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पार्षदों के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने पर द्रौपदी कोली के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने किया निंदा प्रस्ताव पारीत

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अजमेर दिनांक 16 अप्रैल..

पार्षदों के विरुद्ध अशोभनीय भाषा का प्रयोग करने पर द्रौपदी कोली के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने किया निंदा प्रस्ताव पारीत.( अजमेर के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं को सौंपा प्रस्ताव)

( द्रोपती कोली को नेता प्रतिपक्ष पद से तुरंत बर्खास्त करने की मांग/ अजमेर कॉन्ग्रेस प्रभारी/ प्रभारी मंत्री सहित वरिष्ठ नेताओं का किया जाएगा विरोध)

अजमेर! अजमेर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पद पर सुश्री द्रौपदी कोली की नियुक्ति का कांग्रेसी पार्षदों द्वारा भारी विरोध चल रहा है, वही द्रौपदी कोली द्वारा कांग्रेसी पार्षदों पर की गई अशोभनीय टिप्पणी किए जाने पर कांग्रेस, मनोनीत,रालोप और निर्दलीय पार्षदों द्वारा एक परिभ्रमण प्रस्ताव लेकर द्रौपदी कोली के खिलाफ एक सुर में एकजुट होकर “निंदा प्रस्ताव” पारित किया गया।

बैठक में विरोध प्रकट करते हुए पार्षदों ने बताया कि गत 13 अप्रैल को नगर निगम परिसर में कांग्रेस के निर्वाचित, मनोनीत, निर्दलीय, और रालोप पार्टी के पार्षदों ने नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार, फर्जी पट्टा प्रकरण की जांच सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया, और कांग्रेस पार्षद दल के लेटर पैड पर निगम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया था,
उक्त धरने में द्रौपदी कोली मात्र 5 मिनट बैठ कर चली गई,
और घरनास्थल पर ही स्थानीय समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में धरने पर बैठे तमाम पार्षदों के विरुद्ध अशोभनीय टिप्पणी की गई, जिसकी तमाम पार्षदों ने कड़ी भर्त्सना की, और द्रौपदी कोली के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया। और कांग्रेस के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं को इसकी प्रति सौंपी।

पार्षदों ने विरोध प्रकट करते हुए कहा कि जिस प्रकार तमाम कांग्रेस पार्षदों की अनदेखी कर और अजमेर के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं जिनमें शहर कांग्रेस अध्यक्ष,विधानसभा प्रत्याशियों,पूर्व विधायकों कि राय जाने बगैर नियुक्ति की गई है, यह तमाम कांग्रेस पार्षदों के साथ धोखा है,और संगठन का यह निर्णय उचित नहीं है.
पार्षदों ने कहा कि यह चुनावी वर्ष है, ऐसे में इस प्रकार की नियुक्ति कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा का भाव पैदा कर देगी, जिसमें किसी की भी सहमति ना हो, कांग्रेस पार्षदों ने साफ तौर पर कहा कि यह नियुक्ति अजमेर नगर निगम की है, ऐसे में इसमें अजमेर शहर के नेताओं और पार्षदों की सहमति होना जरूरी था, जबकि द्रौपदी कोली की नियुक्ति का अजमेर के किसी भी नेता को जानकारी तक नहीं थी,

और जिस प्रकार का रवैया द्रौपदी कोली द्वारा पार्षदों के विरुद्ध किया जा रहा है,वह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, पूर्व में भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा सहित वरिष्ठ नेताओं को द्रौपदी कोली को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मांग की थी, जिस पर उनके आश्वासन देने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे तमाम पार्षदों में भारी रोष व्याप्त है,
सभी पार्षदों ने एक राय होते हुए प्रदेश नेतृत्व को स्पष्ट रूप से अंतिम चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही द्रौपदी कोली को नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया नहीं गया, तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्षद सामूहिक रूप से कांग्रेस जिला प्रभारी, प्रभारी मंत्री, जिले में आने वाले प्रदेश स्तरीय नेताओं का घेराव ,प्रदर्शन एवं विरोध स्वरूप पुतला दहन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे, और अंतिम रूप से सभी सामूहिक रूप से कांग्रेस पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे देंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रदेश नेतृत्व और राजस्थान प्रभारी की होगी!

निंदा प्रस्ताव पारित करने वाले पार्षदों में नरेश सत्यावना,
श्याम प्रजापति,पिंकी बालोटिया,नौरत गुर्जर,गजेंद्र सिंह रलावता,चंचल बेरवाल,मनीष सेठी,रश्मि हिंगोरानी,हितेशवरी टांक, बनवारी लाल शर्मा,सुनील धानका,हामिद चीता,अनीता चौरसिया,नुकुल खंडेलवाल,कुशाल कोमल,आरिफ खान,वसीम खान,सर्वेश पारीक,गीता लखन,बीना टांक,अंकित मोटवानी सर्वेश पारीक, नरेश सारवान,आदि थे.

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