विजय माल्या, नीरव मोदी को अपना आदर्श बताता है, HDB बैंक मंदसौर का एक कर्मचारी, उनका क्या बिगाड़ लिया, जो मेरा बिगाड़ लोगे? दस्तांवेज भाई के, भाई करता है MPEB मे जॉब, ओर उसी भाई के दस्तावेज पर एक ओर भाई HDB बैंक मे बना कर्मचारी, बैंक को नहीं पड़ी सुध, मन्दसौर के कई मजदूरों ओर सक्षमो को पहना गया टोपी?,, HDB बैंक पल्ला झाड रही, लोन धारी लगा रहे चक्कर, अजय कुमार भाटी नाम का शख्स कर रहा अय्याशी, कौन जिम्मेदार?
ऑनलाइन ठगी पर राष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल की रिंग तक मे अमिताभ बच्चन का मेसेज चल रहा है, परन्तु मंदसौर मे प्राइवेट बैंक HDB के कर्मचारियों ने कई लोगो को लुटा ओर अब बैंक हाथ खड़ा कर रही है हमारी जवाबदेही नहीं बनती है, क्या ये सही है? ऐसे फ्रॉड कर्मचारियों को रखा किसने? आपका HR क्या वेरीफाय करता है? किसी चोर को भी जॉब दे देते है क्या? कई गंभीर सवाल प्राइवेट बैंक HDB महाराणा प्रताप चौराहा मन्दसौर से बनते है जो प्रशासन ओर पुलिस को इन सवालों के साथ इनके अधिकारियो के विरुद्ध भी F.I.R. करना विचारणीय है,
मामला मंदसौर जिले के महाराणा प्रताप चौराहे पर स्थित बैंक HDB का है,
मामले मे दिन दिहाड़ी पर मजदूरी करने वाले मजदूर नरेन्द्र कुमावत पिता गौपाल कुमावत निवासी नर्सिंगपूरा का है,जिसका मोबाइल लोन मे समय पर किस्त जमा होने पर HDB बैंक से लौन ऑफर आया, जिसको HDB बैंक के कर्मचारी नरेन्द्र कुमावत के अनुसार अजय कुमार भाटी पिता दिनेशचंद्र भाटी निवासी बोरदिया कला (झार्डा के पास, मनासा तहसील) का रहने वाला है, नरेन्द्र कुमावत का आरोप है की अजय कुमार भाटी ने बैंक मे पड़े नरेन्द्र कुमावत के दस्तावेज का इस्तेमाल कर एक ओर लोन दौ लाख का करवाने का कहाँ ओर मात्र 90 हजार का लौन हुआ जिसमे 84 हजार ओर कुछ रूपये उनके खाते मे आये, नरेन्द्र कुमावत को अधिक रुपयों के आवश्यकता थी तो उन्होंने इस लौन को लेने से इनकार किया ओर फोरक्लोज़ करने के लिए अजय कुमार भाटी ने रूपये नगद वापस ले लिए ओर कहाँ आज ही बंद करवा देते है, यही नहीं अभी पिक्चर बाकी है, जब इस अजय भाटी के बारे मे विस्तृत जानकारिया निकालने का प्रयास किया गया तो सूत्रों से पता चला की ऐसे कई लोगो को मामू बना चूका है ओर बारह से पंद्रह लोगो के लाखो रूपये की हेरा फेरी का आरोप है, यही नहीं अजय भाटी नाम का व्यक्ति तो MPEB मे सर्विस करता है तो अजय भाटी के दस्तावेज लगा कर HDB बैंक मे नौकरी प्राप्त कर ली, अब हमारा पूछना ये है की जब HDB बैंक संचालको ने व्यवस्थित F.I.R. क्यों नहीं करवाई? अपने कस्टमर्स के साथ धोखा होता रहा ओर बैंक मौन क्यों है? अगर HDB बैंक ऐसे कर्मचारियों के दस्तावेजों का अवलोकन करता तो पहले F.I.R. क्यों नहीं करवाई? सूत्र बताते है की अजय भाटी नाम का यह व्यक्ति HDB बैंक से छोड़ने या निकालने के बाद भी HDB के अन्य कर्मचारियों की मदद से ऐसे फ्रॉड करता रहा, तब बैंक का चेक पॉइंट क्या था? अजय कुमार भाटी ने एक दिहाड़ी पर मजदूरी करने वाले मजदूर को न केवल 90 हजार का चुना लगाया बल्कि तीन वर्ष मे नरेन्द्र कुमावत को उसका तीन गुना 3 लाख रुपयों का भुगतान करना होगा, किसी भी बैंक से लौन होने के बाद उसके पूर्ण लोन समाप्ति तक बैंक कर्जदार को ग्रीप मे जकड़े रहती है,
अजय भाटी ने अपने दस्तावेज क्यों दिए? अजय के खिलाफ भी fir होना चाहिए,
विशाल या विजय नाम का ये युवक है जो अजय भाटी का ही भाई बताया जा रहा है, ट्रू कोलर पर अपने आपको si पहचान बना रखी है, ओर विजय माल्या, नीरव मोदी को अपना आदर्श मानता है ओर कहता है उनका कुछ नहीं हुआ तो मेरा क्या कर लेंगे…?
ओर कुछ संभावित नाम है जिनके साथ फ्रॉड किया गया – सूत्रों के हवाले से नाम इस प्रकार है, सबूतों के लिए नीचे दी लिंक पर क्लिक करे…
- कन्हैया लाल
- मुजफ़र
- शारुख
- नागेश्वर
- राजाराम कुमावत
- चौथमल
- मोहम्मद युसूफ
