“शिक्षा शेरनी का दूध है –
जो पियेगा वही दहाड़ेगा।” 🩷
(बाबा साहेब की 134 वीं जयंती पर शत शत नमन। )
आज, 14 अप्रैल के महान दिवस पर- हमारा देश भारतीय संविधान के निर्माता शिल्पकार, दलितों के मसीहा, प्रख्यात विद्वान, शोषित वंचितों को न्याय दिलाने वाले , ज़ुल्म -अत्याचार करने वाले निर्दयों की चूल हिलाने वाले निडर सेनानी –
भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की 143 वीं जयंती पर , भारत ही नहीं , अपितु सम्पूर्ण विश्व उनको नतमस्तक होकर , “अश्रुपूरक श्रद्धांजलि” अर्पित करता है।
आज, उनके सभी अनुयाई,
बाबा साहेब के तीन मंत्रों क्रमशः “शिक्षित बनो, संगठित रहो तथा संघर्ष करो।”
के दम पर, खुले आसमान में आज़ादी की श्वास ले रहे हैं , ये संपूर्ण श्रेय उन्हीं को जाता है । ” शिक्षा शेरनी का दूध है जो पियेगा वही दहाड़ेगा।”
आज उनके लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगी कि हम अपने पुत्र-पुत्रियों तथा नारी शक्ति को शिक्षित करें, उन्हें अच्छे आचरण सिखाएं, बड़ों के प्रति सम्मान करने की शिक्षा विकसित करें, विद्यालय, कॉलेजों में होने वाली गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करें , आप देखना – कुछ समय में ही आपका परिवार सुखी, संपन्न व खुशहाल दिखाई देगा। बच्चे आपके परिवार , समाज में आपका नाम रोशन करेंगे।
बाबासाहेब ने, संविधान में जो हमें अधिकार दिये हैं , उनकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है इसके लिए ,संगठित होना आवश्यक है ।
“संगठन में शक्ति है ( Unity is strength)” हम ज़ुल्म अत्याचारों , भेदभाव का क़िला एकजुट होकर ही ध्वस्त कर सकते हैं । अपने अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए “संघर्ष ” ज़रूरी है जो आंबेडकरजी ने हमें विरासत में सौंपा है ।
यदि आप सक्षम हैं , तो समाज के निर्धन, निर्बलों का सहारा अवश्य बनें।निर्धन छात्र/ छात्राओं की आर्थिक सहायता करें, सौहार्द प्रेम से व्यवहार करें , निश्चय ही आपको असीम शांति प्राप्त होगी।
जय संविधान- जय कोली समाज।
🙏🙏
हरीश चंदावत, IES (Retd.)
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, ABKS,
नई दिल्ली।
