अब आरएसएस और भाजपा को भरत चाहिए जो की राम के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चरण पादुकाएं अपने सिर माथे पर रखकर राज्यों का संचालन कर सके,,,
9 दिसंबर 2023, 2023 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा है इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है और यही कारण है कि राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों मेंभारतीय जनता पार्टी के चेहरे बन चुके वसुंधरा राजे सिंधिया शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह जैसे नेताओं को साइड लाइन कर दिया गया है। क्योंकि अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी न्यू वर्ल्ड ऑर्डर के अंतर्गत प्रधानमंत्री मोदी को राम के रूप में प्रतिस्थापित करेगी जिसकी एवज में उसे राज्यों में भरत के रूप में शासन संचालन करने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की प्रति प्रतिबद्ध नेताओं की आवश्यकता है ।
जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के और लक्ष्मण के रूप में अमित शाह के यस मैन के रूप में कार्य कर सकें , यही वजह है कि चुनाव परिणाम के 6 दिनों बाद भी भारतीय जनता पार्टी काफी मशक्कत के बाद नाम तय कर पाई है, इसमें बहुत संभव है कि संघ के प्रचारको ,को तवज्जो दी जाए जो की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे को मूर्त रूप देने में अमली जामा पहनाने में कारगर साबित होंगे।
गौरत तलब है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है यही कारण है की ढाई हजार सालों का इतिहास एक बार पुनः अपने आप को दोहरा रहा है और भारतीय इतिहास में यह जो समय चल रहा है वह आगामी सैकड़ो वर्षों की रीति, नीति सिद्धांत और भारत के भविष्य को तय करेगा।जिस प्रकार पुष्यमित्र शुंग को राम के रूप में तत्कालीन समय में भारतीय जनमानस के ऊपर प्रतिस्थापित किया गया ठीक उसी प्रकार से वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक विराट चरित्र के रूप में भारतीय जनमानस पर स्थापित किया जाएगा। बहुत संभव है कि राम यानी पुष्यमित्र शुंग का आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आधुनिक वर्जन बन सके।
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