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फेल होकर पास होने का परफैक्ट एक्जाम्पल हूं’:कलेक्टर बोले- जब आईएएस बना तो सबसे पहले खुद से हाथ मिलाया; मोबाइल से फेसबुक-इंस्टा डिलीट कर दो

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फेल होकर पास होने का परफैक्ट एक्जाम्पल हूं’:कलेक्टर बोले- जब आईएएस बना तो सबसे पहले खुद से हाथ मिलाया; मोबाइल से फेसबुक-इंस्टा डिलीट कर दो

कोटा

कोटा कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने कोचिंग स्टूडेंट्स से कहा- ना तो मैं इंस्टा पर हूं, ना ट्वीट पर हूं, मैं यहां हूं। वो आभासी दुनिया है। इससे कुछ नहीं होता। हो सकता है ये उपयोगी हो, लेकिन अभी आपकी उम्र में और जिस लक्ष्य के लिए आप आए हैं उस उद्देश्य में ये आपके दुश्मन हैं। आप जिस दिन कामयाब हो जाओगे फोलोअर्स खूब मिल जाएंगे।

वे बुधवार को कोचिंग स्टूडेंट्स से संवाद करने पहुंचे थे। यहां विद्यार्थियों से संवाद में उनके सवालों के जवाब दिए तथा उनके साथ अपने अनुभव साझा किए। उत्साह के साथ परीक्षा देते हुए सफलता की ओर बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी।

फेसबुक-इंस्टा अपने मोबाइल से हटा दो

कलेक्टर ने सोशल मीडिया के नुकसान बताते हुए कहा- सोशल मीडिया बाधा के अलावा कुछ नहीं है। इंस्टा, फेसबुक इन्हें अपने मोबाइल से हटा दो। हम वो करें जो काम अच्छा हो, क्योंकि अच्छा काम करने के बाद उत्साह मिलता है। बुरा काम करके भारीपन मिलता है। हम इंस्टा पर एक घंटा बिताने के बाद जब सोचते हैं तो लगता है एक घंटा खराब हो गया। इसलिए यह गलत है।

फेल होकर पास होने वाला परफेक्ट एक्जाम्पल मैं हूँ

सफलता से पहले असफलता की बात पर डॉ.रविन्द्र गोस्वामी ने कहा कि मैं फेल होकर पास होने वाला परफेक्ट एक्जाम्पल हूं। प्री मेडिकल एग्जाम पीएमटी, प्रीपीजी, आर्मी कैप्टन, यूपीएससी सभी एग्जाम में पहली बार में मुझे सफलता नहीं मिली। सब में दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की। यूपीएससी में सफल हुआ तो मनपसंद पद नहीं मिल रहा था तो दोबारा दी। मैंने सपना देखा था किसी आईएएस से हाथ मिआऊं, जब सफल हुआ तो कमरे में गया जोर से चिल्लाया और फिर खुद से हाथ मिलाया। मैं पहला आईएएस हूं जिससे मैंने हाथ मिलाया।

इसलिए अपना मुकाबला खुद से रखो। तुलना दूसरों से मत करो। सभी की परिस्थितियां अलग-अलग है। न ताना मारने वालों से विचलित होवें न प्रशंसा से। हमें फर्क नहीं पड़ना चाहिए कि लोग क्या कह रहे हैं। मुहब्बत मंजिल से करनी है, रास्तों से नहीं। एक अन्य छात्र के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि अपने शौक जिंदा रखिए। रोजाना कुछ समय भी दीजिए, जिस दिन टेस्ट दो उसके बाद अपने शौक को समय दो।
की-वर्डस याद रखें

उन्होंने कहा- रोजाना 7-8 घंटे पढ़ें
और इसके अलावा जो आपको करना है करो। नियमित और अनुशासित मेहनत से आप आसानी से सफल हो सकते हैं। बेस्ट नोट्स कैसे बनाएं ? सवाल के जवाब पर डॉ.गोस्वामी ने कहा कि नोट्स बनाने के लिए टीचर्स से ज्यादा बेहतर कोई नहीं बता सकता। नोट्स बल्कि नहीं हो, की-वर्ड्स लिखो ताकि देखते ही तुरंत याद आ जाए। जो भी नोट्स बना रहे हो, उन्हें एक ही जगह रखें। नोट्स में लिखावट कम होनी चाहिए। ट्री, डायग्राम, एरो या ग्राफ्स कुछ ऐसे ट्रिक होनी चाहिए जो आपको याद भी रह जाए और याद दिला भी दे।

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