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धमाकों से दहलीअवैध पटाखा फैक्ट्री:आग की लपटों के बीच से चीखने-चिल्लाने लगे बच्चे, 50 रुपए देकर बुलाया था काम पर

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धमाकों से दहली अलवर की अवैध पटाखा फैक्ट्री:आग की लपटों के बीच से चीखने-चिल्लाने लगे बच्चे, 50 रुपए देकर बुलाया था काम पर

अलवर

अवैध पटाखा फैक्ट्री में अचानक धमाका हुआ और आग की लपटें उठने लगीं। इन्हीं लपटों में कई बाल मजदूर घिर गए थे। 3 बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए हैं। आसपास के लोगों ने जैसे-तैसे बच्चों को बाहर निकाला और आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि बच्चों के स्कूल से आने के बाद मामूली रकम देकर फैक्ट्री मालिक पटाखे बनवाता था। मामला अलवर के थानागाजी कस्बे का है।
थानागाजी के थानाधिकारी रामजी लाल मीणा ने बताया कि बुधवार को थानागाजी कस्बे में बुधवार दोपहर तीन बजे अचानक धमाके होने लगे। कस्बे के भड़भूजा मोहल्ले के एक घर में अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। उधर, हास्यास्पद यह है कि हादसे के 7 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी फैक्ट्री की जांच पुलिस ने नहीं की है। फैक्ट्री में ताला डालकर मालिक फरार है। पुलिस यह जरूर कह रही है कि किसी की तरफ से रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

रुपए का लालच देकर बुलाते थे बच्चों को
पुलिस के अनुसार, मोहल्ले के लोगों ने बताया कि भड़भूजा मोहल्ले के एक घर में पिछले कई दिनों से अवैध बारूद बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही है। फैक्ट्री में पटाखे भी बनाए जा रहे थे। आरोप है कि फैक्ट्री मालिक गौरी भार्गव मोहल्ले और आस-पास के बच्चों को रुपए का लालच देकर अवैध काम करवा रहा था। हादसे के बाद से गौरी भार्गव फरार है।
बुधवार दोपहर भड़भुजा मोहल्ला निवासी आदित्य (12), धर्मेंद्र (8) और गौरव (13) फैक्ट्री में काम कर रहे थे। बच्चों ने बताया कि काम करने के दौरान उनके पैर से कोई छोटा पटाखा जमीन पर घिस गया और उसकी चिंगारी बारूद के ढेर पर जा लगी। इसके बाद धमाकों के साथ आग की लपटें उठने लगीं।
आग की लपटों ने तीनों को घेर लिया था। आग से झुलसते हुए तीनों फैक्ट्री के बाहर दौड़े। इधर, धमाके और बच्चों की आवाज सुन लोग मौके पर पहुंचे तो हैरान रह गए। एक बार जैसे-तैसे आग पर काबू पाया गया। इसके बाद इन्हें थानागाजी के सरकारी हॉस्पिटल लेकर आए। यहां से तीनों को अलवर रेफर कर दिया गया है। यहां बर्न यूनिट में तीनों का इलाज चल रहा है
हादसे में झुलसे आदित्य की नानी कृपा देवी ने बताया कि फैक्ट्री गौरी भार्गव की है। उनके बच्चों को अवैध फैक्ट्री में काम करने लिए गौरी भार्गव बुलाता था। बच्चे स्कूल के बाद फैक्ट्री में पटाखे बनाने जाते और 50 रुपए मिलते थे। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद से गौरी भार्गव फरार है। आदित्य और गौरव 40 से 50 प्रतिशत और धर्मेंद्र 10 प्रतिशत झुलसा है। इस हादसे में इनके हाथ-पैर और मुंह तक जल गए।
थानाधिकारी रामजी लाल मीणा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री मालिक गौरी भार्गव इसी इलाके का रहने वाला है। फैक्ट्री में ताला लगाकर वह फरार है। उसकी खोज की जा रही है। नहीं मिला तो ताला तोड़कर छानबीन की जाएगी।

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