जयपुर: गूगल सर्च पर हेल्पलाइन नंबरों से सावधान, जानिए राजस्थान पुलिस की चेतावनी कभी भी सर्च नहीं करें
16 जून सोमवार 2025-26
जयपुर: प्रदेश में साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को शिकार बना रहे हैं. इस बार साइबर ठगों ने लोगों की एक आम आदत को टारगेट किया है. ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर खोजना और उस पर कॉल करने भारी पड़ सकता है. गूगल सर्च पर हेल्पलाइन नंबर से सावधान हो जाइए. राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने आम जनता को साइबर धोखाधड़ी की नई तकनीक के प्रति आगाह किया है, जिसमें धोखेबाज गूगल सर्च परिणामों में फर्जी हेल्पलाइन नंबर डालकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. पुलिस ने लोगों से अपनी गोपनीय जानकारी सुरक्षित रखने के लिए आगाह किया है.
साइबर क्राइम एसपी शांतनु कुमार ने बताया कि साइबर अपराधी लगातार अपनी चालें बदल रहे हैं. साइबर ठग अब एक खास सर्च एल्गोरिथम का इस्तेमाल कर रहे हैं. वे प्रमुख बैंकों, होटलों, कंपनियों और अन्य हेल्पलाइन आदि के नाम से फर्जी नंबर इंटरनेट पर खासकर गूगल सर्च परिणामों में सूचीबद्ध कर देते हैं. जब कोई व्यक्ति इन सेवाओं के लिए हेल्पलाइन नंबर गूगल पर खोजता है और गलती से इन फर्जी नंबरों पर कॉल कर बैठता है तो अपराधी उनसे जुड़ जाते हैं. साइबर ठग पीड़ितों को मनचाही सेवा देने का झांसा देते हैं और उन्हें कोई विशेष ऐप डाउनलोड करने या किसी लिंक पर क्लिक करने के लिए उकसाते हैं. एक बार जब उपयोग कर्ता उनकी बातों में आकर ऐसा कर देते हैं तो साइबर अपराधियों को उनकी डिवाइस का पूरा एक्सेस मिल जाता है. इसका मतलब है कि आपकी बैंक ऐप, व्यक्तिगत डेटा और अन्य गोपनीय जानकारी तक उनकी सीधी पहुंच हो जाती है. इसके बाद अपराधी या तो सीधे आपके खातों से पैसे निकाल लेते हैं या आपको भुगतान करने के लिए मजबूर करके ठगी का शिकार बनाते हैं.
राजस्थान पुलिस की सलाह:
राजस्थान पुलिस ने इस बढ़ती धोखाधड़ी से बचने के लिए आम लोगों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी है. गूगल सर्च परिणामों पर आंख बंद करके भरोसा न करें. किसी भी बैंक, होटल या सेवा प्रदाता का हेल्पलाइन नंबर हमेशा उनकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें. थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स या गूगल सर्च के परिणाम हमेशा सही नहीं होते.
अनजाने लिंक पर क्लिक न करें:
कोई आपको लिंक भेजता है और उसे क्लिक करने को कहता है तो अत्यधिक सतर्क रहें. ऐसे लिंक्स पर क्लिक करने से आपके डिवाइस का नियंत्रण साइबर ठगों के हाथों में जा सकता है. सतर्क रहें और जागरूक बनें. साइबर अपराधी हमेशा नए तरीके खोजते रहते हैं. इसलिए ऑनलाइन लेनदेन करते समय और जानकारी साझा करते समय हमेशा सतर्क रहें.
यहां करें शिकायत:
किसी भी साइबर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो बिना देर किए तुरंत शिकायत दर्ज कराएं. साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसके अलावा अपने निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी रिपोर्ट कर सकते हैं.
