विभिन्न मांगों को लेकर आरटीडीसी चेयरमैन राठौड़ को सौंपे ज्ञापन
अजमेर। फेडरेशन ऑफ़ वेटरेंस एसोसिएशंस ने शनिवार को भूतपूर्व सैनिकों को राज्य की सेवाओं में दिया जा रहा आरक्षण वर्गवार न बांट कर भूतपूर्व सैनिक की श्रेणी में ही रखने की मांग करते हुए आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ से मुलाकात कर ज्ञापन दिया। सचिव बाल सिंह आदि पदाधिकारियों ने आरटीडीसी चेयरमैन राठौड़ को ज्ञापन देकर बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के तहत राज्य के अधीन विभिन्न सेवाओं में मूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है। हाल ही में 7 दिसंबर 2022 को राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की अधिसूचना में यह निर्णय लिया गया है कि भूतपूर्व सैनिकों को आरक्षण अब वर्गवार कर दिया, जो कि भूतपूर्व सैनिकों के हितों के खिलाफ है तथा राज्य सरकार के राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम 1988 के विरुद्ध है। भूतपूर्व सैनिकों द्वारा लम्बे समय से संघर्ष जारी है। ज्ञापन में सैनिकों के आरक्षण को जातिगत आधार पर न बांटकर एक समान मेरिट बनाई जाने, वनरक्षक भर्ती में शरीरिक दक्षता में रिवायत दी जाने, सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी वापस ली जाए, यूईआई की डिग्री ब को BSTC के समक्ष मान्यता दी जाए। न्यूनतम अंको की अनिवार्यता समाप्त की जाए, सरकारी नौकरियों में सैनिकों को सभी वर्गों की तरह आरक्षण में दोहरा लाभ देने, सैन्य सेवा के आधार पर अंक मिलें, राजनीतिक पदों पर भी प्रतिशत आरक्षण मिलें, भूतपूर्व सैनिक एवं उनके आश्रितों की राज्य सरकार के टोल टेक्स माफ करने, राज्य सरकार के कर्मचारियों के नियमानुसार रोजगार में तीन बच्चों वाले माता-पिता को जो लाभ मिलता है, वेसे ही राजस्थान के भूतपूर्व सैनिकों को रोजगार में लाभ मिलें। इसी तरह ग्राम पंचायत भदसिया व उप तहसील पीलवा (परबतसर नागौर) को अजमेर जिले में शामिल करने की मांग को लेकर सरपंच व प्रतिनिधियों ने आरटीडीसी चेयरमैन व राज्यमंत्री धर्मेंद्र राठौड़ को ज्ञापन दिया। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत भडसिया, उप तहसील पीलवा में है व पीलवा उप तहसील वर्तमान में पंचायत समिति परबतसर, जिला नागौर मे है, पीलवा उप तहसील, नागौर मुख्यालय से 140-150 किलोमीटर दूर है। एक नवनिर्मित जिला डीडवाना कुचामन 100 किलोमीटर है, जबकि अजमेर जिला मुख्यालय से पीलवा 30-35 किलोमीटर दूर है। वर्तमान में संभागीय आयुक्त मुख्यालय अजमेर है। यदि हमे कुचामन डीडवाना जिले में शामिल किया जाता है तो संभागीय मुख्यालय सीकर हो जाएगा, जो हमारे से 150 किलोमीटर दूर है। ऐसे में ग्राम पंचायत व उप तहसील पीलवा को अजमेर जिले में शामिल किया जाना न्यायोचित है।
More Stories
12वीं पास कंगना रणाैत 60 किलो चांदी, तीन लग्जरी कारों सहित 91करोड़ की मालिक!,,,,2 जून को वापस जेल नहीं जाऊंगा…’, केजरीवाल के बयान के खिलाफ SC पहुंची ED को झटका,
गर्भपात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
पानी के टैंक में मिला भाई-बहन का शव:पति का आरोप- पत्नी ने बच्चों को जान से मारा, मामले को छिपाती रही