सोफिया स्कूल हिप्स साइज़ प्रकरण
की जाँच पुनः शुरू,मांगे शिकायत सम्बंधित दस्तावेज
अजमेर। भाजपा चुनाव आयोग संपर्क विभाग के संभाग प्रभारी एडवोकेट राजीव भारद्वाज बगरु के द्वारा लगभग 4 माह पूर्व अजमेर के सोफिया विधालय के द्वारा छात्राओं से जनरल हैल्थ मेडिकल चैकअप के नाम पर फार्म दिए गए व उसमें दो कॉलम हिप्स व कमर की जानकारी देने हेतु भी कहा गया जिससे छात्रा व उसके परिजन इस मेडिकल चैकअप को कराने चिकित्सक के पास गए, तो चिकित्सक ने यह फार्म भरने से इनकार कर दिया, चूंकि फार्म में “हिप्स व कमर की साइज” की जानकारी का अंकन किया था,
इसकी शिकायत पर जब बाल कल्याण समिति ने नोटिस दिया व उनसे जवाब मांगा जवाब में स्कूल प्रशासन ने भृमित करते हुए सीबीएसई की गाइडलाइंस के निर्देश पर जानकारी मांगने का हवाला दिया,
जबकि दूसरी ओर स्कूल की प्रधानाचार्य सिस्टर आरलीन द्वारा कहा गया था कि हमने कोरोना के कारण यह साइज मांगा है, मामला बढ़ता देख दूसरे ही दिन स्कूल के प्रतिनिधि सुधीर तोमर के द्वारा मीडिया में कहा गया कि हम तो जानकारी लंबे समय से ही ले रहे है। दोनों के बयानों से जिस प्रकार का अंतर है । इस से कही न कही स्कूल प्रशासन इस मामले तो दबाने में लगा है। जिस प्रकार सेना भर्ती जैसे महिलाओं के मेडिकल चेकअप में भी यह जांच से वंचित रखा गया, परन्तु स्कूल प्रशासन द्वारा छात्राओ के कमर , हिप्स के मापन जैसी जानकारी ली जा रही है जिस से सभी अभिभावक परेशान थे, स्कूल प्रशासन के विरुद्ध अभिभावक को आवाज उठाने पर छात्राओ को फेल करना, स्कूल से निकालने जैसी धमकी से दे रहे थे जिस से अभिभावक चुप थे, इसका विरोध में बगरु ने पूर्व मुख्यमंत्री, राज्यपाल, बाल संरक्षण आयोग के साथ शिक्षा संयुक्त सचिव को ज्ञापन देकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई थी, परन्तु राज्य सरकार के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई और लगातार स्कूल प्रशासन इस प्रकार के कृत्य से अपनी गलती को अस्वीकार करता रहा, अजमेर के लोगो मे रोष व्याप्त हो गया था।
बगरु ने बताया कि 26 अगस्त को संयुक्त शासन सचिव शिक्षा विभाग किशोर कुमार को दिया ज्ञापन दिया गया था उस पर अब कार्यवाही करते हुए अजमेर जिला शिक्षा अधिकारी ने शिकायत संबंधित दस्तावेज मांगे है व आगामी कार्यवाही का विश्वास दिलाया है,बगरु ने जांच अधिकारी को यह भी बताया की इस गलती के बाद स्कूल प्रशासन जिस सीबीएसई की गाइडलाइंस का हवाला देकर बच रहा था उस गाइडलाइंस के भी कक्षा 9 से 12 का अंकन है, जबकि स्कूल प्रशासन के द्वारा फार्म में 6 से 12 का अंकन कर मेडिकल बाहर किसी अस्पताल से कराकर लाने को फार्म दिया गया, जिस से अभिभावकों के साथ छात्राओं को भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा,
बगरु ने जांच अधिकारी मुखय ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कालिंद नन्दिनी शर्मा को स्कूल के बयानों के बारे में भी जानकारी दी कि वीडियो भी दिखाए की किस प्रकार स्कूल प्रशासन लगातार बयानों से पलटता रहा परन्तु गलती स्वीकार नही की अंत मे छात्राओं को जिस मेडिकल फार्म को आवश्यक बताया गया था विरोध होने पर इक्छुक की श्रेणी में रख दिया गया।
समस्त दस्तावेज को देकर बगरु ने जांच अधिकारी से मांग की है कि स्कूल पर कार्यवाही हो ताकि भविष्य में इस प्रकार अजमेर को शर्मसार न होना पड़े।
सत्ता परिवर्तन का असर
बगरु ने कहा जिस प्रकार पिछले कांग्रेस सरकार में महिला अपराध में प्रथम स्थान आने के बाद भी इस प्रकार की घटना पर ज्ञापन देने के बाद सब मौन थे, जांच अधिकारी भी कार्यवाही में ढिलाई बरत रहे थे, यह अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है कि लगभग 4 माह बाद शिकायत से संबंधित दस्तावेज का संकलन अब किया जा रहा है, तो कार्यवाही तो 1 वर्ष बाद होंगी।
इस दौरान भाजपा सोशल मीडिया सहसंयोजक अनुज माथुर , सतवीर चौधरी , भूपेंद्र सिंह पीह, राजकुमार सेठी, राजा महाजन, मयंक शर्मा आदि मौजूद थे।
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