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क्या पांच सितारा सुविधाओं वाले महंगे विद्यालय हमारी नस्लों को नपुसंक, कायर और कमजोर नहीं बना रहे हैं।

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क्या पांच सितारा सुविधाओं वाले महंगे विद्यालय हमारी नस्लों को नपुसंक, कायर और कमजोर नहीं बना रहे हैं।

अजमेर,18 जनवरी, भारतीय सनातन सभ्यता एवं संस्कृति में जहां एक समय बच्चों को विद्यालय की शिक्षा देने के लिए गुरुकुल शिक्षा पद्धति हुआ करती थी, जिसमें की कठोर तप, तपस्या, ब्रह्मचर्य और अनुशासन की पालना करते हुए जीवन के विभिन्न आयामों को प्राप्त करने की शिक्षा प्रदान की जाती थी ।
बच्चों को कठोर तप एवं तपस्या के माध्यम से अनुशासित रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए एक कठोर शिक्षा पद्धति के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था ताकि वह भविष्य की लड़ाई आसानी से लड़ सके, और अपना सही मुकाम हासिल कर सके, और भारतीय शिक्षा पद्धति पुरातन शिक्षा पद्धति गुरुकुल व्यवस्था विश्व में अपनी एक विशिष्ट पहचान रखती थी और यही कारण है कि तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालय भारत में हुआ करते थे। जंहा कठोर तपस्या के माध्यम से बच्चों को शिक्षित किया जाता था लेकिन वर्तमान शिक्षा पद्धति में महंगे महंगे स्कूलों के माध्यम से लग्जरी , फाइव स्टार, पांच सितारा सुविधाओं से लैस विद्यालय जो कि अभिभावकों की जेब काटने के अलावा हमारी नस्लों को हमारे बच्चों को नपुसंक कायर और कमजोर बना रहे हैं पूरी तरह से पाश्चात्य संस्कृति पर आधारित भारतीय वर्तमान शिक्षा पद्धति हमारी नस्लों को आखिर इस कदर कमजोर बनाने पर क्यों तुली हुई है आज अखबारों में महंगे महंगे विज्ञापन देकर पांच सितारा सुविधाओं वाले विद्यालय अभिभावकों को अपनी और आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन यह अभिभावकों पर निर्भर है उन्हें सोचना चाहिए कि पांच सितारा एयर कंडीशन सुविधाओं में आखिर बच्चों का मानसिक विकास और शारीरिक विकास किस आधार पर संभव हो पाएगा कहने और दिखाने भर के लिए पांच सितारा सुविधाओं से लबरेज यह विद्यालय हमारी नस्लों को बेहद कमजोर कर रहे हैं जो कि भविष्य में मैदानी लड़ाई लड़ पाने में संभव नहीं हो पाएंगे और सफल भी नहीं हो पाएंगे। आखिर हमारी गुरुकुल शिक्षा पद्धति में क्या कमी और कमजोरी थी ऐसा नहीं है परंतु वर्तमान में एयर कंडीशन विद्यालय एयर कंडीशन कमरे यहां तक की टॉयलेट बाथरूम भी वातानुकूलित हो चुके हैं इन विद्यालयों में और कंप्यूटर इंटरनेट के माध्यम से प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है जिससे कि हमारे नस्लों का मानसिक और शारीरिक विकास लगभग ठप सा हो गया है। आखिर भारत के मध्यम वर्ग एवं उच्च वर्ग के अभिभावक अपनी नस्लों को इस कदर नपुसंक, कायर और कमजोर बनाने पर क्यों तुले हुए हैं पांच सितारा सुविधाओं वाली इन होटल जेसी वातानुकूलित विद्यालयों में हमारे बच्चों के भविष्य के साथ बहुत ही बड़ा खिलवाड़ किया जा रहा है एक बहुत बड़ी साजिश के अंतर्गत।

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