणों में परीक्षा केंद्रों की अनुपलब्धता, विभिन्न तकनीकी कारणों से आवेदन व संशोधन अवधि का बढाया जाना, कोचिंग माफिया द्वारा अभ्यर्थियों को उकसाकर विवाद उत्पन्न करना रहता है। आवेदन भरते समय की गई लापरवाही के कारण हुई त्रुटिया भी बाद में विवाद का कारण बनती है। कई बार विभागीय भर्ती के नियम स्पष्ट नहीं होते है। इन जैसे विभिन्न कारणों से भर्ती प्रक्रिया संबंधी वाद न्यायालय में लंबित भी हो जाते हैं। आयोग द्वारा यथासंभव बाधाओं के निवारण का प्रयास इस वर्ष के दौरान कार्य किया गया। इसका ही परिणाम है कि इस बार 93 भर्ती परीक्षाओं में से 92 परीक्षाएं समय पर संभव हो सकी हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती परीक्षाओं के आयोजन के साथ ही विभिन्न अन्य कार्य भी आयोग द्वारा किए जाते हैं। साक्षात्कार, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें, भर्ती नियमों में संशोधन एवं अन्य विभागीय कार्य भी साथ-साथ चलते हैं। इस वर्ष के कार्यों को देखें तो स्पष्ट होता है कि आयोग द्वारा पूर्ण क्षमता से निरंतर कार्य किया गया है। वर्ष 2023 में होने वाली विभिन्न परीक्षाओं का तिथिवार कार्यक्रम भी आयोग द्वारा जारी किया जा चुका है। हमारा पूर्ण प्रयास इस अनुसार परीक्षा आयोजन का रहेगा।

साक्षात्कार आयोजन संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री श्रोत्रिय ने कहा कि नियमित रूप से साक्षात्कारों का आयोजन किया जा रहा है। पूर्ण क्षमता से कार्य करें तो भी एक दिन में 70-75 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार ही लिए जा सकते हैं। वर्ष 2018, 2020 एवं 2021 की विभिन्न भर्तियों के लंबित साक्षात्कारों का आयोजन प्राथमिकता से किया गया। संभव है कि जनवरी माह में उप निरीक्षक भर्ती के साक्षात्कारों का आयोजन भी आयोग द्वारा किया जाएगा। इसी प्रकार आरएएस भर्ती-2021 के साक्षात्कारों की तिथि की घोषणा करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

श्री श्रोत्रिय ने कहा कि परीक्षा की शुचिता को भंग करने के नए-नए प्रयास होने लगे हैं। इसको देखते हुए आयोग द्वारा भी प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया है। यह प्रसन्नता का विषय है कि आयोग स्तर पर पेपर लीक जैसा कोई प्रकरण आज तक तक सामने नहीं आया है।

ऑनलाइन परीक्षा आयोजन की संभावनाओं पर श्री श्रोत्रिय ने कहा कि आयोग की परीक्षाओ में लाखों की संख्या में अभ्यर्थी सम्मिलित होते हैं। ऐसे में परीक्षाओं के आयोजन के लिए बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर चाहिए होता है। ऑनलाइन परीक्षाओं के आयोजन को किसी अन्य प्राइवेट एजेंसी आउटसोर्स करने पर सुरक्षा व गोपनीयता संबंधी प्रश्न खडे हो सकते हैं। ऐसे में इस पर पूर्ण सावधानी से विचार कर कार्य करना होगा।

श्री श्रोत्रिय ने कहा कि आयोग द्वारा परीक्षा आयोजन, परिणाम तथा अभ्यर्थियों की सुविधार्थ विभिन्न निर्णय तत्परता से लागू किए गए। अभी तक किए गए कार्य और नवाचारों का सफल क्रियान्वयन यह उम्मीद जगाता है कि आने वाला समय और अधिक उन्नति भरा होगा।

