बाजार में धड़ल्ले से बिक रहे हैं गैर मानकों के पटाखे जिम्मेदार है मोंन
अजमेर,12 नवंबर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त आदेशों के बाद भी ग्रीन पटाखे का कहीं कोई बाजार नजर नहीं आ रहा गैर मानकों के पटाखे बाजार में धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं।
गौरत लब है कि केवल अजमेर जिले का ही हिसाब लगाएं तो लगभग 120 से डेढ़ सौ करोड़ के पटाखों का व्यवसाय मात्र तीन से चार दिनों में होता है जिसके अंतर्गत जीएसटी का भी भारी घोटाला किया जाता है। 12% जीएसटी की दर से 15 से 18 करोड़ रूपयाजीएसटी के रूप में सरकार को प्राप्त हो सकता है,जो कि आम जनता के द्वारा द्वारा दिया हुआटैक्स ही है जो आम जनता की भलाई के लिए ही काम में आ सकता हैयह टेक्स का हिसाब केवल एक जिले का है यदि पूरे प्रदेश का हिसाब लगाएं तो यह अरबों रुपए में गिना जा सकता ,,,,है,लेकिन,,,,,,लेकिन,,,,,,आगे आप समझदार हैं,,,,,।
संबंधित विभागों द्वारा जिले की या प्रदेश की किसी भी दुकान पर खुदरा मूल्य की दुकानों पर भौतिक सत्यापन नहीं किया जाता है जिसका फायदा रिटेलर जमकर उठाते हैं और गैर मानकों के बिना जीएसटी पैड किए हुए पटाखों का व्यापार बड़े आराम से किया जाता है जिसमें करोड़ों का हेर फेर भी हो जाता है बढ़िया ,सहज सुलभ और आसानी से।
बिना क्यूआर कोड चस्पां किए हुए पटाखों का व्यवसाय धड़ल्ले से हो रहा है लगभग 293 दुकानों को अस्थाई पटाखा विक्रय के लिए अनुमति प्रदान की गई है जिनमें से अधिकांश पर बिना क्यूआर कोड के पटाखे का बेचान किया जा रहा है। अवैध मानकों के पटाखे जो की तमिलनाडु के शिवकाशी से कौड़ियों के या यू कहें की कचरे के भाव में खरीद कर लाए जाते हैं वही पटाखे यहां बेचकर करोड़ों रुपया कमाया जाता हैऔर देश की भोली भाली जनता को चूना लगाने के साथ-साथ देश के विकास में योगदान देने वाले अहम टैक्स जीएसटी की भी वाट लगा दी जाती है।
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