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भाजपा का मिशन 2023 & 2024, हर पहलू पर नजर, अब पार्टी में आने वालों को किया शामिल

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भाजपा का मिशन 2023 & 2024, हर पहलू पर नजर, अब पार्टी में आने वालों को किया शामिल

रमेश शर्मा =

इस वर्ष होने वाले कुछ विधानसभाओं के चुनाव और अगले वर्ष लोकसभा के आम चुनाव को लेकर राजनीतिक दल हर पहलू पर नजर लगाए हुए हैं। कांग्रेस ने सत्ता में रहकर सत्ता का ही विरोध करने वालों पर सख्ती का डंडा घुमाना शुरू कर दिया है। जिसमें राजस्थान के एक मंत्री को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ा। वही संगठन में भी कांग्रेस सक्रिय रूप से हर वर्ग और पार्टी के प्रति वफादार नेताओं को संगठन में पद देकर उनका मनोबल बढ़ा रही है। संगठन मैं प्रदेश स्तर पर पिछले दिनों हुई नियुक्तियों में कुछ पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता भी दिखाई दिया है। इसी प्रकार जिम्मेदार विधायकों और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को जिला प्रभारी बनाकर जिम्मेदारियां सौंपी गई है। दूसरी तरफ बात करें राजस्थान में भाजपा संगठन की तो फिलहाल नेतृत्व को लेकर किसी प्रकार का कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है अलबत्ता केंद्र से बड़ी मंत्री और खुद प्रधानमंत्री तक में राजस्थान में यात्रा कर सभी को एक साथ चलने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की है। का मुख्य कार्यक्रम पिछले सप्ताह सवाई माधोपुर में संपन्न हुआ था जिसमें सभी नेताओं को सामूहिक और अलग-अलग तरीके से भाजपा आलाकमान की मर्जी से अवगत करा दिया गया था। इन सबके साथ साथ भाजपा का पिछले कुछ दिनों से अन्य पार्टियों से नाराज नेताओं तथा जिन नेताओं को पहले पार्टी से रुखसत कर दिया गया था उन्हें वापस पार्टी में भी लाने की मुहिम चलाई हुई है। राजस्थान में भी हाल ही जिन 17 लोगों को भाजपा में ज्वाइन कराया गया उन में सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस के अलावा जैसे नेताओं को भी शामिल कर दिया जो पहले पार्टी में थे। राजस्थान में नई राष्ट्रीय स्तर पर भी कुछ क्षेत्रीय दलों का एनडीए से नाता जोड़ा गया। उत्तर प्रदेश से सु भा स पा अध्यक्ष ओपी राजभर और बिहार से एलजेपी के चिराग पासवान भी अब बीजेपी के साथ आ गए है। कल 24 जुलाई को सपा और आएल डी के कई नेताओं के पार्टी में शामिल होने की खबर है। वहीं विपक्षी दलों की भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक किए जाने की मुहिम जोर पकड़ती जा रही है। पहली बैठक पटना में होने के बाद दूसरी बैठक बेंगलुरु में कांग्रेस के संयोजन में हुई थी जिसमें छोटे बड़े दल मिला कर 26 दलों ने विपक्षी एकता संदेश दिया। विपक्षी दलों की आगामी बैठक मुंबई में होना निश्चित हुआ है समझा जाता है कि मुंबई में आयोजित होने वाली बैठक में विपक्षी दलों का नेतृत्व कौन करेगा उस पर भी नहीं लिया जा सकता है। कुल मिलाकर धीरे-धीरे जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है राजनीतिक दल की कार्यप्रणाली और नीतियों में तेजी देखने को मिल रही है।रमेश शर्मा

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