जोधपुर और गोवा में साइक्लोनर टीम की बड़ी कार्रवाई: पेपर लीक घोटाले के मास्टरमाइंड पति-पत्नी गिरफ्तार
जोधपुर: राजस्थान में पेपर लीक घोटालेबाजों पर साइक्लोनर टीम की पैनी नजर एक बार फिर सटीक साबित हुई है। पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) श्री विकास कुमार के नेतृत्व में साइक्लोनर टीम ने “ऑपरेशन तर्पण” के तहत उप निरीक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य सूत्रधार पति-पत्नी नरपतराम और इन्द्रा को एक साथ दो अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह कार्रवाई गोवा के कालांगूट और जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में एक सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गई।
आईजी विकास कुमार ने बताया कि राजस्थान के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले पेपर लीक घोटालेबाजों पर साइक्लोनर टीम और एस.ओ.जी. का संयुक्त अभियान लगातार जारी है। एक अंतराल के बाद यह 13वीं और 14वीं बड़ी गिरफ्तारी है, जिसमें पति-पत्नी की जोड़ी को पेशेवर अंदाज में दबोचा गया। ऑपरेशन तर्पण के तहत साइक्लोनर की दो टीमों ने एक ही समय में गोवा और जोधपुर में छापेमारी कर नरपतराम (29) और उनकी पत्नी इन्द्रा को गिरफ्तार किया। नरपतराम को गोवा के कालांगूट बीच पर “गोवा वाइन्स” नामक दुकान से पकड़ा गया, जहां वह सेल्समैन की नौकरी कर रहा था, जबकि इन्द्रा जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में रिश्तेदारों के बीच छिपी हुई थी।
ऑपरेशन की चुनौतियां और सफलता
आईजी ने बताया कि यह ऑपरेशन बेहद सतर्कता और पेशेवर तरीके से चलाया गया। गोवा में साइक्लोनर टीम ने तीन दिनों तक समुद्री तटों पर हर संभावित ठिकाने की तलाश की, वहीं जोधपुर में सघन रिहायशी इलाके में रिश्तेदारों की भीड़ के बीच इन्द्रा को ढूंढना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं था। अगर यह कार्रवाई एक साथ नहीं की जाती, तो एक के पकड़े जाने पर दूसरा फरार हो सकता था।
घोटाले की कहानी
जांच में खुलासा हुआ कि नरपतराम और इन्द्रा ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा-2021 में फर्जीवाड़े का जाल बिछाया था। इन्द्रा ने अपने लिए 13 सितंबर को परीक्षा दी, लेकिन अगले दिन हरखु नामक उम्मीदवार के बदले डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी। विडंबना यह रही कि इन्द्रा अपनी परीक्षा में असफल रही, जबकि हरखु पास होकर प्लाटून कमांडर बन गई। इन्द्रा और हरखु की मुलाकात लाइब्रेरी में हुई थी, जहां पढ़ाई में होशियार इन्द्रा ने हरखु को पढ़ाया, लेकिन दुनियादारी में माहिर हरखु ने इन्द्रा को कमाई का रास्ता दिखाया। नरपत ने हरखु से 15 लाख रुपये लेकर उसे परीक्षा पास करवाने की गारंटी दी और अपनी पत्नी के लिए साक्षात्कार में ज्यादा नंबर दिलवाने की योजना बनाई। हालांकि, यह योजना दोनों के लिए ही भारी पड़ गई।
फरारी से गिरफ्तारी तक
हरखु की गिरफ्तारी के बाद नरपत और इन्द्रा भूमिगत हो गए थे। साइक्लोनर टीम ने दोनों के परिवार को रडार पर रखा और तकनीकी सूझबूझ से उनकी लोकेशन ट्रेस की। इन्द्रा के एक रिश्तेदार ने साइक्लोनर को चुनौती दी थी कि एक नंबर से उनकी फरारी का राज खोजा जाए। टीम ने इस चुनौती को स्वीकार कर गोवा और जोधpur में उनके ठिकानों का पता लगाया। शनिवार को एक साथ दोनों जगहों पर छापेमारी की गई। नरपत आसानी से पकड़ा गया, जबकि इन्द्रा भागने की तैयारी में थी, लेकिन टीम ने उसे बैग पैक करते हुए धर दबोचा।
आरोपियों का विवरण
गिरफ्तार नरपतराम पुत्र शंकरराम (उम्र 29, जाति विश्नोई, निवासी बहानिया, थाना बागोड़ा, जिला जालोर) और इन्द्रा पत्नी नरपतराम (जाति विश्नोई, निवासी गायकी, बागोड़ा) इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं। नरपत को गोवा में एस.ओ.जी. को सौंप दिया गया, जबकि इन्द्रा को जोधपुर में स्थानीय एस.ओ.जी. शाखा के हवाले कर जयपुर भेजा गया।
टीम की भूमिका
इस कार्रवाई में श्री अशोक परिहार (तकनीकी विशेषज्ञ) और श्री भागीरथ (मानवीय आसूचना) की अहम भूमिका रही। आईजी विकास कुमार ने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।
यह कार्रवाई न केवल एक बड़ी सफलता है, बल्कि पेपर लीक माफियाओं के लिए सख्त संदेश भी है कि कानून की पहुंच से कोई नहीं बच सकता।
Jodhpur Police Vikas Kumar IPS
