अवसरों से भरी है राष्ट्रीय शिक्षा नीति] लाभ उठाएं विश्वविद्यालय: कलराज मिश्र
o देश में पहली बार जयपुर में आयोजित हुई मुक्त विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की कांफ्रेंस] खुला विश्वविद्यालय कोटा ने किया आयोजन
o राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने को लेकर हुआ मंथन] अवसरों और चुनौतियों पर खुलकर बोले कुलपतिगण व शिक्षाविद्
o कांफ्रेंस में संवाद के बाद तैयार किया गया प्रतिवेदन केन्द्र सरकार और यूजीसी को भेजा जाएगा
जयपुर। जयपुर में देश में पहली बार मुक्त विश्वविद्यालयों के कुलपतिगणों की आल इंडिया कांफ्रेंस का आयोजन वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा द्वारा रविवार को किया गया। इस कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि रहे राज्य के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र। विशिष्ट अतिथि रहे इग्नू नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव व आयोजनकर्ता वीएमओयू के कुलपति प्रोफेसर कैलाश सोडाणी। अपने उद्बोधन में कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने कहा कि आज उच्च शिक्षा में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का महत्व बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अवसरों से भरी है और उसका फायदा हर विश्वविद्यालय को समय से उठाना चाहिए। श्री मिश्र ने कहा कि महिलाएं] युवा] कामगार] दिव्यांग और रोजगार तलाश रहे युवकों के लिए मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा काफी लाभदायक है जिसमें अपनी जरूरतों के हिसाब से पढ़ने की आजादी है। उन्होंने कहा कि व्यवसायोन्मुखी शिक्षा के अलावा कौशल विकास वाली शिक्षा देने पर विश्वविद्यालय जोर दें जिससे युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सकेगा। श्री मिश्र ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है और वीएमओयू इस लिहाज से काफी अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के इस एकमात्र विश्वविद्यालय वीएमओयू में महिलाओं की फीस का पुनर्भरण राज्य सरकार कर रही है और इस नाते महिला शिक्षा की दिशा में एक नया उदाहरण राजस्थान ने पेश किया है] देश के दूसरे राज्यों को भी इसका अनुसरण करना चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि सभी कुलपतिगण मुक्त एवं दूरस्थ के माध्यम से उच्च शिक्षा में आने वाली चुनौतियों को दूर करने का रोडमैप तैयार करें] जिससे आने वाले समय में युगीन आवश्यकताओं के हिसाब से पाठ्यक्रम बनाए जा सकें] जिनमें भारतीयता का समावेश हो।
इससे पहले वर्धमान महावीर खुला विवि के कुलपति प्रो कैलाश सोडाणी ने मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पारंपरिक विश्वविद्यालयों की अपेक्षा मुक्त एवं दूरस्थ विश्वविद्यालयों को तमाम प्रतिबंधों के दायरे में रखने की कोशिश की जा रही है। प्रो सोडाणी ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो और यूजीसी ने कई ऐसे नियम बना रखे हैं जो वास्तव में चैलेंज पैदा कर रहे हैं और विश्वविद्यालय की स्मूथ कार्यप्रणाली में बाधक बन रहे हैं] साथ ही नैक मूल्यांकन की चुनौती से देश के अनेक विश्वविद्यालय और महाविद्यालय कई प्रकार की परेशानियों को सहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीएमओयू बालिकाओं की शिक्षा को सुगम बनाने में तत्पर है और राज्य सरकार बालिकाओं की फीस का पुनर्भरण कर रही है जो भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा कि आज आनलाइन शिक्षा और दूरस्थ शिक्षा का महत्व बढ़ता जा रहा है। प्रो सोडाणी ने दोहराया कि बुनियादी समस्याओं को दूर करके ही मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा को मजबूत बनाया जा सकता है। अपने विशिष्ट उद्बोधन में इग्नू नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में बहुत ऐसी बातें हैं जो हमारे काम की है। छात्रों को पढ़ने की तमाम सुविधाओं के अलावा क्रेडिट ट्रांसफर की व्यवस्था है और बहुविषयक प्रणाली के चलते अब विद्यार्थी कोई भी विषय पढ़ सकता है। प्रो राव ने कहा कि शिक्षा नीति में भाषाओं के अध्ययन की व्यवस्था पर जोर है और इसी के चलते सकल नामांकन अनुपात को बढ़ाने की बात कही जा रही है। उन्होंने स्वयम् पोर्टल और स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से हो रही पढ़ाई का भी जिक्र किया। प्रो राव ने कहा कि नई शिक्षा नीति में अपार संभावनाएं हैं और अब शिक्षकों को नए तरीके के टीचिंग पैटर्न तैयार करने होंगे। कांफ्रेंस समन्वयक प्रो बी अरूण कुमार ने सभी का स्वागत किया और डा रश्मि बोहरा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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