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बच्चे के साइनस में बने 10 सेमी लम्बे एन्टरोकोअनल पॉलिप की दूरबिन से हुई सर्जरी

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बच्चे के साइनस में बने 10 सेमी लम्बे एन्टरोकोअनल पॉलिप की दूरबिन से हुई सर्जरी
मित्तल हॉस्पिटल की सीनियर ईएनटी सर्जन डॉक्टर रचना जैन ने किया उपचार अजमेर, 28 अगस्त()। नारेली के निकट रहने वाले 9 साल के बालक हेमन्त कुमार के साथ भोजन करते हुए कुछ ऐसा हुआ कि उसके परिवारजन अचम्भित रह गए। बच्चे को ना कुछ निगलते बन रहा था ना ही बोलते; हालात यह थे कि उसे सांस भी ठीक से नहीं ली जा रही थी। विषम स्थिति में परिजन बच्चे को मित्तल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर लेकर पहुंचे जहां बच्चे को उपचार मिला और परिवारजन को राहत।
हॉस्पिटल की सीनियर ईएनटी सर्जन डॉ रचना जैन ने पीड़ित के साइनस में बने 10 सेंटीमीटर लम्बे और साढ़े तीन सेमी चौड़े मांस के टुकड़े को जिसे चिकित्सकीय भाषा में एन्टरोकोअनल पॉलिप कहते हैं, एक ही बार में दूरबीन से सर्जरी कर बाहर निकाल दिया। डॉ रचना जैन ने बताया कि इस तरह का रोग यूं तो सामान्य श्रेणी का होता है लेकिन हेमन्त के केस में यह पॉलिप उपयुक्त उपचार के अभाव में लम्बे समय से बनता रहा और असाधारण स्थिति में बाहर आया।
उन्होंने बताया कि रोगी के दाएं साइनस में पॉलिप पनपकर नाक में होता हुआ नाक के पीछे व गले से पीछे वाले हिस्से से निकल कर मुंह में आकर लटक गया था। रोगी को छह माह पूर्व भी ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा था किन्तु तब मुंह में आया पॉलिप लम्बाई में छोटा होने के कारण कुछ देर में स्वत: ही अंदर चला गया और रोगी का खाना—पीना सामान्य बना रहा। इस बार उसकी लम्बाई अधिक होने से वह मुंह में आकर जीभ और तलबे के बीच में अटक गया। डॉ रचना ने कहा कि प्रारम्भिक स्थिति में ही रोग को पहचान लिया जाता तो बालक को यह तकलीफ भुगतनी नहीं पड़ती।
उन्होंने बताया कि रोगी के परिवारजनों ने जब प्राथमिक स्तर पर जिन हॉस्पिटल में सलाह ली तो उन्हें आशंका बताई गई थी कि रोगी के मुंह में हेमन्जिओमा(जन्मजात खून की गांठ) हो सकती है। इस तरह की गांठ का उपचार काफी जोखमपूर्ण और जटिल होता है लिहाजा रोगी के अभिभावक चिंता ग्रस्त हो गए। मित्तल हॉस्पिटल में रोगी की प्रारम्भिक जांच में ही स्पष्ट हो गया था कि उसके हेमन्जिओमा तो किसी भी सूरत में नहीं है। जांच में पाया कि उसके जीभ और मुंह का तलवा मुंह में लटक रहे पॉलिप से अलग ही हैं। इस सर्जरी में रेडियोलॉजिस्ट डॉ गरिमा खींची, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट डॉ रोहिताश शर्मा, स्टाफ नर्स प्रियंका, ओमप्रकाश व अन्य का सराहनीय योगदान रहा।
निदेशक डॉ दिलीप मित्तल ने बताया कि एक ही छत के नीचे मल्टी सुपरस्पेशियलिटी आधुनिक चिकित्सा सेवा और सुविधाओं की उपलब्धता से संभागवासी गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा लाभ प्राप्त कर रहे हैं। मित्तल हॉस्पिटल केंद्र सरकार (सीजीएचएस), राजस्थान सरकार(आरजीएचएस) व रेलवे कर्मचारियों एवं पेंशनर्स, भूतपूर्व सैनिकों ईसीएचएस, ईएसआईसी सहित सभी टीपीए द्वारा उपचार के लिए अधिकृत है। मित्तल हॉस्पिटल में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत सभी सुपरस्पेशियलिटी स्वास्थ्य सेवाओं में सर्जरी की सुविधा उपलब्ध होने से रोगियों को बड़े से बड़े और गंभीर रोगों का उपचार स्थानीय स्तर पर मिल पा रहा है।

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