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मैनेजर ने 20 क्रेडिट-कार्ड से किया 1 करोड़ का घपला:दोस्तों-रिश्तेदारों को शॉपिंग कराता, बिल चुकाता; फिर कैश ले लेता था

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मैनेजर ने 20 क्रेडिट-कार्ड से किया 1 करोड़ का घपला:दोस्तों-रिश्तेदारों को शॉपिंग कराता, बिल चुकाता; फिर कैश ले लेता था

जोधपुर

जोधपुर में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के असिस्टेंट मैनेजर ने एक करोड़ का गबन कर लिया। आरोपी 2 साल से बैंक को चूना लगा रहा था। उसने फर्जी डॉक्युमेंट के जरिए 5 लाख की लिमिट वाले 20 क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाए। खुद उन्हें वेरिफाई किया। वह दोस्तों-रिश्तेदारों के शॉपिंग और अन्य बिल क्रेडिट कार्ड से जमा करवा कर उनसे कैश ले लेता था।
गबन का मामला तब सामने आया, जब बैंक ने उन क्रेडिट कार्ड की जानकारी जुटाई, जिनके बिल ड्यू चल रहे थे। गुरुवार को मामला सामने आते ही आरोपी को सस्पेंड कर शास्त्रीनगर थाना में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई। यह गबन यूनियन बैंक की दो शाखाओं बासनी और जालोरी गेट पर हुआ।

2 साल से कर रहा था गबन, 1 करोड़ का चूना लगाया
शास्त्रीनगर पुलिस थाना इंचार्ज मोहम्मद शफीक खान ने बताया- सोजती गेट स्थित यूनियन बैंक के प्रबंधक चेतन प्रकाश ने गुरुवार रात फ्रॉड का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने यूनियन बैंक के सह प्रबंधक आकाश वर्मा पर दो साल में पहले बासनी और फिर जालोरी गेट ब्रांच में रहते हुए एक करोड़ का गबन करने के आरोप लगाए हैं।
पुलिस मामले की जांच कर रही है। बैंक से रिकॉर्ड प्राप्त किए गए हैं। जिस-जिस पर संदेह होगा, सबको बुलाकर जांच करेंगे।

2016 से है बैंक में, एक ब्रांच से 35 लाख का गबन
सूत्रों के अनुसार आरोपी आकाश वर्मा 2016 से यूनियन बैंक का कर्मचारी है। सोजती गेट ब्रांच से अब तक करीब 35 लाख रुपए का गबन सामने आया है। आरोपी इसी साल अप्रेल महीने से सोजती गेट ब्रांच में तैनात था। आरोपी ने जहां-जहां बैंक में काम किया है वहां के सभी रिकॉर्ड पुलिस ने मंगवाए हैं।
बैंक प्रशासन अपने स्तर पर गबन का पता लगाने में जुट गया है। बैंक अधिकारियों की ओर से ऑडिट की जा रही है। आरोपी आकाश वर्मा को गुरुवार को ही सेवा से निलंबित कर दिया गया था।

दो साल में दो बैंकों में रहा, दोनों को ठगा

पिछले दो साल में असिस्टेंट मैनेजर आकाश वर्मा यूनियन बैंक जोधपुर की बासनी और जालोरी गेट स्थित यूनियन बैंक में कार्यरत रहा। इस दौरान उसने फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिए कई क्रेडिट कार्ड जारी किए, खुद ने उनका वैरिफिकेशन किया। फिर दोस्तों, रिश्तेदारों के बिजली बिल, अन्य बिल, शॉपिंग व अन्य खर्चों के लिए उन्हें क्रेडिट कार्ड देता। बदले में उनसे कैश ले लेता था। इस तरह दो साल में उसने 1 करोड़ से ज्यादा का गबन किया।
जानकारी के अनुसार बैंक में जब 1 करोड़ से ज्यादा के बिल ड्यू आए तो मामला उजागर हो गया। आकाश ने काफी शातिर तरीके से बैंक से धोखाधड़ी की। उसने असिस्टेंट मैनेजर पद का फायदा उठाया। पहले क्रेडिट कार्ड जारी करवाए फिर वैरिफिकेशन में धांधली की। उसने सभी कार्ड की लिमिट 5 लाख रुपए रखी ताकि अधिक से अधिक फ्रॉड किया जा सके। सभी कार्ड वह अपने पास ही रखता था और जरूरत के वक्त दोस्तों- रिश्तेदारों को देता था।
आरोपी आकाश वर्मा पिछले एक दो साल में इन कार्ड की पूरी लिमिट करीब 1 करोड़ रुपए उठा ली थी, लेकिन यह पैसा बैंक में जमा नहीं कराया।

20 कार्ड की पूरी लिमिट उठाई

बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार- पिछले दो साल से 20 क्रेडिट कार्ड का पेमेंट ड्यू चल रहा था। बैंक के कर्मचारियों ने इन क्रेडिट कार्ड के लिए लगाए गए दस्तावेज को खंगाला तो कोई जानकारी नहीं मिली। जिनके डॉक्यूमेंट लगे थे उन्होंने कहा कि वे क्रेडिट कार्ड के बारे में नहीं जानते। जांच की तो पता चला कि सभी कार्ड एक ही अधिकारी (आकाश वर्मा) ने वेरिफाइड किए हैं। जिन लोगों के नाम पर ये क्रेडिट कार्ड थे, वे या तो आकाश के दोस्त निकले, या फिर रिश्तेदार। ऐसे में शक होते ही कार्रवाई की।
शास्त्री नगर के थाना प्रभारी मोहम्मद शफीक खान ने बताया- धोखाधड़ी काफी शातिर तरीके से की है। इस संबंध में पुलिस जांच कर रही है। पूरी जांच के बाद ही पता चलेगा कि आरोपी ने कुल कितने रुपए की धोखाधड़ी की है। बैंक ने गुरुवार को आरोपी असिस्टेंट मैनेजर को सस्पेंड कर दिया है। बैंक ऑडिट में साफ होगा कि कुल कितना नुकसान हुआ है।

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