कोली समाज के नवनिर्वाचित सांसदों का हार्दिक अभिनंदन समारोह आयोजित
” अखिल भारतीय कोली समाज (रजिस्टर्ड) नई दिल्ली .” श्रीमान अजित भाई एन. पटेल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की अध्यक्षता में, दिनांक 26 जून, 2024 की सांय 7.00 बजे , गुजरात भवन, नई दिल्ली के सभागार में , उपरोक्त समारोह आयोजित किया गया।लोकसभा के ग्यारह(11) नव निर्वाचित सांसदों में से मात्र तीन (3) सांसद ही कार्यक्रम में सम्मिलित हो पाए , जो कि गंभीर एवं चिंता का विषय है! जब की सत्र के दौरान सभी सांसद दिल्ली में मौजूद थे !
समारोह में माननीया श्रीमती नीमूबेन भामनीया , भावनगर गुजरात, जिन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया है। तेलंगाना के श्रीमान इटेला राजिंदर जी, जो की पूर्व मंत्री रहे हैं। श्री चंद्र भाई शिहोरा , गुजरात की गरिमामय उपस्थिति रही ।
राष्ट्रीय पदाधिकारियों में श्री अजित भाई एन. पटेल ( सूरत ), श्री हरिशंकर माहौर कार्यकारी अध्यक्ष, श्री सत्य नारायण पवार (पूर्व सांसद), उपाध्यक्षों में श्री वीरेन्द्र कश्यप जी ( पूर्व सांसद), श्री आर भूपति जी , श्री हरीश चंदावत मंच पर आसीन थे।
राष्ट्रीय महासचिवों में श्री डी पी शंखवार , ग्वालियर तथा श्री मनुभाई चावड़ा (सूरत) अपने परिवार के साथ पधारे । राष्ट्रीय कोश्याध्यक्ष श्री विश्व प्रकाश श्री विजय कुमार माहौर एडवोकेट ( सहायक कोश्याध्यक्ष ) , राष्ट्रीय मंत्री श्री देवराज कोली जी, मीडिया प्रभारी श्री दयानंद कोली, श्री नरेश चंद माहौर एवं श्री चरण सिंह जी राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।
तीन प्रदेश्याध्यक्षों में क्रमश: दिल्ली प्रदेश के श्री योगेन्द्र कुमार माहौर, दोनो महासचिवों एवं पदाधिकारियों सहित, श्रीमती सुदेश माहौर, महिला अध्यक्षा, दिल्ली उपस्थिति रहीं। कर्नाटक से ऐडवोकेट श्री दत्तात्रेय रेड्डी जी अपने पदाधिकारियों के साथ तथा श्री परसराम राम जी चंडीगढ़ से मौजूद थे। नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों ने समाज के प्रति अपना दायित्व निभाने का संकल्प लिया । शीर्ष राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने अपना उधबोदन दिया जिसमें संगठन को मज़बूत बनाने की अपील की गई.
समयाभाव नहीं होते हुए भी मुझे अपने उद्गार हेतु समय दिया उसके लिए मंच का आभार।
” अखिल भारतीय कोली समाज (रजिस्टर्ड ) नई दिल्ली की स्थापना दिनांक 10 दिसंबर, 1967 में दिल्ली की तुलसी नगर कॉलोनी में , कोली समाज के सक्रिय समाज सेवियों द्वारा की गई । अभी संस्थापक सदस्य श्री दिगंबर दास पाटनवाल जी कोटला मुबारकपुर में निवास कर रहे हैं। संस्था को लगभग 56 वर्ष हो चुके हैं! इसके प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद हिमाचल प्रदेश श्री प्रताप सिंह जी थे !
अखिल भारतीय कोली समाज का स्वर्ण जयंती समारोह दिनांक 13-14 मई, 2022 को सूरत में, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अजित भाई एन. पटेल ( सूरत) की अध्यक्षता में हर्षोल्लास पूर्वक आयोजित किया गया। इसमें देश विदेश के समाज सेवियों ने भाग लिया। केंद्रीय राज्य मंत्रीगण, सांसद, विधायकों की गरिमामय उपस्थिति रही।
इस अवसर पर समाज के महामहिम राष्ट्रपति महोदय श्री राम नाथ कोविंद जी का टी .वी . के बड़े स्क्रीन पर समाज के नाम संदेश प्रसारित किया हुआ। श्रीमान कोविंद जी ने जो इस संगठन के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं , पुराने पदाधिकारी जो अब नहीं रहें है , “श्रृद्धांजलि” अर्पित करते हुए उनके नाम का उल्लेख किया, जो उनके परिवार के लिए प्रेरणास्प्रद रहा !
