पत्नी को साथ नहीं भेजा तो सास की हत्या:पढ़ाई का हवाला देकर अपने साथ ही रख रही थी बेटी को; गला दबाकर बोरी में भरकर फेंकी लाश
उदयपुर
नाबालिग पत्नी को साथ नहीं भेजने से नाराज दामाद ने अपनी सास की हत्या कर दी। 3 महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी। उसके बाद से पत्नी अपने मायके में ही रह रही थी। पिछले 2 महीने से वो पत्नी को अपने गांव ले जाने की जिद कर रहा था। सास अपनी बेटी की पढ़ाई छूटने का हवाला देते हुए उसे दामाद के साथ भेजने से लगातार इनकार कर रही थी। इससे दामाद नाराज था। 6 अगस्त को दामाद ससुराल आया था। अपनी सास को पत्नी की पढ़ाई के लिए स्कूल दिखाने अपने गांव ले गया था। आरोप है कि यहां उसने गला दबाकर सास की हत्या कर दी। लाश को प्लास्टिक के कट्टे में भरकर डंपिंग यार्ड में फेंक दिया। मामला उदयपुर के सुखेर थाना क्षेत्र का है।
सुखेर थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने बताया- मामले को लेकर पहले परिवार वालों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला की लाश मिलने के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
मंगलवार को आरोपी को डिटेन कर लिया गया है।
डंपिंग यार्ड में फेंका शव
पुलिस ने बताया- ईश्वर सिंह (24) निवासी पिपलांत्री गांव (आरना) राजसमंद 6 अगस्त को अपने ससुराल उदयपुर स्थित मीरा नगर आया था। वो अपनी पत्नी 17 साल की सिमरन (काल्पनिक नाम) को अपने साथ गांव ले जाने की जिद करने लगा। सास गीता कंवर (38) अपनी दो बेटियों के साथ रहती थीं। एक बेटी सिमरन से छोटी है। गीता ने दामाद से कहा कि बेटी अभी पढ़ रही है। साथ नहीं जा सकती है। ईश्वर ने कहा कि मैं आपको वो स्कूल दिखाता हूं, जहां सिमरन पढ़ेगी। इसके लिए वह गीता को अपने गांव (आरना) ले गया। वहां इसने मौका पाकर गीता का गला दबा कर मार दिया। लाश को ठिकाने लगाने के लिए सिर से पैर तक रस्सियां लपेट दीं। एक प्लास्टिक के कट्टे में भरकर शव को गांव के आसपास डंपिंग यार्ड में फेंक दिया।
बेटियों ने कराई थी गुमशुदगी की रिपोर्ट
गीता अगले दिन 7 अगस्त तक देर रात घर नहीं आई। उसकी बेटियों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट सुखेर थाने में दर्ज कराई। रिपोर्ट बड़ी बेटी सिमरन ने दर्ज कराई थी। बेटी ने रिपोर्ट में बताया था कि मां लापता है। न मां का फोन उठ रहा है, न ही पति ईश्वर फोन उठा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और संबंधित गांव (आरना) के केलवा थानाधिकारी को सूचित किया। 7 अगस्त की रात 8.30 बजे गांव के पास डंपिंग यार्ड में लाश बरामद हुई। उसकी पहचान गीता देवी के रूप में हुई।
3 महीने पहले हुई थी शादी
सुखेर थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने बताया- गीता मीरा नगर में किराए के मकान पर अपनी दो बेटियों के साथ पिछले 15 साल से गीता रह रही थी। करीब 15 साल पहले उसके पति (सुरेंद्र सिंह) की मौत हो चुकी है। ईश्वर और सिमरन की शादी 12 मई 2023 को हुई थी। सिमरन 10वीं क्लास में पढ़ रही थी और शादी के बाद से ही पढ़ाई के लिए मीरा नगर स्थित अपने घर पर रह रही थी। गीता बल्ब फैक्ट्री में काम करती थी। दामाद ईश्वर माइंस में काम करता है।
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