बीमारी से तंग आए, अब दुनिया से जा रहे हैं’:घर में मिले बुजुर्ग पति-पत्नी के शव, लिखा-बेटों को परेशान मत करना; अकेले रहते थे
झुंझुनूं / मुकुंदगढ़
80 साल का पति और 75 साल की पत्नी। बीमारी से तंग आकर दोनों ने आत्महत्या कर ली। दोनों के शव बिस्तर पर पड़े मिले। दंपती के दो बेटे जयपुर और एक बेटा बेंगलुरु (कर्नाटक) में नौकरी करता है।
कमरे से सुसाइड नोट मिला। इसमें महिला ने लिखा था- बीमारी से तंग आकर मैं और मेरे पति अब दुनिया से जा रहे हैं। हमारे बेटों को परेशान मत करना।
घटना झुंझुनूं जिले के मुकुंदगढ़ में वार्ड-16 में दोपहर 2:30 बजे की है।
मुकुंदगढ़ थाने के ASI रतनलाल मीणा ने बताया- मुकुंदगढ़ निवासी श्यामसुंदर दर्जी (80) लेखक थे। वे पत्नी चंद्रकला (75) के साथ वार्ड-16 स्थित घर में रहते थे।
दो-तीन दिन से दोनों पड़ोसियों को नजर नहीं आए।
उनके घर से बदबू आ रही थी। घर का मेनगेट अंदर से बंद था। पड़ोसियों की सूचना पर गुरुवार दोपहर यहां पहुंचे। दरवाजा तोड़ा तो कमरे में बिस्तर पर दोनों के शव मिले।
फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) और एमओबी टीम को मौके पर बुलाया। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए मुकुंदगढ़ सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया है। सामूहिक आत्महत्या का मामला लग रहा है। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से स्थिति साफ होगी।
पड़ोसी बोले- अक्सर बीमार रहते थे,
तीनों बेटे साथ नहीं रखते थे
पड़ोसी महेश पाराशर ने कहा- बहुत ही दुख की बात है कि परिवार में अनबन के चलते बुजुर्ग श्यामसुंदर और उनकी पत्नी चंद्रकला ने अपना शरीर त्याग दिया। आत्महत्या कर ली।
पड़ोसियों का कहना है कि श्यामसुंदर और चंद्रकला अक्सर बीमार रहते थे। उनके तीन बेटे हैं। दो बेटे विकास और राकेश जयपुर में अपने-अपने परिवार के साथ रहते हैं। दोनों प्राइवेट नौकरी करते हैं।
तीसरा बेटा सुशील बेंगलुरु में अपने परिवार के साथ रहता है। वह भी किसी कंपनी में नौकरी करता है। तीनों बेटे माता-पिता को साथ नहीं रखते थे।
जानकारी के अनुसार, तीसरा बेटा सुशील बेंगलुरु से जयपुर आया हुआ था। पुलिस ने सूचना दी तो तीनों जयपुर से रवाना होकर शाम 5 बजे मुकुंदगढ़ पहुंचे। इस दौरान पड़ोसियों ने ताना दिया तो उनकी कहासुनी हो गई।
‘माता-पिता भगवान, तुम्हारी भी यही दशा होगी’
जब तीनों बेटे राकेश, विकास और सुशील घर पहुंचे तो पड़ोसियों ने कहा- अब क्या लेने आए हो? इस पर एक बेटे को तैश आ गया। वह चिल्लाकर बोला- मुझसे क्या बात कर रहे हो, क्या हो गया।
इस पर एक पड़ोसी ने कहा- तुम्हारे माता-पिता रोटी के लिए तरस रहे थे। अब चश्मे लगा-लगाकर गाड़ियों से आए हो। माता-पिता भगवान होते हैं। देखना, तुम्हारी भी यही दशा होगी। इस दौरान पड़ोसी युवक लगातार गालियां भी देता रहा
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया है।
