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मानहानि केस में राहुल को सूरत सेशन कोर्ट से जमानत:सजा खत्म करने की अपील पर सुनवाई 13 अप्रैल को

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LIVEमानहानि केस में राहुल को सूरत सेशन कोर्ट से जमानत:सजा खत्म करने की अपील पर सुनवाई 13 अप्रैल को

सूरत
राहुल गांधी सोमवार दोपहर करीब सवा दो बजे सूरत पहुंचे।
मानहानि केस में सूरत के सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को सोमवार को 15 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी। यह तब तक रहेगी, जब तक कि राहुल की अर्जी पर फैसला नहीं हो जाता। अब इस मामले में अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी। अगली सुनवाई में राहुल का मौजूद रहना जरूरी नहीं है। निचली अदालत से दी गई सजा पर रोक की अर्जी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। इस अर्जी पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया है। जिस पर 10 अप्रैल तक उन्हें हलफनामा दायर करना होगा।

राहुल ने सोमवार को सूरत सेशन कोर्ट में दो अर्जियां लगाईं। इनमें से एक में जमानत मांगी गई थी, जबकि दूसरी अर्जी सजा को खत्म करने के लिए थी। अपील करने के लिए राहुल गांधी के साथ बहन प्रियंका गांधी भी सूरत पहुंचीं।

राहुल के दिल्ली से सूरत रवाना होने से पहले सोनिया गांधी सुबह साढ़े 10 बजे उनसे मिलने पहुंचीं। 1 घंटे बाद राहुल सूरत के लिए निकल गए। राहुल के अलावा प्रियंका गांधी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के CM भी सूरत आए। राजस्थान के CM अशोक गहलोत ने राहुल के आने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

राहुल और प्रियंका गांधी इंडिगो की दोपहर साढ़े 12 बजे की फ्लाइट से सूरत रवाना हुए।
राहुल और प्रियंका गांधी इंडिगो की दोपहर साढ़े 12 बजे की फ्लाइट से सूरत रवाना हुए।
मानहानि केस में हुई थी दो साल की सजा
23 मार्च को मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी। सजा का ऐलान होने के कुछ देर बाद ही उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी गई थी। सजा सुनाए जाने के अगले ही दिन लोकसभा से उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। राहुल केरल के वायनाड से सांसद थे।

कोर्ट से निकलने के बाद राहुल ने ट्वीट किया।
कोर्ट से निकलने के बाद राहुल ने ट्वीट किया।
इधर, केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। रिजिजू ने कहा- जब आपका (राहुल गांधी) ट्रायल चला तब आपने अपील क्यों नहीं की। कोर्ट ने जब आपको दोषी करार दे दिया, इसके बाद आप यह ड्रामा कर रहे हैं। यह कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए ही है। कांग्रेस पार्टी पूरे के पूरे परिवार को देश से ऊपर मानती है।

सूरत कोर्ट के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर-बैनर लगाए। यहां प्रदर्शन भी हुए।
सूरत कोर्ट के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पोस्टर-बैनर लगाए। यहां प्रदर्शन भी हुए।
राहुल के आने से पहले चार तस्वीरों में सूरत का माहौल…

महाराष्ट्र से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूरत सेशन कोर्ट के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
महाराष्ट्र से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूरत सेशन कोर्ट के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सूरत कोर्ट के बाहर और शहर में पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए।
सूरत कोर्ट के बाहर और शहर में पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए।
सूरत की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में पोस्टर-बैनर लगाए।
सूरत की सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के समर्थन में पोस्टर-बैनर लगाए।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं के वाहनों को पुलिस ने सूरत में नहीं घुसने दिया।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं के वाहनों को पुलिस ने सूरत में नहीं घुसने दिया।
राहुल की सजा पर कांग्रेस में क्या एक्शन हुआ, 3 अहम पॉइंट…

