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अजमेर विकास प्राधिकरण की सरकारी ज़मीनों पर भू माफिया का कब्जा

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अजमेर विकास प्राधिकरण की सरकारी ज़मीनों पर भू माफिया का कब्जा

आम आदमी पार्टी पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाकर रहेगी

शुक्रवार ।। आम आदमी पार्टी प्रदेश उपाध्यक्ष कीर्ति पाठक, एससी विंग प्रदेश अध्यक्ष पंकज जटिया व महिला विंग प्रदेश उपाध्यक्ष मीना त्यागी तथा मीडिया प्रभारी पृथ्वी सिंह एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकार बंधुओं से रूबरू हुए।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कीर्ति पाठक व ने मीडिया बंधुओं को संबोधित करते हुए बताया कि अजमेर विकास प्राधिकरण की सरकारी ज़मीनों पर भू माफिया व प्रभावशाली लोग क़ाबिज़ हैं।

इन क़ब्ज़ों की सूची निम्न है –

  • खसरा नंबर 3044 – ये कुल 1.65 hectare ( 10 बीघा से ज़्यादा ) ज़मीन है जिस पर plotting की जा चुकी है और सीधे साधे लोग भू माफिया के जाल में फँस जाएँगे या फँस चुके होंगे।
  • सतगुरु स्कूल के पास जिस ज़मीन पर वृंदावन स्कूल का बोर्ड लगा हुआ है वो ज़मीन भी सरकारी ज़मीन है।
  • विजया राजे सिंधिया कॉलोनी के पास सरकारी भूमि पर तारबंदी कर के क़ब्ज़े करने शुरू हो चुके हैं।
  • दौराई रेलवे स्टेशन के पीछे रेलवे क्वार्टर्स बने हैं उन के आसपास सरकारी ज़मीन पर क़ब्ज़े शुरू हो चुके हैं।
  • नौ नंबर पेट्रोल पम्प के पास अजमेर विकास प्राधिकरण की .49 हेक्टर ज़मीन है जिस पर क़ब्ज़ा है।

कीर्ति पाठक ने बताया कि आम आदमी पार्टी का ये फ़र्ज़ है कि अजमेर विकास प्राधिकरण की उदासीनता के कारण सरकार को हो रही हानि को अजमेर ज़िला कलेक्टर व ADA के ज़िम्मेदार अधिकारी संज्ञान में लाये और इस पर त्वरित कार्यवाही की माँग करे और सरकारी ज़मीन को मुक्त करवाते हुए निर्दोष अजमेर की जनता को भू माफिया के जाल में फँसने से रोकने में मदद करने का प्रयास करे आम आदमी पार्टी माँग करती है कि अजमेर विकास प्राधिकरण उक्त अवैध क़ब्ज़ों पर कार्यवाही करे।
आम आदमी पार्टी इस संबंध में सोमवार को ज्ञापन देगी व उस के एक सप्ताह बाद सक्षम अधिकारियों से पुनः भेंट कर उक्त क़ब्ज़ों पर की गई कार्यवाही की जानकारी लेगी।

पार्टी ने अजमेर विकास प्राधिकरण में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को तनख़्वाह नियमित रूप से नहीं मिलने पर भी चिंता जताई और प्रशासन से उन की तनख़्वाह नियमित करने हेतु भी कदम उठाने की माँग की।

अजमेर विकास प्राधिकरण ने गत दिनों में लोहागल ग्राम में कार्यवाही करते हुए गरीब ग्रामीणों के कुछ मकान ढहा दिये थे आम आदमी पार्टी के इस संबंध में कुछ सवाल उठाये।

  1. Without permission of law किसी को बेदख़ल नहीं किया जा सकता तो किस कारण से अजमेर विकास प्राधिकरण की टीम ने बिना नोटिस दिये मकान तोड़े ?
  2. जब मकान बन रहे थे तब अजमेर विकास प्राधिकरण के ज़िम्मेदार अफ़सर कहाँ थे और अपनी सेवा पूरी क्यों नहीं कर रहे थे ? क्योंकि मकान एक दिन में नहीं बनते। यदि वे ज़िम्मेदारी से कार्यसम्पदान करते तो गरीब नासमझ ग्रामीणों की गाढ़े पसीने की कमाई यूँ ज़ाया नहीं जाती।
  3. माना कि सरकार की भूमि पर अतिक्रमण ग़लत है पर जिन भी माफ़ियों ने इन गरीब ग्रामीणों को ठगा है उन पर कार्यवाही पहले होनी चाहिए थी फिर, क्योंकि सरकार एक welfare state है , संवेदनशीलता से कार्य करते हुए ग़रीबों को अन्यत्र सिर छुपाने को जगह देते हुए उन के आशियाने को तोड़ती अथवा अवैध क़ब्ज़े का नियमन करते हुए उन को पट्टे देती।

कीर्ति पाठक ने बताया कि उक्त प्रकरण में आम आदमी पार्टी ये माँग करती है कि क्योंकि सरकार एक welfare स्टेट होती है और नागरिकों के हिताय कार्य करने के लिए ही अस्तित्व में आती है तो सरकार संवेदनशीलता से कार्य करे और अभी तक जो भी मकान तोड़े गये हैं उन गरीब ग्रामीणों को मुआवज़े में अन्यत्र सिर छुपाने की जगह मुहैया करवाये अथवा उन के अवैध क़ब्ज़े का नियमन करते हुए उन्हें उक्त स्थान का पट्टा दे। साथ ही जिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण आज गरीब ग्रामीणों पर मुसीबत आयी है उन की जवाबदेही ठहराते हुए उन पर action लिया जाये और इस प्रकरण में सरकार व ग्रामीणों की आर्थिक हानि का मुआवज़ा उन के द्वारा ही वसूला जाये।


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