KAL KA SAMRAT NEWS INDIA

हर नजरिए की खबर, हर खबर पर नजर

Home » गरीबों के दस्तावेजों का कैसे होता है दुरुपयोग जानकर हैरान रह जाएंगे एक रोचक वाकया

गरीबों के दस्तावेजों का कैसे होता है दुरुपयोग जानकर हैरान रह जाएंगे एक रोचक वाकया

Spread the love

हैल्पर के दस्तावेजों का किया दुरुपयोग, कम्पनी का मालिक बनाकर किया करोड़ों का लेनदेन, इनकम डिपार्टमेंट का नोटिस मिलने पर खुली पोल

नागोला। फर्नीचर हेल्पर का काम करने वाले व्यक्ति के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों रुपए के लेनदेन का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पीड़ित को मुंबई में नौकरी का झांसा दिया और डॉक्यूमेन्ट्स ले लिए। इसके बाद डॉक्यूमेन्ट्स में कमी बताकर नौकरी भी नहीं दी। अब जब इनकम टैक्स विभाग का नोटिस मिला तो फर्जीवाडे़ का खुलासा हुआ। पीड़ित की रिपोर्ट पर केकड़ी जिलान्तर्गत भिनाय थाना पुलिस ने पांच जनों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है मामला नागोला निवासी देवाराम पुत्र श्योजी खारोल (33) ने रिपोर्ट देकर बताया कि वह फर्नीचर हेल्पर का काम करता है। बजरंगलाल गुलाबपुरा व बिजयनगर में पेट्रोल पम्प पर कार्य करता है। माह दिसम्बर 2018 में उसने कहा कि उसके मिलने वाले सेठ कन्हैयालाल जो कि गुलाबपुरा के रहने वाले हैं तथा मुम्बई में ही उनका कारोबार है। उनको एक विश्वासपात्र लड़के की आवश्यकता है, जो मुबई में उन्हीं के पास रहकर कार्य कर सकता हो। इसके लिए उसे 35 हजार रुपए प्रतिमाह तथा खाना पीना व रहना मिलेगा। उसने यह भी कहा कि आधार कार्ड, पेन कार्ड, पहचान पत्र व फोटो आदि पहले देने होंगे, ताकि वहां की औपचारिकताएं पूरी कर ले।
नौकरी का दिया झांसा बजरंगलाल की बातों पर विश्वास करके देवाराम ने अपनी दो फोटो, आधार कार्ड की फोटो प्रति, पहचान कार्ड की फोटो प्रति, पेन कार्ड की फोटो प्रति आदि दे दिए। इसके बाद 16 दिसम्बर 2018 को कन्हैयालाल के साथ ट्रेन से मुम्बई चला गया। जहां अंकित व आशीष मिले। वे अपने निवास स्थान पर ले गए और वहां एक दिन रखा। इसके बाद ऑफिस ले जाकर कूछ फार्म भरवाए। इसके बाद बोला कि दस्तावेजों के सत्यापन होकर आने में समय लगता है, इसलिए गांव चले जाओ।
कागजों में कमी बताकर नहीं दी नौकरी इसके बाद दस हजार रुपए देकर ट्रेन के टिकट बनवाकर गांव भेज दिया। एक माह गुजर गया तो बजरंग के पास जाकर बोला कि सेठ लोगों का तो कोई जवाब ही नहीं आया है, नौकरी लगेगी भी या नहीं। जिस पर उसने आश्वासन दिया कि उन लोगों के पास काम बहुत अधिक है, बार-बार उन्हें यह पूछकर परेशान मत करो, काम हो जाएगा, इसकी गारंटी है। इसके बाद 5–7 माह का समय गुजर गया और कोई जवाब नहीं मिला। जब बजरंग को कहा तो उसने कहा कि कागजों में कोई कमी रह गई है, इसलिए वहां नौकरी नहीं लग पाएगी।
नोटिस मिलने पर खिसक गई पैरों तले जमीन इसके बाद 6 जुलाई 2023 को जरिए डाक आयकर विभाग, अजमेर से एक नोटिस आया। जिस पर अपने गांव के ही शिक्षित व परिचित व्यक्ति अनिल कुमार जैन को नोटिस बताया। इसके बाद पता चला कि सार्थक एक्जिम कम्पनी 14 दिसम्बर 2018 को बनाई गई जिसका प्रोपराइटर देवाराम है और पता मुंबई का बताया गया। कथित फर्म का वित्तीय वर्ष 2017-18 में 5 करोड़ 11 लाख 8 हजार 567 रुपए भारत से बाहर भेजे गए। आरोपियों ने धोखाधड़ी करते हुए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर उसके नाम से कस्टम डिपार्टमेन्ट में फर्जी बिल पेश किए।
फर्म के नाम से मंगवाए डायमण्ड आरोपियों ने 5 करोड़ 18 लाख 37 हजार 578 रुपए के डायमण्ड फर्म के नाम से मंगवाए और राजस्थान जयपुर में सनसाईन जेम्स के नाम से 19 जुलाई 2017 को धोखाधडी करने की नीयत से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर कम्पनी बनाई, जिसका पता के.जी.बी. का रास्ता, जौहरी बाजार जयपुर बताया। आरोपियों व ललित कुमावत ने अपने मोबाइल नम्बर से इन कम्पनियों का रजिस्ट्रेशन करवाकर धोखाधड़ी की। जिसकी जानकारी उसे नोटिस के मिलने पर हुई।
पुलिस ने शुरु की जांच जब इनसे बात की तो इनका कहना रहा कि अनपढ़ों को बेवकूफ बनाकर उनके नाम कम्पनियां बनाकर करोड़ों रूपए का फर्जी लेनदेन, जीएसटी की चोरी करने का काम ही है। पुलिस ने नागोला निवासी बजरंग लाल तेली पुत्र छोटूलाल तेली, बिजयनगर निवासी ललित कुमावत, गुलाबपुरा निवासी कन्हैयालाल पुत्र समरथ सिंह जैन एवं कन्हैयालाल के पुत्र अंकित जैन व आशीष जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

Skip to content