अजमेर,24 अप्रैल
इस बार ईद के मौके पर ईदगाह के बाहर सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेता ही जुटे । भाजपाई नेताओं ने यहां से दूरी बनाए रखी । इससे एक बड़ा संकेत मिल रहा है कि 2023 में विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव भाजपा कट्टर हिंदूत्व के आधार पर ही लड़ेगी ।
ईद के मौके पर ईदगाह पर पूरे शहर की बड़ी नमाज होती है । ईदगाह के बाहर राजनीतिक दलों के टेंट लगते आए हैं । यहीं पर राजनीतिक दलों के नेता मुस्लिम भाइयों का इंतजार करते हैं । नमाज़ अदा करने के बाद सभी नमाज़ी इन टेंट के सामने से गुजरते हुए अपने घरों को लौटते हैं । यहीं पर सभी नेता मुस्लिम भाइयों से गले मिलकर ईद की बधाई देते हैं ।
कुछ अरसे पहले तक ईदगाह के बाहर भाजपा का टेंट भी लगा करता था । तत्कालीन भाजपाई सांसद स्वर्गीय रासा सिंह रावत , विधायक श्रीमती अनिता भदेल के साथ भाजपा के कई नेता भी मुस्लिम भाइयों को ईद की मुबारकबाद देते थे । इस बार भाजपा के नेता ईदगाह से नदारद थे । यहां तक कि भाजपा का कोई टेंट भी नहीं लगा । यह बदलाव पिछले दो-तीन सालों से आया है ।
इतना ही नहीं भाजपाइयों ने इस बार शहर में होने वाली रोज़ा इफ्तार पार्टियों से भी दूरी बनाए रखी । एक समय था जब स्वर्गीय रासा सिंह रावत , तत्कालीन शहर भाजपा अध्यक्ष स्वर्गीय पूर्णाशंकर दशोरा , विश्वविद्यालय से जुड़े भाजपाई शिक्षाविद सहित कई भाजपा नेता इन रोज़ा इफ्तार पार्टियों की शोभा बढ़ाते थे । अब भाजपाई नेताओं ने ऐसी पार्टियों से किनारा कर लिया है ।
इन दोनों बदलावों से भाजपा से जुड़े मुस्लिम कार्यकर्ता भी बहुत निराश हैं । ईदगाह में नमाज़ अदा करके जब यही कार्यकर्ता बाहर निकलते हैं तो उन्हें ईद की मुबारकबाद देने के लिए उनकी ही पार्टी के नेता नदारद होते हैं ।
इस बदलाव से यह स्पष्ट संकेत है कि भाजपा अगले सभी चुनाव कट्टर हिंदूत्व के आधार पर ही लड़ेगी ।
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