मां ने करवाई बेटे-बहू की हत्या, भाई के साथ मिलकर रची साजिश, ये थी वजह
करौली. जिले के मासलपुर इलाके के भोजपुर के जंगल मे एक दंपति की गोलीमार कर हत्याकांड करने की वारदात का पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय की एक्टीव पुलिसिंग की बदौलत मात्र 24 घंटे के भीतर गुरूवार को पर्दाफाश हो गया. हत्यारा कोई और नही संगी मां, मामा और मामा का नौकर निकला है. मृतक दंपति के अवैध संबंध और सामाजिक ताने बाने के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया.
पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया की बुधवार को मासलपुर इलाके के गढीबांजना रोड पर भोजपुर गांव से करीब डेढ दो किलोमीटर दूर कार मे एक युवक और युवती की लाश पड़ी मिली थी जिनकी पहचान विकास और दीक्षा के रूप मे हुई थी. दोनों रिश्ते मे पति- पत्नी थे जिनका मर्डर करके कोई कार मे उनको डालकर भाग गया था. वारदात को गंभीरता से लेते हुए मौके पर ASP गुमनाराम के साथ पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी ली और करौली डीएसपी अनुज शुभव और मासलपुर थानाधिकारी नीरज कुमार शर्मा की टीम का गठन किया गया. साथ ही साइबर सेल टीम, डीएसटी टीम के प्रभारी धारासिंह, कैलादेवी थानाधिकारी ताराचंद, सुरौठ थानाधिकारी महेश कुमार के नेतृत्व मे अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन कर हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के निर्देश दिए. पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए 24 घंटे के भीतर ही हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया. हत्याकांड मे मां ललिता उर्फ लालो निवासी सांथा गांव आगरा (उतरप्रदेश), मामा रामबरन निवासी ईटकी गांव (धौलपुर) और रामबरन का नौकर चमन खान निवासी ईटकी गांव (धौलपुर) शामिल था. मृतक की मां और मामा द्वारा मृतकों के अलग-अलग जगह अवैध संबंधों की वजह से परेशान होकर हत्याकांड का षड़यंत्र रचना कबूल किया है. जबकि आरोपी चमन खान ने पैसों के लालच मे हत्याकांड की वारदात को अंजाम देना कबूल किया है.
अवैध संबधों के चलते ली जान : पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया की आरोपियों से पूछताछ की गई तो सामने आया की मृतक विकास के अन्य लड़की के साथ अफेयर चल रहा था जबकि मृतका दीक्षा का भी गांव के ही एक लड़के के साथ अफेयर चल रहा था जिसको लेकर मृतक की मां ललिता उर्फ लालो समाज में घर परिवार की बेइज्जती होने व समाज से बेदखल होने की बात को लेकर हमेशा चिन्तित रहती थी. आरोपी मां ललिता द्वारा मृतका पुत्रवधु दीक्षा को कई बार ताने दिये गये और मृतक पुत्र विकास को समझाया, मगर मृतका दीक्षा व मृतक विकास अपनी हरकतों से बाज नहीं आये तो मृतक विकास की मां ललिता उर्फ लालो ने पुत्र वधू और पुत्र को मारने करने की योजना अपने भाई रामबरण के साथ मिलकर बनाई. जिसे रामबरण ने अपने नौकर चमन खान के साथ वारदात को अंजाम दिया ताकि समाज में बेइज्जती से बचा जा सकें.
इस प्रकार दिया वारदात को अंजाम : पुलिस अधीक्षक ने बताया की मृतक विकास की आरोपी मां ललिता ने अपने भाई आरोपी रामबरण के साथ मिलकर अपने पुत्र और पुत्रवधु को मारने का षडयंत्र रचा था. ये दोनों पिछले दो महिने से दोनों को मारने की प्लानिंग कर रहे थे. प्लान के तहत इन्होंने कई बार मृतक विकास एवं दीक्षा को एक्सीडेन्ट और पानी में डुबोकर मारने का प्लान बनाया लेकिन असफल रहे.
