गहलोत की गूगली में उलझा पायलेट गूट तो भाजपा के दिग्गजों के बनी गले की फांस
पत्रकार बाबूलाल सैनी
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में चुनावी बिसात बिछने से 6 माह पूर्व ही धौलपुर की सभा में ऐसी गूगली मारी कि इसमें पायलेट गूट के विधायक उलझ गए वही गहलोत का बयान भाजपा के दिग्गजों के भी गले की फांस बन गया है ।
चुनाव से ठीक छह माह पुर्व गहलोत का यह बयान कि भाजपा के दिग्गजों को पायलेट गूट के विधायकों के मानेसर जाकर राजस्थान सरकार का तख्ता पलटने के लिए जो बाडा बंधी हुई उसमें 10 से 20 करोड़ रुपए प्रति विधायक के लिए खेल खेला गया । साथ ही सरकार को बचाने में भी प्रदेश के ही भाजपा के दिग्गजों का सहयोग बताया जाना प्रदेश की सियासत में भूचाल लायेगा । इसमें कोई दो राय नहीं है कि गहलोत के बयान के बाद भाजपा के दिग्गज व पायलेट गूट शांत नहीं बेठेगा। हालांकि गहलोत ने यह बयान दो रोज पूर्व ही पायलेट द्वारा बाड़मेर में आयोजित कार्यक्रम में अपने समर्थक विधायकों का जमावड़ा कर दिए गये सियासी बयान के बाद गहलोत ने भी सियासी हमला विपक्ष व अपने विरोधियों पर एक साथ किया है। हालांकि कांग्रेस की यह खेमेबाजी व असंतुष्ट गतिविधियों से पार्टी को चुनाव में नुकसान भी हो सकता है तथा कांग्रेस की सरकार के रिपीट होने के सपनों पर पानी फिर सकता है । दूसरी और गहलोत ने भाजपा दिग्गजों पर दागें गये सियासी बयान तथा भाजपा के ही एक धड़े पर सरकार को बचाने में सहयोग करने की सहानुभूति से भाजपा के भी दिग्गजों को उलझाकर रख दिया है तथा गहलोत ने जहां भाजपा केन्द्रीय नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार का खेल खेलने का आरोप लगाया है वहीं भाजपा राजस्थान के नेताओं पर सहयोग करने वाला बयान भाजपा के गले की फांस बन गया ।
गहलोत ने अपने बयान में धौलपुर में कहा कि 2019 में सचिन पायलट के साथ कांग्रेस के जो 18 विधायक दिल्ली गए, उन्होंने सरकार गिराने के लिए केंद्रीय मंत्री अमित शाह, धर्मेन्द्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत से 10-20 करोड़ रुपए लिए। गहलोत का यह बयान पायलट के साथ दिल्ली जाने वाले विधायकों पर भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा आरोप है ।अपनी ही पार्टी के विधायकों पर 10-20 करोड़ रुपए लेने के जो आरोप लगाए हैं ,उनके सबूत भी गहलोत के पास होंगे। गहलोत एक मझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। गहलोत को पता है कि यह मामला पुलिस और कोर्ट में जा सकता है, क्योंकि इसमें पायलट सहित 19 विधायकों की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। दूसरी ओर गहलोत ने वसुंधरा राजे की भाजपा के प्रति वफादारी पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। गहलोत का कहना है कि 2019 में जब अमित शाह ,धर्मेन्द्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत मेरी सरकार को गिरा रहे थे ।तब वसुंधरा राजे ने ही मेरा साथ दिया। वसुंधरा राजे के सहयोग से ही मेरी सरकार बच पाई। इस बयान के पीछे गहलोत का मकसद भाजपा में धड़ेबाजी को बढ़ावा देना भी हो सकता है।
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