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एक बार अपने वोट की असली कीमत समझ लो,,,,,फिर जिसे चाहो उसे वोट देना ,,,,अजमेर दक्षिण दावेदार विनोद गौतम

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एक बार अपने वोट की असली कीमत समझ लो,,,,,फिर जिसे चाहो उसे वोट देना ,,,,अजमेर दक्षिण दावेदार विनोद गौतम


अजमेर,21 नवंबर , राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रचार अपने परवान पर पहुंच चुका है, इसी क्रम मेंअजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे विनोद गौतम जो कि अजमेर दक्षिण क्षेत्र में घर-घर जाकर सघन जनसंपर्क कर रहे हैं का कहना है कि,,,,, मैं अपनी बात कहना चाहता हूं समझाना चाहता हूं, जनता की समझ में आनी चाहिए, मैं जनता को उसके वोट की असली कीमत समझाने आया हूं , जनता विभिन्न प्रकार के लगभग 68 प्रकार के टैक्स चुकाती है जनता की खून पसीने की गाड़ी कमाई से चुकाए हुए टैक्स के आधार पर ही शासन प्रशासन की तमाम व्यवस्थाएं की जाती है, सरकारों द्वारा बजट बनाया जाता है, विभिन्न प्रकार के टैक्स और करों का आकलन कर अंदाजा लगाया जाता है कि इस वर्ष कितना टैक्स वसूला जाएगा। यानी की राजस्थान का प्रतिवर्ष का बजट 8 से 10 लाख करोड़ रूपया होता है 5 वर्षों का लगभग 50 लाख करोड़ रूपया और चार करोड़ मतदाता वोटिंग करते हैं , जिसमें से लगभग75 प्रतिशत वोटिंग मानी जाए तो 3 करोड़ के लगभग मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सरकारों को चुनते हैं सरकारों को उसे 10 लाख करोड रुपए का हिसाब किताब रखने और अवाम की खुशहाली के लिए खर्च करने के लिए नियुक्त किया जाता है। अर्थात 50 लाख करोड रुपए में 3 करोड़ मतदाताओं का भाग लगाया जाए तो यह लगभग 17 लाख रुपये एक मतदाता का निकाल कर आता है , यानी आपके एक वोट की कीमत, अर्थात किसी एक घर में चार मतदाता है तो यह तय मानकर चलिए वह एक घर एक विधायक को चुनने के लिए 68 लख रुपए दे रहा है यानी एक परिवार 68 लख रुपए का योगदान दे रहा उस विधायक को इस आशा के साथ कि आने वाले 5 वर्षों में उसके लिए एक खुशहाल व्यवस्था कायम की जाए लेकिन बदले में उसे मतदाता को क्या मिलता है यानी उसे वोट डालने वाले व्यक्ति को क्या मिलता है बाबा जी का,,,,,,।

कितना भारी भरकम टैक्स चुकाते है हम भारत के लोग
भारत में प्रतिदिन लगभग 100 करोड़ लीटर पेट्रोल डीजल की खपत है जिस पर ₹50 लगभग टैक्स सरकार वसूलती हैं यानी की लगभग 5000 करोड़ रूपया प्रतिदिन, महीने का 1लाख 50 हजार करोड़ और साल का लगभग 18 लाख करोड रुपए केवल धुंआ उड़ा कर ,पेट्रोलियम उत्पादों के उपभोग से ही भारत की आम मतदाता टैक्स के रूप में एक भारी भरकम राशि सरकारों के पास पंहुचती है तो अन्य प्रकार के कर जैसे जीएसटी ,इनकम टैक्स ,कई तरह के सेस कर, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणों द्वारा वसूला जाने वाला रोड टैक्स, हाईवे टैक्स, आबकारी टैक्स,तब आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि हम भारत के 140 करोड लोग कितने भारी भरकम टैक्स और करो को चुकाते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी हमें एक आत्मसम्मान और स्वाभिमान से पूर्ण जीवन जीने लायक माहौल नहीं मिल पाता है।

में बनावटी हंसी और मुस्कुराहट लेकर घर-घर जाकर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता मैं आपको आपके वोट की असली कीमत बता रहा हूं अन्य प्रत्याशी विभिन्न राजनीतिक दलों के जो है करोड़ों की गाड़ियों के लावजमे, सैकड़ो कार्यकर्ताओं की भीड़,,, ढोल धमाके अनाप शनाप का खर्च करते हैं ,मैं यह सब नहीं कर सकता मैं केवल अवाम को जगाने का प्रयास कर रहा हूंताकि उसे आत्मसम्मान और स्वाभिमान से जीने लायक वजह मिले उसे उसके वोट की असली कीमत वापस प्राप्त हो सके इसीलिए मैं आज मैदान में हूं।
रही बात समस्याओं की तो जो व्यक्ति ईमानदारी से अवाम का वोट प्राप्त करके विधायक बनेगा वह जाहिर सी बात है कि ईमानदारी से ही कार्य करेगा जो लोगों को महसूस भी होगा।
फैसला आपको करना है चुनावों से 5 दिन पहले लीपा पोती की बनाई हुई सड़कों को देखकर यदि आप अपने 5 वर्षों के दुख दर्द और तकलीफों को भूल जाते हैं तो मेरी नजर में आपसे बढ़कर कोई मरदानी जिस्म में शिखंडी मानव नहीं हो सकता।

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