आयोग सदस्य श्री जसवंत सिंह राठी ने बताया कि वादकरण को कम करने की दिशा में आयोग द्वारा विभिन्न प्रयास किए गए हैं। प्री-लिटिगेशन कमेटी का उद्देश्य भी अभ्यर्थियों को आयोग के स्तर पर ही राहत व उचित निर्णय उपलब्ध करवाना है। किया गया। इसके अतिरिक्त आयोग की और से सुझाव पेटी, तथा ऑनलाइन विकल्प भी अभ्यर्थियों को परिवेदना दर्ज कराने के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। इस वर्ष कमेटी की 5 बैठकों का आयोजन किया गया। इनमें 31 प्रकरणों तथा शिकायत निवारण पोर्टल पर प्राप्त 1 हजार 215 प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया गया। उन्होंने कहा कि आयोग का प्रमुख उद्देश्य राजकीय सेवाओं के लिए योग्य, प्रतिबद्ध व समर्पित युवाओं का चयन करना है। आयोग आवेदन से चयन तक भर्ती की पारदर्शी, निष्पक्ष, गुणवत्तापूर्ण एवं त्वरित प्रक्रिया के संवर्धन पर निरंतर कार्य कर रहा है। 

आयोग सचिव श्री एचएल अटल ने आयोग द्वारा वर्ष 2022 जनवरी से दिसंबर माह के दौरान संपादित कार्यो के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि युवा अभ्यर्थियों के लिए वर्ष 2022 सौगातों से भरा हुआ रहा। इस वर्ष राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा शिक्षा, चिकित्सा, कृषि, महिला अधिकारिता तथा स्वायत्त शासन व अन्य विभागो में 17 हजार 378 पदों पर भर्तियांे के 13 विज्ञापन जारी किए गए। उन्होंने कहा कि 21 से 27 दिसंबर तक आयोग द्वारा अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा वरिष्ठ अध्यापक, 2022 (माध्यमिक षिक्षा विभाग) आयोजित की जा रही है। इसमें कुल 12 लाख 23 हजार 524 अभ्यर्थी शामिल होंगे।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष आयोग द्वारा जारी परीक्षा कैलेण्डर के अनुरूप निर्धारित कार्यक्रम अनुसार 19 लाख 72 हजार 309 अभ्यर्थियों के लिए कुल 92 विभिन्न परीक्षाएं आयोजित की गई। इनमें प्रमुखतः व्याख्याता-माध्यमिक एवं संस्कृत षिक्षा विभाग 2022, सहायक आचार्य-चिकित्सा शिक्षा विभाग 2021, सहायक सांख्यिकी अधिकारी 2021, सहायक कृषि अधिकारी/सहायक अनुसंधान कृषि अधिकारी-कृषि विभाग 2021 व 2022 भू-जल विभाग 2022, आदि परीक्षाएं सुचारू रूप से आयोजित की। इसके अतिरिक्त आयोग द्वारा जारी विज्ञापनों में आगामी परीक्षाओं यथा खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सहायक नगर नियोजक, आक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षा अध्यापक, हाॅस्पिटल केयर टेकर आदि परीक्षाओं हेतु कैलेण्डर निर्धारित किया जा चुका है। सतत् एवं व्यवस्थित सुधारों के माध्यम से विभिन्न परीक्षाओं का सुचारू एवं कुशल प्रबंधन किया गया जिसके परिणामस्वरूप अनुचित साधनों और प्रतिरूपण के मात्र 03 मामले दर्ज हुए एवं कदाचारियों को विवर्जित किया गया।

