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मोदी, मालासेरी और मानगढ गुर्जर नाराज, भाजपा परेशान वसु को निमंत्रण नही, पूनिया को जगह नही”

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* मोदी, मालासेरी और मानगढ *

* गुर्जर नाराज, ,भाजपा परेशान *

“वसु को निमंत्रण नही, पूनिया को जगह नही”

*इस दम पर मोदी जीतेंगे राजस्थान? *

इनकी चौखट पर चढ कर वो जीम गए।
कैसे मेजबान ये, हाथ मलते रह गए।

खर्चा गुर्जरों का, मंच गुर्जरों का, आयोजन गुर्जरों का और भाषण मोदी जी का ।मोदी मालासेरी आए,गुर्जरों के निमंत्रण पर आए, प्रदेश भाजपा की पूरी मशीनरी से काम लिया । लेकिन आने के बाद मंच पर गुर्जर समाज के कुछ चुनिंदा शख्सियतों को छोड़कर किसी को चढने नही दिया।यहां तक कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया को भी नही ।वसुंधरा राजे, जिसके दम पर चुनाव जीतने के सपने देख रहे हैंं, उसे निमंत्रण तक नही। मंच पर सिर्फ और सिर्फ केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुर्जर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक पाटिल, प्रदेशाध्यक्ष राम प्रसाद धाबाई, सवाई भोज महंत सुरेश दास, सांसद सुभाष मेहरिया और मंदिर के पुजारी हेमराज पोरवाल की ही मौजूदगी थी ।एक पीएम,मंत्री या राजनीतिज्ञ कहीं भी जाता है तो उसका मकसद राजनीति साधना होता है , और कुछ नही ।मोदी जी भी मालासेरी अपने राजनैतिक मकसद को लेकर आए थे ।और मकसद साधने के लिए साधक को कुछ बातों का ध्यान रखना होता है ।यहां मोदी जी चूक गए अथवा वे कुछ देना या करना ही नही चाहते थे । यह कैसी विडम्बना कि जिस मंदिर के कार्यक्रम में आए उसके ट्रस्टी तक को मंच पर जगह नही दी गई ।जिस राजस्थान मेें भाजपा की जीत के लिए पूरी भाजपा बटालियन को तरह-तरह के निर्देश देते आ रहे हैंं उसी भाजपा के किसी पदाधिकारी का न तो अपने भाषण में कोई जिक्र किया और न ही उन्हें मंच पर जगह दी गई जबकि मकसद राजनीतिक ही था ।इसके अलावा पीएम के आने से पहले यह ऐलान किया गया कि यह संस्कृति मंत्रालय का कार्यक्रम है , इसलिये गुर्जर समाज और प्रदेश भाजपा नेताओं को मंच से दूर रखा । फिर जब मोदी जी मंच पर समारोह को संबोधित करने खडे हुए तो उन्होने कह दिया कि यह संस्कृति मंत्रालय का कार्यक्रम नही, गुर्जर समाज का कार्यक्रम है तो उपस्थित सभी लोग सकते मेें आ गये । फिर मंदिर के ट्रस्टी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को मंच पर जगह क्यों नही दी गई?सतीश पूनिया प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हैंं, उन्हें मंच पर जगह देना प्रदेशाध्यक्ष का मान रखना होता है, लेकिन वे नीचे ही रहे । यहां तक कि प्रदेश भाजपा के कई लीडर मौजूद थे पर किसी को तवज्जोह नही दी । चित्तौडगढ के सांसद सी पी जोशी भी नीचे भीड के आगे ही बैठे थे । वसुंधरा राजे, जिसके दम पर चुनाव जीतने के सपने देख रहे हैंं, उसे निमंत्रण तक नही दिया गया ।देवनारायण मंदिर ट्रस्ट से जुड़े लोगों को भी मंच से दूर रखा गया । यह सरासर पूरे गुर्जर समाज का अपमान तो है ही ।देवनारायण भगवान का 1111 वां प्रकटोत्सव 1111 किलो पीले चावल से न्योता ।खर्चा भी गुर्जर समाज का, फिर उन्हें मिला क्या? न उन्हें कुछ मिला न ही प्रदेश भाजपा को ।न ही राजस्थान को ।इन चार महिनों में मोदी जी तीन बार राजस्थान आ चुके हैंं ।मानगढ धाम आए तो आदिवासियों की उम्मीद पर पानी फेर गए ।अब गुर्जरों के आराध्य देव देवनारायण भगवान की चौखट पर आए तो गुर्जरों की उम्मीद पर पानी फेर गए ।मोदी जी को मानगढ और मालासेरी रास नही आए ।बडी अजीब स्थिति है भाजपा की कि जिसके दम पर चुनाव जीतने के सपने देख रहे हैंं (वसुंधरा )उसे निमंत्रण नही और जो मेहनत करता आ रहा है (सतीश पूनिया )
उसे तवज्जोह नही ।और गुर्जरों का भी यह कैसा फलसफा, जिसे निमंत्रण के पीले चावल भेज कर फूले नही समाए उसने उन्ही पीले चावलों का मान तक नही रखा ।
——————–👉अशोक शर्मा।
लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार।
7726800355

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