आहूजा बोले-ज्ञानदेव ने न कभी माफी मांगी है और ना मांगेगा, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ ने कहा-कार्रवाई होगी
जयपुर: नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के मंदिर में जाने के बाद मंदिर परिसर में गंगाजल छिड़काव मामले में भाजपा से निलंबित हो चुके पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने भाजपा को जवाब भेज दिया है. आहूजा ने अपने जवाब में लिखा है कि ज्ञानदेव ने न कभी माफी मांगी है और ना मांगेगा. वो कभी छुआछूत को पसंद नहीं करते. ना ही दलित विरोधी हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि पार्टी पहले उन्होंने निष्कासित कर चुकी है. उनके जवाब के बाद अब और कठोर कार्रवाई की जाएगी.
भाजपा से निलंबित हो चुके पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री और भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल को भेजे जवाब में लिखा है, ‘मैं कभी छुआछूत को पसंद नहीं करता. ना ही मैं दलित विरोधी हूं. मैंने राम मंदिर में आने पर कांग्रेस का विरोध किया था. सभी लोग जानते हैं कि मैंने मेवात में हमेशा दलितों की रक्षा की है. मैं दलितों के साथ खड़ा रहने वाला नेता हूं. मैं फिर कहता हूं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया. मेरा विरोध कांग्रेस को लेकर था. रहा माफी मांगने का सवाल, तो ज्ञानदेव आहूजा ने ना तो कभी माफी मांगी है और ना ही माफी मांगेगा.’
होगी कठोर कार्रवाई: आहूजा के बयान के बाद मदन राठौड़ ने कहा कि दलितों को लेकर टिप्पणी करने के बाद उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. उनका जवाब आ गया है, जवाब का अध्ययन करेंगे और उसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी. पार्टी किसी भी तरीके से इस तरह के बयानों का समर्थन नहीं करती है. हमने इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त नहीं करते हैं, उन्हें तत्काल निलंबित किया.
राठौड़ ने कहा कि पार्टी के नेताओं को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें किस तरह की बयानबाजी करनी चाहिए. कोई गलती करता है, तो उस पर तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हैं. बड़े से बड़ा नेता हो या कोई छोटा, हर एक के खिलाफ संविधान, पार्टी के नियमों के विपरीत बात करने पर कार्रवाई होगी. संविधान ने जो हमें बोलने का अधिकार दिया है, हमें उसी का ध्यान रखना चाहिए. संविधान के मूल अधिकारों का हनन नहीं हो, यह प्रत्येक नेता को ध्यान रखने की जरूरत है.
तीन दिन में मांगा था जवाब: बता दें कि मंदिर में गंगाजल से छिड़काव विवाद बढ़ने के बाद भाजपा के संगठन महामंत्री दामोदर अग्रवाल ने 8 अप्रैल को आहूजा को पार्टी से निलंबित कर तीन दिन में जवाब मांगा था. उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने भी इसे मुद्दा बनाया था, पार्टी ने इस पर प्रदर्शन भी किया.
