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केंद्र के खिलाफ विपक्ष को गोलबंद करने की तैयारी, नीतीश के बाद ममता से मिलेंगे सीएम केजरीवाल

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केंद्र के खिलाफ विपक्ष को गोलबंद करने की तैयारी, नीतीश के बाद ममता से मिलेंगे सीएम केजरीवाल
Delhi: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को गोलबंद करने की तैयारी में हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि अगर केंद्र सरकार इस अध्यादेश को संसद में एक बिल के तौर पर पास कराने के लिए लाएगी, तो वो उसे रोकने की पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो देश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं से मिलेंगे और उनका सहयोग मांगेंगे। इस सिलसिले में अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की, वहीं मंगलवार को कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलनेवाले हैं। 24 मई को उद्धव ठाकरे और 25 को एनसीपी चीफ शरद पवार से मिलेंगे।

नीतीश कुमार से मुलाकात

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने नीतीश कुमार के साथ लंबी बातचीत की। इस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद थे। इस दौरान नीतीश कुमार ने दिल्ली में सेवा विवाद को लेकर अरविंद केजरीवाल का खुलकर समर्थन दिया। बिहार के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर ऐतराज जताते हुए कहा कि एक चुनी हुई सरकार को दी गई शक्तियां कैसे छिनी जा सकती हैं? यह संविधान के खिलाफ है। हम सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।

विपक्ष को मिला मुद्दा

अरविंद केजरीवाल अगर इस मुद्दे को पूरे जोर-शोर से उठा रहे हैं, तो इसके पीछे सिर्थ दिल्ली की सियासत नहीं है। उनकी नजर 2024 के लोकसभा चुनावों पर भी है। अगर किसी मुद्दे पर देश भर में हवा बन गई, तो बीजेपी के लिए फिर से सत्ता हासिल करना मुश्किल हो सकता है। दूसरी ओर कांग्रेस, जेडीयू, सपा, तृणमूल कांग्रेस और एनसीपी सहित कई पार्टियां, विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रही हैं। अगर विपक्षी गठबंधन बना तो उसके नेता के तौर पर अरविंद केजरीवाल भी अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं

जानिए क्या कहता है अध्यादेश?

केंद्र सरकार की तरफ से लाए गए अध्यादेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्रधिकरण नाम का एक प्राधिकरण होगा, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन इसमें मुख्य सचिव और प्रधान सचिव (गृह) भी सदस्य होंगे। अध्यादेश में कहा गया है कि प्राधिकरण द्वारा तय किए जाने वाले सभी मुद्दों पर फैसले उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से होगा। अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर अध्यादेश में कहा गया है कि यह प्राधिकरण ही ‘ग्रुप-ए’ के अधिकारियों और दिल्ली सरकार से जुड़े मामलों में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ अधिकारियों के तबादले और पदस्थापन की सिफारिश कर सकेगा।

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