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जानें पिछले जन्म में क्या थे आप?

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जानें पिछले जन्म में क्या थे आप?

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आपने अक्सर ज्योतिषविदों को पूर्वजन्म के रहस्यों के बारे में बताते देखा होगा। ये लोग कुंडली देखकर बता देते हैं कि पूर्वजन्म में हम क्या थे, कहां रहते थे और क्या करते थे। लेकिन क्या कुंडली पढ़कर पूर्वजन्म के बारे में जानना इतना आसान है? वैसे पूर्वजन्म को जानना इतना आसान नहीं है, लेकिन असंभव भी नहीं है।

पूर्व जन्म का सिद्धांत क्रिया – प्रतिक्रिया के नियम पर कार्य करता है। जीवन में इंसान जब कोई कर्म करता है या उस कर्म के लिए प्रयास करता है तो फल भोग ना होने पर उसे पुनः जन्म लेना पड़ता है। प्रकृति में किए गए या सोचे गए हर कर्म की प्रतिक्रिया होती है। इसीलिए पुनर्जन्म भी होता है। मृत्यु के बाद जब इंसान की कोई इच्छा दबी रह जाती है तो उसे पूरा करने के लिए निश्चित तौर पर उसका पुनर्जन्म होगा।

कुंडली में पांचवां और आठवां भाव पूर्वजन्म से संबंध रखता है। राहु और केतु शुद्ध रूप से पूर्व जन्म से संबंध रखते हैं। इनका अध्ययन पूर्वजन्म के रहस्य खोल सकता है। शनि और बृहस्पति पूर्वजन्म के शुभ और अशुभ कर्मों को बताते हैं। आपके जन्म की स्थिति क्या है, इसका निर्धारण चन्द्रमा करता है। आपकी कुंडली का प्रधान तत्त्व यह बताता है कि आप कैसे संस्कारों से नियंत्रित होते हैं।

कैसे जानें पूर्व जन्म में हम क्या थे?

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यह एक अनुमान है जिसे समझने के लिए लगातार लक्षणों पर ध्यान देना पड़ता है। सामान्यतः व्यक्ति घूम-फिरकर अपने परिवार में ही जन्म लेता है और उसकी मूल आदतें वैसी की वैसी रहती हैं। लेकिन जब किसी भावना या इच्छा को मन में लेकर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसी भावना या इच्छा को पूर्ण करने के लिए उसका पुनर्जन्म होता है। कोई विशेष गुण, अवगुण, आदत, बीमारी या चिह्न जो बिना किसी कारण के व्यक्ति के अंदर आ जाता है, व्यक्ति के पूर्व जन्म से ही संबंध रखता है।

राजनीति और फिल्मी जगत के बड़े सितारों को लेकर यह कहा गया है कि पूर्व जन्म में इनके इस पेशे में आने की संभावना थी। पूर्वजन्म में इनके जो लक्षण थे, वो इस जन्म में भी इनके शरीर, काम और आदतों पर दिखाई देते हैं। आपने कुछ बच्चों को देखा होगा जो 5 साल की छोटी उम्र में ही संगीत में बड़े तेज हो जाते हैं। इसका कारण यही है कि पूर्व जन्म में वे संगीतकार थे या संगीत में दिलचस्पी रखते थे। उनकी इच्छाएं मन में ही दबी रह गई थीं। और अपनी इन्हीं इच्छाओं को पूरा करने के लिए उन्होंने दोबारा जन्म लिया है।

पूर्वजन्म के कर्म परेशान करें तो क्या करें?

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अगर किसी इंसान को उसके पूर्वजन्म के कर्म परेशान करें तो क्या करें तो भगवान शिव की पूजा बहुत उत्तम होती है। ऐसे में शिव मंत्र का जाप करें। एकादशी और पूर्णिमा का उपवास रखें। श्रीमदभागवद का अर्थ पूर्ण पाठ करें। शनिवार को भूखे व्यक्ति को अन्न का दान करें। अपने कर्मों और विचारों को ईश्वर को समर्पित करें।

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