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Unseasonal Rain: IMD के महानिदेशक की सबसे सटीक भविषयवाणी- मौसम बदला जरूर है लेकिन यह कोई बड़ी चेतावनी नहीं

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Unseasonal Rain: IMD के महानिदेशक बोले- मौसम बदला जरूर है लेकिन यह कोई बड़ी चेतावनी नहीं

Unseasonal Rain: बीते कुछ दिनों से अचानक बदले मौसम और लोगों के बीच में मौसम को लेकर हो रहे ऐसे तमाम सवालों को लेकर केंद्रीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र से विस्तार से बात की।
बीते कुछ दिनों से हो रही दिल्ली और एनसीआर में बारिश के बाद जब गुरुवार की सुबह लोगों की आंखें खुली तो अपने पास के इलाके को धुंध में लिपटा हुआ पाया। ऐसी धुंध जो अमूमन सर्दियों की सुबह देखने को मिलती है। जिस मई के महीने में सूरज निकलने के साथ ही पसीना टपकने लगता हो, उस सीजन में धुंध से लिपटी हुई सुबह देखने के बाद लोगों ने तरह-तरह की चर्चाएं भी शुरू कर दीं। किसी ने ऐसे बदले हुए मौसम को आने वाली किसी बड़ी मौसमी चेतावनी के तौर पर कहा। तो किसी ने गर्मी के मौसम में सर्दियों के एहसास वाली सुबह को क्लाइमेट चेंज का व्यापक असर बताया। बीते कुछ दिनों से अचानक बदले मौसम और लोगों के बीच में मौसम को लेकर हो रहे ऐसे तमाम सवालों को लेकर केंद्रीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र से विस्तार से बात की।

बातचीत के प्रमुख अंश
सवाल: गुरुवार की सुबह जब लोगों ने आंखें खोलीं तो शहर को धुंध में लिपटा हुआ पाया। ऐसी धुंध जो सर्दियों के सीजन में होती है। मई के महीने में मौसम धुंध और ठंड जैसा फील करा रहा है। क्या इसको कोई बड़ी मौसमी चेतावनी के तौर पर देखा जाए।
जवाब : नहीं यह कोई चेतावनी जैसी चीज बिल्कुल नहीं है। देखिए, जब लगातार बारिश होती है, तो वह कोई भी मौसम हो उसकी अगली सुबह अमूमन धुंध से घिरी होती है। यहां भी ऐसा ही देखने को मिला। यह न कोई अलार्मिंग स्थिति है और न ही कोई अनायास घटना है।

सवाल: लेकिन आपके ही विभाग के ही आंकड़े बताते हैं कि जो मौसम इस वक्त कैसा बना है, वह तो बीते कई दशकों में ऐसा नहीं रहा। इसकी कोई खास वजह?
जवाब: यह बात जरूर है कि अभी मौसम अचानक बदला है। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बनी परिस्थितियों के चलते उत्तर भारत के कुछ इलाकों में बारिश से तापमान में गिरावट हुई है। इसी के चलते मौसम में बदलाव हुआ है। अमूमन होता यही रहा है कि मई और जून के वक्त पश्चिमी विक्षोभ इतने सक्रिय नहीं होते हैं कि वह बारिश के हालात पैदा करें और मौसम बदल दें। लेकिन इस बार पाकिस्तान के ऊपर बने पश्चिमी विक्षोभ से ऐसे हालात पैदा हुए।

सवाल: तो ऐसी क्या परिस्थितियां बनीं कि पश्चिमी विक्षोभ अचानक सक्रिय हो गए और उस सीजन में इतनी बारिश हो गई। इसके पीछे क्या कारण माने जा रहे हैं?
जवाब : देखिए, अभी जो मौसम बदला है वह पाकिस्तान के ऊपर वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव की वजह से बदला है। पाकिस्तानी पश्चिमी विक्षोभ से जो साइक्लोनिक सरकुलेशन तैयार हुई दक्षिणी पश्चिमी भाग में सक्रिय हो गई। नतीजतन राजस्थान के हिस्से से होते हुए उत्तर भारत में बारिश होनी शुरू हो गई। रही बात किसी विशेष कारण की तो एक बात बिल्कुल तय है कि क्लाइमेट चेंज पर समूची दुनिया में तमाम तरह के शोध हो रहे हैं। इसका असर भी हो रहा है। लेकिन उसका कितना असर है इस पर अभी आगे भी काम किया जा रहा है।

सवाल : इस वक्त जो हमारे यहां पर मौसम में बदलाव हुआ है क्या वह बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मोचा चक्रवात की वजह से भी बदला है।
जवाब: देखिए अभी वह चक्रवात आया नहीं है। इसलिए यह कहना कि बंगाल की खाड़ी से गुजरने वाले इस चक्रवात का असर नॉर्थ इंडिया में पड़ रहा है, तो ऐसा नहीं है। अभी तक के अनुमान के मुताबिक 09 मई को दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी से चक्रवात के आने की संभावना जताई जा रही है। यह चक्रवात कहां से गुजरेगा इसके लिए विशेष मॉनिटरिंग की जा रही है।

सवाल: अभी कब तक इस तरीके का मौसम बने रहने का अनुमान है। क्या बारिश होती रहेगी या अगले कुछ दिनों में तापमान फिर से अचानक बढ़ेगा।
जवाब : अगले पांच दिनों तक तो मौसम में ऐसे ही उतार-चढ़ाव होते रहेंगे। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से गुरुवार रात या शुक्रवार से एक बार फिर बारिश होने और तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना जताई जा रही है। लेकिन उसके बाद जो मौसम विभाग का आकलन है वह यही है कि नौ मई के बाद बारिश बंद होगी और तापमान में बढ़ोतरी शुरू हो जाएगी।

सवाल: क्लाइमेट चेंज के व्यापक असर को समझने और बढ़ते हुए तापमान को मॉनिटर करने के लिए हम लोग किस दिशा में काम कर रहे हैं?
जवाब : हमारे वैज्ञानिक लगातार क्लाइमेट चेंज की परिस्थितियों को जानने समझने और उसके असर को मॉनिटर करने के लिए लगातार शोध कर रहे हैं। अगले साल से हमारे देश में पड़ने वाली गर्मी को मापने के लिए हमारा अपना एक सूचकांक होगा। यह सूचकांक देश के अलग-अलग हिस्सों में गर्मी के प्रभाव और तमाम अन्य तरह की चेतावनियों के लिहाज से फायदेमंद होगा। देश में बढ़ते हुए तापमान की स्थिति को समझने के लिए हीट हैजार्ड मल्टीपैरामीटर सिस्टम भी शुरू करने वाले हैं, जो बढ़ते हुए तापमान का आंकलन भी करेगा।

सवाल: मौसम के इन तमाम उतार-चढ़ाव और आने वाले चक्रवाती तूफान का असर, क्या तय वक्त पर केरल में आने वाले मानसून पर भी पड़ेगा?
जवाब : नहीं। अभी तक के अनुमान के मुताबिक केरल में तय वक्त पर ही मानसून हिट करेगा।

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