32वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह
हेलमेट एवं मोटरसाईकल रैली आयोजित
अजमेर 12 जनवरी।32वां राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत गुरूवार को हेलमेट एवं मोटरसाईकल रैली का आयोजन किया गया। इसे पुलिस महानिरीक्षक श्री रूपिन्दर सिंघ ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी डॉ. विरेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 32वां राष्टीय सड़क सुरक्षा सप्ताह के दूसरे दिन गुरूवार को रीजनल कॉलेज चौराहा से सडक सुरक्षा हेलमेट एवं मोटरसाईकिल रैली का आयोजन किया गया। महानिरीक्षक पुलिस अजमेर रेंजश्री रूपिन्दर सिंघ, जिला पुलिस अधीक्षक श्री चुनाराम जाटएवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विकास सांगवान द्वारा हरी झण्डी दिखाकर मोटर साईकिल रैली को रवाना किया गया। रैली रीजनल कॉलेज चौराहा से पुरानी चौपाटी, बजरंग-गढ, पुरानी आरपीएससी, ऎलिवेटेड रोड, मार्टिनल ब्रिज, श्रीनगर रोड, कुन्दन नगर, रोडवेज बस स्टेण्ड से जवाहर रंगमंच तक आयोजित हुई। रैली में 100 से अधिक दोपहिया वाहन चालकों द्वारा अनिवार्यता से हेलमेट लगाने सहित विभिन्न सडक सुरक्षा संदेश प्रसारित किए गए। रैली के समापन के उपरान्त जवाहर रंगमंच में रैली में शामिल सभी व्यक्तियों को सडक सुरक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
उन्होंने बताया कि जवाहर रंगमंच में दो पारियों में 150 पुलिस कर्मियों एवं लगभग 100 चिकित्सा कर्मियों को सडक सुरक्षा, जीवन दायिनी, दुर्घटना अन्वेषण प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षु आईपीएसश्री सुमित मेहरडा द्वारा पुलिस कर्मियों को संबोधित करते हुए सडक दुर्घटनाओं से संबंधित आईरेड पोर्टल द्वारा प्रकरणों का निस्तारण एवं सडक दुर्घटना अन्वेषण बाबत विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। पोर्टल पर निस्तारण के लिए प्रशिक्षित किया गया। परिवहन एवं सडक सुरक्षा विभाग के आई.टी कार्मिक श्री नितिन राज सेठी एवं एनआईसी के श्री शिवपाल सिंह राठौड द्वारा आईरेड सॉफटवेयर तथा उसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। श्री प्रवेश सैनी द्वारा शुन्य दुर्घटना क्षेत्र बनाने के लिए विशेष स्टे्रटजी के बारे में तथा नॉन आईएसआई मार्का वाले हेलमेट पकडने के लिए बीआईएस केयर ऎप के बारे में बताया।
श्रीमती श्वेता ब्रह्मवर सहायता ट्रस्ट द्वारा बताया गया की दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को 10 सेकंड में सिर से पैर तक सरसरी निगाह डालकर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की गंभीरता का तुरन्त उपचार करने से कई जिन्दगियां बचाई जा सकती है। हाईवे पर 1033 और जगह के लिये 108, 104, 112 एंबुलेन्स बुलाने पर तुरन्त मदद मिल सकती है। ह्रदय, मस्तिष्क व फेफडे तीन मुख्य अंग है जिसके द्वारा जीवन नियमित गति से संचालित होता रहता है। दुर्घटना में अधिक खून बहने अथवा दिल का दौरा पड जाने पर जीवन समाप्त होने की आशंका बढ जाती है। मस्तिष्क 3 से 5 मिनिट से ज्यादा ऑक्सीजन की कमी को बर्दाशत नहीं कर पाता। इसलिये यदि दिल व फेफडे काम करना बंद कर दे ंतो तुरन्त सीपीआर करना चाहिए। सडक सुरक्षा जीवन दायिनी प्रशिक्षण एवं सीपीआर संबंधित प्रशिक्षण डेमो द्वारा भी दिया गया।
प्रशिक्षण में उपस्थित चिकित्सा कर्मियों को सडक सुरक्षा नियमों, मानकों सहित गुड समेरिटन योजना, दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के सुरक्षित उपचार सहित जीवन दायिनी प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षणोपरान्त सडक सुरक्षा शपथ दिलाई गई। राजस्थान सडक सुरक्षा सोसाईटी की रोड सेफ्टी मोबाईल वेन टीम एवं परिवहन एवं सडक सुरक्षा विभाग के परिवहन निरीक्षक श्री अनिल शर्मा द्वारा हिन्दुस्तान जिंक के कार्मिकों तथा मदारपुरा ग्राम पंचायत में सडक सुरक्षा प्रशिक्षण दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा टोल प्लाजा गेगल, पीपलाज, खेडी पर वाहनों पर रिफलेक्टिव टेप लगाई तथा वाहन चालकों को लेन ड्राईविंग की पालना सहित विभिन्न नियमों की समझाईश की गई। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा अजमेर शहर में स्पीड लिमिट सहित विभिन्न सूचकों के बोर्ड लगाए गए। अजमेर ऑटो-रिक्शा एसोसियेशन द्वारा वाहनों पर रिफलेक्टिव टेप भी लगाई गई।
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