साथियों, यह संगठन चट्टान की तरह अडिग है। कहा है-
” फानूस बनके जिसकी हिफाजत हवा करे ।
वो चिराग़ क्या बुझे जिसे रौशन ख़ुदा करे ।। “
संगठन में शक्ति है।
Unity is strength.
हमारे अपनों का साथ आवश्यक है। सुख हो तो बढ़ जाता है , दुःख हो तो बंट जाता है।
पूर्व में, प्रदेशानुसार , हमारे समाज के लोगों का मुख्य व्यवसाय ( पेशा) हाथ से करघा (Loom) चलाकर वस्त्र बुनना, मछली पकड़ना- बेचना , खेती बाड़ी करना , मेहनत मजदूरी तथा मकान निर्मित करना था ।
ब्रिटिश काल में अंग्रेज़ों ने पॉवर लूम द्वारा वस्त्र निर्माण करवाकर समाज को बेरोजगारी के कगार पर खड़ा कर दिया !
नमन है, बाबा साहेब डा भीम राव आंबेड़कर जी को , जिन्होंने अनुसूचित जाति , दबे कुचले लोगों को जागृत कर, तीन मंत्र क्रमश: शिक्षित बनो, संगठित रहो व संघर्ष करो को देकर नई क्रांति का सूत्रपात किया। शिक्षा का प्रचार प्रसार किया।
हमारे समाज के महान प्रतीकों में विश्व के अहिंसा , शील के पुजारी , महान दार्शनिक भगवान गौतम बुद्ध ने विश्व में ज्योति जलाई ।
नारी शक्ति शहीद वीरांगना झलकारी बाई ने स्वतंत्रता संग्राम में , अंग्रेजों से युद्ध करते हुए देश की बालिवेदी पर अपने प्राणों को बलिदान देकर , नारी शक्ति को तथा समाज के नाम को गौरवान्वित किया।
कबीर साहेब ने पाखंडवाद पर कठोर प्रहार कर अपने दोहों,सूक्तियों से समाज को जागृत किया । हमें भी अब ,अपनी कुरीतियों को समाप्त कर बुद्धिजीवी होने का प्रमाण देना है, जैसे मृत्यु भोज पर रोक, मद्यपान एवं जुआं न खेलना , शादी विवाह पर अनावश्यक रीति रिवाजों पर पाबंदी, खर्च कम करना आदि।
समाज के निर्धन छात्र छात्राओं की मदद करना सबसे बड़ा पुण्य है ।
यह संगठन लगभग 19 राज्यों से जुड़ा हुआ है, हमें मिलजुलकर , देश के शेष सभी राज्यों से इसे जोड़ना होगा। इसके लिए आपसी मनभेद को भुलाकर निष्ठा, ईमानदारी व सोहार्द बढ़ाकर, संगठन को और मजबूत कर, नई ऊंचाई देनी होगी! लोगों में नई ऊर्जा का संचार करना है।
आज हमें आप सभी नवनिर्वाचित लोकसभा सांसदों से अपेक्षा है, उम्मीद है कि हमारे समाज के देश भर में फैले करोड़ों निर्बल, निर्धन, दीन हीन लोगों पर , अबलाओ पर , होने वाले व्यभिचारों, ज़ुल्मो एवं अन्याय की आवाज़ को संसद भवन से उठाकर, पीड़ितों को इंसाफ और न्याय दिलाने में सहायक होंगे , तभी समाज में आपका सम्मान बढ़ेगा, और आप पर हमें गर्व होगा!
” इरादे हों अटल , तो मंज़िल चलकर आती है ।
समुद्र राह देते हैं , चट्टानें थरथराती है ।। “
जय भारत – जय कोली समाज !
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