कुख्यात तस्कर कमल राणा के खबरी दो खाकीधारी (पुलिसकर्मी) निलंबित
- पुलिस की पल-पल की खबर पंहुचाते थे तस्करों को
- सख्ती से हो जांच तो कई हो सकते है बेनकाब
प्रतापगढ़। जिला पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित कुमार ने दो पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया है। यह दोनों पुलिसकर्मी सांठगांठ के चलते पुलिस की हर खबर को तस्करों तक पंहुचाने का काम करते थे। प्रतापगढ़ एसपी अमित कुमार की यह कार्यवाही दो अलग-अलग थानों के एक आरक्षक और एक प्रधान आरक्षक के ऊपर हुई है। इन ख़ाकीधारियों में एक छोटी सादड़ी थाने में तैनात कांस्टेबल चन्द्रपाल और दूसरा धमोत्तर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल नारायण है। उक्त दोनों पुलिसकर्मी जिले के पुलिस की विभागीय जानकारियों को तस्करों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचाते थे। पुलिस ने मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर वर्तमान में गिरफ्तार कुख्यात तस्कर कमल सिंह राणा व अन्य तस्करों से दोनों पुलिसकर्मियों के संबंध सामने आने पर यह कार्यवाही तत्काल प्रभाव से की है। उक्त दोनों पुलिसकर्मी लगातार कमल सिंह सौंधिया उर्फ राणा के संपर्क में थे। इन वर्दीधारी मुखबिरों के चलते कुख्यात तस्कर राणा व अन्य को पुलिस के हर खास मूवमेंट की जानकारी मिल जाती थी। इससे वे सतर्क होकर अपने तस्करी के विधि विरुद्ध काम को बखूबी अंजाम देने में हर हाल में सफल होते थे। इस काम के बदले राणा से वे मोटी रकम रिश्वत के रूप में लेते थे। फिलहाल एसपी ने दोनों पर गाज गिराते हुए इन्हें तत्काल निलंबित कर दिया है। ज्ञात हो कि एमपी-राजस्थान का कुख्यात तस्कर कमल राणा ग्राम बम्बोरी थाना रठांजना जिला प्रतापगढ़ (राज.) का निवासी होकर तस्करी की दुनिया में बड़ा नाम था। पुलिस विभाग में ही इसके ऐसे कई खाकीधारी मुखबिर होते थे जो तन्ख्वाह तो सरकार की लेते थे लेकिन काम तस्करों के लिए करते थे। इन्हीं के कारण राणा व अन्य तस्कर पुलिस के हाथ नहीं आते थे। फिर भी विगत दिनों राजस्थान कि क्राइम ब्रांच पुलिस ने कमल राणा व इसके चार अन्य साथियों को गिरफ्तार कर ही लिया है। फिलहाल राणा पुलिस की गिरफ्त में है। अगर राणा से सख्ती से पूछताछ की जाए तो कई और वर्दीधारी व कई अन्य लोगों के नाम उजागर हो सकते है।
क्या इन वर्दीधारियों पर चलेगा एनडीपीएस एक्ट का कानून- कुख्यात तस्कर से सांठगांठ कर उसे पुलिस विभाग की हर जानकारी उपलब्ध करवाने वाले इन पुलिसकर्मियों पर एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही होगी या केवल निलम्बन ही इनके लिए पर्याप्त रहेगा। वर्तमान में कहीं पर भी किसी एनडीपीएस एक्ट में पुलिस बारीकी से जांच कर कड़ी से कड़ी जोड़कर माल लाने व ले जाने वाले तक पंहुच कर उसे भी एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही में शामिल करती है। क्या इसी प्रकार इन दागी पुलिसकर्मियों पर भी इसी तरह एनडीपीएस एक्ट की कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।
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