परीक्षा आयोजन संबंधी नवाचारों पर चर्चा के दौरान श्री अटल ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत आयोग द्वारा अभ्यर्थियों को परीक्षा की निर्धारित दिनांक से 3-4 दिन पूर्व ही प्रवेष पत्र जारी कर अभ्यर्थियों की परीक्षा केंद्रों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है ताकि परीक्षाओं में गड़बड़ियों को न्यूनतम किया जा सके। प्रत्येक परीक्षा कक्ष में 24 अभ्यर्थियों के लिए अब 2 अभिजागरों की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार राजकीय भवन में नियोजित परीक्षा केंद्रों के लिए अब एक पर्यवेक्षक तथा निजी संस्थानों में स्थित परीक्षा केंद्रों पर 2 पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने की व्यवस्था की गई है। 3 परीक्षा केंद्रों पर एक उप समन्वयक नियुक्त किया जा रहा है। पूर्व में 6 परीक्षा केंद्रों पर एक उप समन्वयक नियुक्त किया जाता था। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा यथासंभव परीक्षा केंद्र के लिए राजकीय विद्यालयों को प्राथमिकता दी जाती है। पुख्ता व्यवस्थाओं के लिए राजकीय संस्थान में परीक्षा केंद्र पर 50 प्रतिशत इनविजीलेटर अन्य राजकीय शिक्षण संस्थान में से लिए जाते हैं। किंतु यदि परीक्षा केंद्र निजी संस्थान में है तो इनका अनुपात 75 प्रतिशत रखा जाता है। परीक्षा की गोपनीयता बनाए रखने एवं विवर्जित/प्रतिबंधित/नकल की रोकथाम हेतु प्रत्येक परीक्षा केंद्रों पर 02 वीडियोग्राफरों की व्यवस्था अनिवार्यतः किए जाने के निर्देश भी आयोग द्वारा दिए गए हैं।

साक्षात्कार आयोजन संबंधित जानकारी देते हुए श्री अटल ने बताया कि वर्ष 2022 में, आयोग द्वारा उपलब्ध कुल 188 कार्य दिवसों में से नियमित 148 दिवसों पर 40 साक्षात्कार ऐजण्डा निर्धारित कर 6265 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार आयोजित किए। मुख्य रूप से सहायक आचार्य-काॅलेज शिक्षा विभाग 2020, के 31 विभिन्न विषयों के, प्रवक्ता-तकनीकी शिक्षा विभाग 2020, सहायक वन संरक्षक एवं वन रंेजर प्रथम 2018, विधि रचनाकार 2021, अधीक्षक उद्यान 2021, निरीक्षक – फैक्ट्री एवं बाॅयलर्स 2020 के कुल 6265 अभ्यार्थियों के साक्षात्कार लिये गये।

परीक्षा केंद्रों के आवंटन संबंधी प्रश्न पर श्री अटल ने कहा कि यथासंभव सभी परीक्षाएं जिला मुख्यालय पर ही कराए जाने का प्रयास किया जाता है एवं परीक्षा केंद्र भी राजकीय संस्थानों में ही बनाए जाते हैं। किंतु परीक्षार्थियों की अधिक संख्या होने पर निजी संस्थाओं पर भी परीक्षा केंद्र बनाने पड़ते है।
श्री अटल ने कहा कि आयोग द्वारा इस वर्ष भर्तियों को समयबद्ध कराने का पूर्ण प्रयास किया गया है। आरएएस भर्ती, 2021 को भी आयोग यथासंभव 2 वर्ष की अवधि में पूर्ण कराने हेतु प्रयासरत है। कार्यदिवसों के दौरान निरंतर कार्य करते हुए कॉलेज व्याख्याता – 2020 के 31 विषयों में चयन रिकॉर्ड समय 02 वर्ष में पूर्ण किया गया है। इसके साथ ही 96 परिणामों को जारी कर 13074 अभ्यर्थियों का चयन भी आयोग द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि विषेष प्रयासों के कारण कुल 450 वादकरणों का विभिन्न माननीय न्यायालयों द्वारा निस्तारण करवाया गया। इसमे से लगभग 75 प्रतिशत आयोग के पक्ष में निर्णित हुए। इससें आगामी परीक्षाओं को समय पर करवाया जाना संभव हो सकेगा। इन कार्यों के साथ ही डीपीसी, विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन तथा नव पाठ्यक्रम निर्माण एवं पुनरीक्षण के कार्यों को भी किया गया।

आयोग द्वारा शुरू की गई वन टाइम रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए श्री अटल ने कहा कि अभी तक इस पर 33.44 लाख अभ्यर्थियों का पंजीकरण हो चुका है।उन्होंने कहा कि आयोजित की गयी परीक्षाओं के विभिन्न कार्यों में आयोग के सभी माननीय सदस्यगण, अधिकारी तथा समस्त स्टाफ ने निर्धारित समयावधि एवं अवकाश के दिनों में भी सतत रूप से अथक परिश्रम किया है जिसके बिना किसी भी कार्य का सुगम संपादन संभव नहीं था।

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