  1. जेल या अपील, दो हिस्सों में बंटा था पार्टी नेताओं का फैसला
    भास्कर को सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की सजा के खिलाफ पार्टी भी दो हिस्सों में बंटी हुई थी। एक धड़ा चाहता था कि राहुल फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएं। वहीं, दूसरा धड़ा चाहता था कि राहुल जेल जाएंगे तो पार्टी को सहानुभूति मिलेगी और इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
  2. पार्टी में राय बनी, सियासी और कानूनी लड़ाई लड़ी जाए
    सूत्र बताते हैं कि आखिरी राय ये बनी कि लड़ाई सियासी व कानूनी दोनों मैदानों में लड़ी जाए। हालांकि, सजा के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर देरी का कारण पार्टी यही बताती रही कि फैसले को गुजराती से अंग्रेजी में अनुवाद करने में समय लगा।
  3. राहुल अपनी लीगल टीम से नाराज
    फैसले को चुनौती देने या जेल जाने के फैसले पर भी पार्टी नेतृत्व बंटा हुआ था। एक राय यह थी कि जेल जाने से सहानुभूति की लहर पैदा होगी। दूसरी यह थी कि चुनौती न देना गलती मान लेना समझा जाएगा। अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया था। बताते हैं कि राहुल गांधी अपनी लीगल टीम से भी खफा हैं, जिसने चार साल से चल रहे इस केस को गंभीरता से नहीं लड़ा।

पटना कोर्ट में 12 अप्रैल को होंगे हाजिर, वहां भी मानहानि का केस
मानहानि के एक अन्य मामले में पटना कोर्ट में राहुल गांधी को 12 अप्रैल को हाजिर होना है। आरोप है कि राहुल ने मोदी सरनेम वालों काे चोर कहकर उनका अपमान किया था। बता दें कि राहुल पर अलग-अलग राज्यों में मानहानि के पांच मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है।

राहुल गांधी पर दर्ज हुए इन मानहानि केस के बारे में भी पढ़िए….

2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर IPC की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है।
2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है।
2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल के खिलाफ IPC की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने ‘मोदी चोर है’ कहा था।
2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। IPC की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को BJP और संघ की विचारधारा से जोड़ा।
2018 में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल ने आरोप लगाया था कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में पांच दिनों में 745.58 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले गए थे। इस बैंक के निदेशकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं।
2017 में बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में RSS को कथित तौर पर जोड़ने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मुंबई में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों के बयान की भावना मानहानिकारक और लोगों की नजर में संघ की छवि खराब करने वाली है।
2018 में राफेल फाइटर जेट सौदे पर राहुल ने बीजेपी का मजाक उड़ाया गया था और ट्वीट करते हुए कैप्शन लिखा था- द सैड ट्रुथ अबाउट इंडिया कमांडर इन थीफ। इस मामले में राहुल के खिलाफ एक गुड़गांव की एक कोर्ट में मानहानि का केस किया गया।
2019 में जबलपुर में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हत्या का आरोप लगाया था। इसको लेकर राहुल के खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया गया।
2019 में झारखंड में राहुल ने कहा- कांग्रेस भाजपा की तरफ हत्यारे को पार्टी अध्यक्ष नहीं स्वीकारेगी। उनके इस बयान पर चाईबासा और रांची में मानहानि का केस किया गया।
2022 में राहुल ने कहा कि सावरकर ने आजादी से पहले अंग्रेजों से माफीनामे पर हस्ताक्षर किया। मामले में सावरकर के पोते विनायक सावरकर ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।
राहुल की सजा के बाद सांसदी और बंगला जाने की पूरी कहानी 5 पाॅइंट में समझें …

23 मार्च: मानहानि केस में राहुल को सजा मिली

सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।

24 मार्च: राहुल की संसद सदस्यता रद्द
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता 24 मार्च दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है।

25 मार्च: राहुल ने 28 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की

सांसदी जाने के बाद राहुल ने 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। राहुल ने कहा, ‘भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी। ये लोग मेरी सदस्यता रद्द करके मुझे रोक नहीं सकते। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर रहूं या बाहर, कोई फर्क नहीं पड़ता।

26 मार्च: कांग्रेस ने देशभर में संकल्प सत्याग्रह किया

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस ने 26 मार्च को देशभर में संकल्प सत्याग्रह किया। प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन जैसे बड़े नेता सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज तक हम चुप रहे हैं तो आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। मुझ पर केस लगा दो, लेकिन सच ये है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है।

27 मार्च: राहुल को बंगला खाली करने का नोटिस मिला

लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 27 मार्च को बंगला खाली करने के लिए राहुल को नोटिस भेजा। कमेटी ने उन्हें 22 अप्रैल तक 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने को कहा। उधर, 27 मार्च को विपक्ष ने राहुल की सांसदी जाने को लेकर ब्लैक प्रोटेस्ट किया। इसमें 17 विपक्षी दल शामिल हुए। सोनिया गांधी भी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचीं। खड़गे ने कहा, ‘हम काले कपड़ों में क्यों आए हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि PM मोदी इस देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।​​​​​​

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