200 सालों से मुस्लिम कर रहे शिव मंदिर में पूजा:पुजारी के आशीर्वाद से शादी के 35 साल बाद संतान हुई तो स्थापित किया था शिवलिंग
पाली
सावन के दूसरे सोमवार को हम आपको पाली के एक ऐसे शिव भक्त मुस्लिम परिवार से मिलाते हैं। जो साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश कर है। पिछले करीब 200 सालों से यह परिवार गांव के शिव मंदिर में पूजा अर्चना कर रहा है। वर्तमान में इस परिवार की 6वीं पीढ़ी पूजा कर रहा है। यह मुस्लिम परिवार कैसे शिव भक्त बना आइए जानते हैं।
शादी के 35 साल बाद संतान हुई तो बने शिव भक्त
पाली जिला मुख्यालय से महज 27 KM की दूरी पर आबाद पादरली तुर्कान गांव स्थित है। करीब 250 घरों की आबादी वाले इस गांव में ज्यादा घर मुस्लिम परिवार के है। गांव के शाहिद खान बताते है कि उनके पूर्वज मदे खान जी के शादी के 35 साल बाद भी कोई संतान नहीं हुई थी। एक बार वे गुड़ा सोनिगरा स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर गए। जहां पुजारी तोलपुरी महाराज को अपनी पीड़ा बताई तो उन्होंने कहा कि तुम्हारे 4 बेटियां और एक बेटा होगा। उनसे यह आशीर्वाद मिलने के बाद मदे खान के चार बेटियां और एक बेटा हुआ।
200 साल पहले गांव में स्थापित किया शिवलिंग
गांवे के बाबूलाल देवासी बताते है कि पुजारी के आशीर्वाद से संतान सुख मिलने के बाद मदे खान शिव भक्त बन गए ओर गांव से पैदल रोजाना गुड़ा सोनिगरा स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर जाने लगे। लेकिन वृद्धावस्था में उन्हें गुड़ा सोनिगरा गांव स्थित मंदिर जाने में दिक्कत होने लगी तो उन्होंने पुजारी को अपनी पीड़ा बताई। इस पर उन्होंने मदे खान को एक शिवलिंग दिया ओर कहा कि तुम्हारे गांव पादरली तुर्कान में इसे स्थापित कर पूजा करना शुरू कर देना। ऐसे में करीब 200 साल पहले मदे खान ने पादरली तुर्कान गांव में शिवलिंग की स्थापना की।
वर्तमान में 6वीं पीढ़ी कर रही मंदिर में पूजा
शाहिद खान ने बताया कि उनके पूर्वज मदे खान के देहांत के बाद केसू खान, मेहताब खान, मोती खान, हुसैन खान ने मंदिर में पूजा अर्चना की। और करीब 60 साल पहले उनके पूर्वज मोती खान के समय मंदिर का निर्माण गांव में करवाया गया। और वर्तमान में उनके परिवार की 6वीं पीढ़ी के मंदिर में देवासी समाज के पूजा-अर्चना कर रहा है।
साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल है पादरली तुर्कान
मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने आई जशोदा, सीमा ने बताया कि यह शिव मंदिर गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करता है। गांव में मुस्लिम परिवारों के 150 घर हैं। देवासी समाज के 40 घर और अन्य जातियों के भी घर है। 250 घरों की बस्ती के इस गांव में शिवलिंग स्थापित होने के बाद प्रगति हुई। सभी मिलजुल कर यहां पूजा-अर्चना करते हैं।
ईद भी मनाते है और दीपावली भी
शाहिद खान बताते हैं कि गांव में साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल है। उनका परिवार ईद हो या दीपावली गांव वालों के साथ मिल जुलकर मनाते है। और पूरे गांव के ग्रामीण परिवार की तरह रहते है।
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