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क्या 400 पार का नारा देकर भाजपा विपक्षियों पर मनो वैज्ञानिक आघात करने में सफल हो गई है,,,,।

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क्या 400 पार का नारा देकर भाजपा विपक्षियों पर मनोवैज्ञानिक आघात करने में सफल हो गई है,,,,।
भारतीय लोकतंत्र के 2024 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेटजी प्लांट करते हुए 400 पार का नारा दिया था, यह दिखने में बेहद साधारण सा नारा नजर आता है अबकी बार 400 पर लेकिन इस नारे ने भारतीय जनमानस की अंतर स्थल पर मनोवैज्ञानिक तौर पर किस कदर खतरनाक काम किया है कि पुरी की पूरी कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्षी दल इसका मुकाबला कर पाने में असमर्थ साबित हुए , इसी का नतीजा है मतदान में आई कमी जिस तरह से मतदान में,,मतदान की प्रतिशत में गिरावट आई है पहले दो चरणों के चुनाव में वह लोकतंत्र के लिए घातक तो है ही परंतु इसके साथ-साथ उसे आवाम के लिए भी सबसे ज्यादा घातक साबित होगी जिन्होंने मतदान नहीं किया क्योंकि 400 पर का नारा लोगों के दिलों दिमाग में इस कदर बैठ गया कि विपक्षी या गैर भाजपाई मानसिकता के लोगों ने तो वोट डालना ही उचित नहीं समझा, वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के कोर वॉटर को, मतदाता को राजी अथवा बेराजी, मतदान केंद्रों तक लाकर उनका वोट डलवा ही दिया। जिसका परिणाम वही होने वाला है जो की बताया जा रहा है, और घोषित होगा 4 जून को। ऐसे में अधिकांश मतदान केंद्रों पर,दलित एससी एसटी अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के साथ-साथ मुस्लिम मतदाताओं ने भी बहुत कम मतदान किया है गरीब दलित वर्ग तो शायद वोट डालने ही नहीं निकला और भारतीय जनता पार्टी का कोर वोटर, वोट डालने के लिए दौड़ पड़ा जिसमें भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का योगदान रहा ऐसे में यह कहां जाना शत प्रतिशत सही साबित हो रहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा 2024 का आम चुनाव एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करते हुए बेहद शानदार तरीके से जीत लिया है।

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