राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले BJP संगठन में करेगी बड़ा फेरबदल,संगठन मंत्री पर गिर सकती है गाज, कई पदो नए चेहरों को मिलेगा मौका
देश में अगले साल होने वाले राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले संगठन में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी कई राज्यों के संगठन मंत्रियों में भारी फेरबदल कर सकती है। बताया जा रहा है कि पार्टी के लगभग आधा दर्जन राज्यों के संगठन मंत्रियों के दायित्वों में परिवर्तन जल्द किया जाएगा जहां संगठन मंत्रियों को हटाने और दायित्व परिवर्तन को लेकर आरएसएस और बीजेपी के बीच सहमति बन गई है। फिलहाल राजस्थान, हिमाचल, दिल्ली समेत कई राज्यों के संगठन मंत्रियों के राज्यों में बदलाव हो सकता है. राजस्थान को लेकर चर्चा है कि संगठन में कई पदों पर नए चेहरों को लाया जा सकता है।माना जा रहा है कि राज्य इकाई में संगठन पदाधिकारी पार्टी नेताओं को एक साथ लेकर चल पाने में विफल रहे हैं और हाल में हुई बीजेपी जनाक्रोश रैली को लेकर भी माहौल तैयार नहीं करवा पाए. हालांकि अभी यह फाइनल नहीं हुआ है कि पार्टी किन चेहरों पर विचार कर रही है।
जनाक्रोश के आगाज पर नड्डा हुए थे नाराज!
बता दें कि राजस्थान में पिछले दिनों हुई जनाक्रोश यात्रा की असफलता को लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व चिंतित बताया जा रहा है. वहीं राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले पार्टी नेताओं की आपस की खींचतान को लेकर आलाकमान नाराज है। ऐसे में बीजेपी चाहती है कि राजस्थान में नेता आपसी विवाद से ऊपर उठकर गहलोत सरकार के खिलाफ हवा बनाने की ओर काम करे।बीते 1 दिसंबर को जयपुर में जन आक्रोश यात्रा का आगाज किया गया जहां जयपुर आए जेपी नड्डा ने राजस्थान बीजेपी से नाराजगी जताई थी. नड्डा की सभा में भीड़ नहीं जुटने से वह पार्टी के नेताओं से नाराज हुए. वहीं यात्रा के शुभारंभ के मौके पर मंच से बीजेपी नेताओं के बीच आपसी गुटबाजी भी एक बार फिर खुलकर देखने को मिली। मंच पर मौजूद नेताओं ने जेपी नड्डा की मौजूदगी में एक-दूसरे पर बयानों के जरिए निशाने साधे।वहीं इस दौरान उनकी सभा के लिए भीड़ नहीं जुटी लेकिन सभा में जयपुर के तमाम विधायक, पूर्व विधायक मौजूद थे लेकिन वह अकेले ही कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे और अपने साथ भीड़ नहीं लाए. कार्यक्रम के दौरान कई कुर्सियां खाली पड़ी रही। गौरतलब है कि जयपुर शहर के तमाम पूर्व विधायक वसुंधरा राजे के खेमे से जाने जाते हैं ऐसे में उन्होंने भीड़ जुटाने की कोशिश नहीं की. वहीं इस कार्यक्रम के बाद आलाकमान की ओर से प्रदेश संगठन की कार्यकुशलता पर भी कई सवाल उठे।
आपसी गुटबाजी बड़ा कारण
मालूम हो कि राजस्थान में बीजेपी खेमे में सीएम फेस को लेकर नेताओं के बीच आपसी खींचतान है जिसे दूर करने में राज्य प्रभारी और संगठन मंत्री नाकाम रहे हैं। पार्टी की ओर से कई बार कहा गया है कि विधानसभा का चुनाव कमल के निशान और नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा।
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