मारने के लिए पहले खरीदी कार फिर खरीदी पिस्टल : पुलिस अधीक्षक ने बताया की प्लानिंग के तहत मामा रामबरण द्वारा भांजे विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को मारने के लिए पिछले महीने एक गाडी सेन्ट्रो सस्ते दामो में खरीदी और हत्या करने के लिये एक पिस्टल खरीदी. गाड़ी से मृतक विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को मारने के लिए जगह की रेकी की गयी. मृतक के मामा रामबरण द्वारा अपनी गाड़ी के चालक (नौकर) चमन खान को योजना में शामिल किया. साथ ही उसे इस घटना में सहयोग करने के लिये पैसों का लालच दिया गया. प्लान के तहत रामबरण और चमनखान द्वारा गढी बाजना, मासलपुर के कई सुनसान इलाकों तथा रोड के नजदीक आसानी से दुर्घटना किये जाने लायक स्थानों की रेकी की गई. करीब 6-7 दिन पूर्व रामबरण अपनी सेन्ट्रो गाडी को लेकर चमन खान को मृतक विकास के गांव सांथा जिला आगरा भेजा था, जहां पर आरोपी चमनखान द्वारा सेन्ट्रो गाड़ी से विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को एक्सीडेन्ट में मारने का प्लान बनाया मगर चमनखान एक्सीडेन्ट का सही स्थान नहीं मिलने के कारण अपने इरादो में सफल नहीं हुआ.
मां और मामा की खूनी साजिश : रामबरण ने चमनखान से फोन बात कर कहा कि तू विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को कैलादेवी घूमाने के बहाने ले जा और वह उसे रास्ते में मिल जाएगा, जिस पर आरोपी चमनखान विकास और उसकी पत्नी दीक्षा को कैलादेवी घूमाने के बहाने 29 सितंबर को दिन मे गांव सांथा से कैलादवी रवाना हो गया और रामबरण को मोबाइल से सूचना कर दी. जिस पर विकास व दीक्षा ने उसी शाम कैलादेवी के दर्शन किये और चमनखान ने प्लान के मुताबिक रात्रि मे ही दोनो पति और पत्नी को लेकर मासलपुर इलाके की तरफ रवाना हो गया. दूसरी तरफ प्लान के मुताबिक मामा रामबरण अपने घर गांव ईटकी जिला धौलपुर से एक ईको गाडी और हथियार कारतूस लेकर मासलपुर के लिए रवाना हो गया..आरोपी मामा ने आरोपी चमनखान को यह हिदायत दी की अपनी प्लान की भनक विकास और दीक्षा को नही लगनी चाहिए.
उसके बाद हत्यारा मामा रामबरण मासलपुर कस्बा से थोड़ा आगे खेडा मोड़ के पास एक ईको गाडी को लेकर खड़ा हुआ मिला जहाँ आरोपी ने चमनखान को गाड़ी रोककर उतरकर अपनी ईको गाडी के पास बुलाया और एक कट्टा और कारतूस दिये और विकास व दीक्षा को शूट करने को कहा जिस पर चमनखान ने प्लान के मुताबिक विकास को ड्राइवर शीट पर ड्राइव करने के लिये बैठ दिया एवं खुद आगे वाली पैसेन्जर शीट पर बैठ गया. विकास गाड़ी चलाता रहा और चमनखान को प्लान के मुताबिक विकास को साइड से कट्टे से शूट करना था, परन्तु चमनखान वारदात को अंजाम नहीं दे सका, कुछ दूरी पर भोजपुर गांव से आगे चमनखान ने बहाना बनवाकर विकास से गाड़ी को रोड पर रुकवा लिया और खुद गाडी के बोनट की तरफ चला गया. पीछे-पीछे रामबरण ईको गाडी से आया और थोडी दूर पीछे गाडी रोक ली और रामबरण हथियार लेकर गाडी के पास गया और उन दोनो ने मिलकर विकास और दीक्षा की गोली मारकर हत्या कर दी और मृतक विकास व दीक्षा को सेन्ट्रो गाड़ी में ही वहीं छोड़कर अपनी ईको गाडी से भाग गये.
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