राजस्थान में भूमि पट्टों की व्यवस्था में बड़ा बदलाव, अब नगरीय निकाय जारी करेंगे ई-पट्टा
जयपुर: राजस्थान सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भूमि के पट्टों की प्रक्रिया को डिजिटल करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. अब राज्य के सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाएं ई-पट्टा (E-Patta) जारी कर सकेंगी. इस फैसले से हजारों लंबित पट्टा आवेदनों को निपटाने में मदद मिलेगी और आमजन को तेज और पारदर्शी सेवा उपलब्ध हो सकेगी.
राज्य के सभी 305 नगरीय निकाय अब इस ई-पट्टा प्रणाली के तहत काम करेंगे. इन्हें जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) और नगर विकास न्यासों (UITs) की तर्ज पर एक समान डिज़ाइन और प्रक्रिया के अंतर्गत ई-पट्टा जारी करने की अनुमति दी गई है. इस संबंध में स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक इंद्रजीत सिंह की ओर से आदेश जारी किए गए.
नई व्यवस्था के अनुसार, पट्टा जारी करने के लिए निकाय प्रमुख के हस्ताक्षर अब अनिवार्य नहीं रहेंगे. उनकी केवल फाइल पर स्वीकृति ही पर्याप्त मानी जाएगी. इसके बाद संबंधित अधिकृत अधिकारी (जैसे अधिशासी अधिकारी या आयुक्त) अपने डिजिटल हस्ताक्षर से ई-पट्टा जारी कर सकेंगे.
नई सरकार में ठप पड़ी थी प्रक्रिया: पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत शहरी लोगों को भूमि के पट्टे देने की प्रक्रिया जोरों पर थी, लेकिन नई सरकार के गठन के बाद ये प्रक्रिया लगभग ठप हो गई थी. इस कारण विभिन्न नगर निकायों में पट्टों के हजारों आवेदन लंबित हो गए थे. इन आवेदनों को लेकर बार-बार निकायों से पत्राचार हो रहा था. स्थिति को देखते हुए डिजिटल समाधान निकाला गया है. शहरी निकायों को डिजिटल प्रणाली के माध्यम से एकल हस्ताक्षर से पट्टे जारी करने की छूट दे दी गई है. सरकार का ये फैसला न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा, बल्कि ई-गवर्नेंस की दिशा में भी एक ठोस कदम साबित होगा.
