KAL KA SAMRAT NEWS INDIA

हर नजरिए की खबर, हर खबर पर नजर

Home » धर्म-अध्यात्म के अनुष्ठानों हेतु स्थान की अनुपलब्धता से आहत शहर के धर्मप्रेमी रसिक श्रद्धालु

धर्म-अध्यात्म के अनुष्ठानों हेतु स्थान की अनुपलब्धता से आहत शहर के धर्मप्रेमी रसिक श्रद्धालु

Spread the love

. धर्म-अध्यात्म के अनुष्ठानों हेतु स्थान की अनुपलब्धता से आहत शहर के धर्मप्रेमी रसिक श्रद्धालु 2. अध्यात्म से जुड़ी अनेकों संस्थाओं ने एक साथ दिया कलक्टर को ज्ञापन, रखी उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने की मांग। अजमेर। 11 अक्टूबर 2023 बुधवार। धर्म एवं अध्यात्म की नगरी अजमेर में कथा-कीर्तन-अनुष्ठान एवं वृहद मेलों के लिये स्थान की अनुपलब्धता से शहर के सभी धर्मप्रेमी श्रद्धालु आहत है। इस हेतु शहर की सभी प्रमुख संस्थाओं ने एक साथ जिलाधीक्ष को ज्ञापन दे उपयुक्त स्थान उपलब्ध कराने की मांग की। संयोजन कर रहे उमेश गर्ग ने बताया कि आज सभी संस्थाओं के प्रतिनिधि प्रात: 11 बजे जिलाधीश कार्यालय में एकत्रित हो कलक्टर को ज्ञापन प्रस्तुत कर शीघ्र कार्यवाही की मांग की। आज प्रात: 11 बजे सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी शिव ज्योतिषानन्द जी महाराज के नेतृत्व में जिलाधीश कार्यालय पहुँचे। ज्ञापन देने वालों में अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन से रमेश तापडिय़ा, श्री श्याम प्रेम मण्डल से शैलेन्द्र अग्रवाल, लोक पर्व एवं संस्कृति सागर से उमेश गर्ग तुलसी सेवा समिति से किशनचन्द्र बंसल, श्री सर्वेश्वर संकीर्तन मण्डल से अशोक तोषनीवाल, राधे-राधे ग्रुप से पवन मिश्रा, प्रभात फेरी परिवार से आलोक माहेश्वरी, तुलसी जयन्ती समारोह समिति से अशोक टांक, प्रदीप बंसल, सिन्धु सभा से नरेन्द्र बसरानी, सिन्धु समिति से जयकिशन लख्यानी, केशव माधव परमार्थ मण्डल, से मयंक दाधीच विमल झरनेश्वर सेवा समिति से अंकुर मित्तल, बालाजी सेवा समिति से नरेन्द्र तुनवाल, उमेश टांक, अपना घर आश्रम से विष्णु प्रकाश गर्ग, सिन्धु सभा से हरिकिशन टेकचंदानी, मेवालाल जादम सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। संयोजन कर रहे उमेश गर्ग ने कहा कि धर्म अध्यात्म कथा भागवत के लिये उपलब्ध स्थानों को अन्य योजनाओं में काम लेना और जनजागरण के इन कार्यक्रमों को इधर-उधर भटकने के लिये छोड़ देना रसिक श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है। इन आयोजनों में अधिकांश महिला एवं वरिष्ठजन भाग लेते है और वह दूर-दराज स्थानों पर आने-जाने में असमर्थ है। उमेश गर्ग ने कहा इसी प्रकार शहर से अखाड़ें हटा दिये गये, उनका स्थान अस्पतालों ने ले लिया और संस्कार निर्माण में कथा-भागवत धर्म चर्चा के स्थान बंद होने से आगामी पीढ़ी को संस्कार देना असंभव हो जायेगा। भवदीय उमेश गर्ग

You may have missed

Skip to content