संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचे असम के राज्यपाल कटारिया
भादसोड़ा से खबर असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया उदयपुर से चित्तौड़गढ़ जाते समय भदेसर क्षेत्र में अनगढ़ बावजी तीर्थ स्थल पर चल रहे सर्व समाज सनातन चातुर्मास आयोजन में संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचे। यहां पर अनगढ़ बावजी अमरा भगत की धुनी पर दर्शन करने के बाद अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। राज्यपाल कटारिया गुरुवार को यहां चल रहे सर्व समाज सनातन चातुर्मास समिति के आयोजन में भाग लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री श्री चंद कृपलानी, चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर, बड़ी सादड़ी विधायक ललित ओसवाल, भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष बद्री लाल जाट, पूर्व जिलाध्यक्ष गौतम दक, जिला प्रमुख सुरेश धाकड़, सनातन चातुर्मास आयोजन समिति के अध्यक्ष रतनलाल गाडरी, सचिव एवं भूपाल सागर प्रधान हेमेंद्र सिंह राणावत, सदस्य भगवान लाल तिवारी मंडफिया, आसावरा माता पूर्व सरपंच अशोक रायका, भाजपा मंडल अध्यक्ष विजय सिंह चौहान सहित सैकड़ों उपस्थित रहे एवं सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर एसपी राजन दुष्यंत, जिला कलेक्टर पीयूष सामरिया तथा सभी थानों के थाना अधिकारी मय जाप्ता मौजूद रहै। राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैं यहां संतों का आशीर्वाद लेने आया हूं मैं अच्छे इंसान की तरह राजनीति में ईमानदारी से काम करूं अच्छा काम करु ताकि मेवाड़ का नाम असम की धरती पर रोशन हो। मेवाड़ एकलिंग नाथ जी की धरती है यहां का राज सिंहासन भगवान एकलिंग नाथ जी संभालते हैं इन्हीं की बदौलत मेवाड़ की धरती ने कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं की चाहे तलवार से सर धड़ से अलग हो गए और लड़ते रहे और अपनी आन बान मर्यादा और संस्कृति को बचाए रखा परंतु कभी भी गुलामी स्वीकार नहीं की। हमें जियो और जीने दो के सिद्धांत पर चलना है हमारे देश में सनातन धर्म अगर जिंदा है तो संतो की तपस्या की वजह से हम जिस क्षेत्र में काम करते हैं वह बहुत कठिन कार्य क्षेत्र है कब आदमी फिसल जाए पता नहीं चलता संतों का आशीर्वाद रहा तो मैं अब तक जैसा रहा हूं वैसा ही आगे जीवन में रहूंगा। राजनीति को धर्म नीति से जोड़कर रखने का मार्ग संत ही दिखाते हैं हमारी राजनीति धर्म नीति और राजनेताओं को बचा सकता है तो वह सिर्फ संतों का आशीर्वाद है संतो के आशीर्वाद से ही सनातन धर्म बचा हुआ है। असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया यहां पर करीब 1 घंटे से भी अधिक समय तक रुकें। यहां पर विराज रहे करीब 170 संतों के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद ले उन्हें दक्षिणा भी प्रदान की। अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी जी महाराज, महेश्वरानंदजी महाराज, ज्ञानानंदजी महाराज, पीयूष जी महाराज, परम तपस्विनी आनंद माता नाणा मठ पाली सहित कई संत व आयोजन समिति के सदस्य एवं पदाधिकारीकरण उपस्थित रहे।
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