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हरे-भरे राजस्थान” की परिभाषा शीघ्र परिलक्षित होगी : सुरेश रावत

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शीघ्र ही ईआरसीपी परियोजना को राजस्थान के धरातल पर उतारने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है और “सूखे राजस्थान” की बजाय “हरे-भरे राजस्थान” की परिभाषा शीघ्र परिलक्षित होगी : रावत

राजस्थान में पेयजल की समस्या और सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने की नई उम्मीद का दीपक जला दिया है डबल इंजन सरकार ने

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत अजमेर जिले के लिए हुए वरदान साबित

बहु प्रतिशत पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के तहत चंबल का पानी पहुंचाया अजमेर जिले के मुहामी, कायड़, सिंगला जैसे प्रमुख तालाबों और बांधों से होते हुए पवित्र पुष्कर सरोवर

अजमेर जिले और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के आमजन के हितों के लिए बहुप्रतीक्षित ईआरसीपी परियोजना के ड्राइंग में कराया अजमेर जिले वासियों के हितों के लिए सार्थक और व्यापक परिवर्तन

प्रदेश में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या के समाधान के लिए सरकार में पदभार ग्रहण करते ही प्रथम दिन से ही एक्शन मोड में है मुख्यमंत्री भजनलाल और जल संसाधन मंत्री रावत

ईआरसीपी की सौगात देने के लिए प्रदेशवासी करेंगे कल जयपुर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री का अभिनंदन, साथ ही इन 13 जिलेवासियों द्वारा खुशी में की जा रही भव्य आतिशबाजिया

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने बताया कि, रविवार को राजस्थान सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के बीच पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का एमओयू हस्ताक्षरित हुआ। दोनों जिलों में इस परियोजना से चंबल के पानी को राजस्थान में लाने की ड्राइंग, वित्तीय भार एवं संसाधनो आदि पर सहमति हो चुकी है। ईआरसीपी परियोजना विगत कई दशकों से लंबित चल रही थी। यह परियोजना राजस्थान के 13 जिलों के लिए जीवन दायिनी साबित होगी। इसके तहत पार्वती – काली सिंध – चंबल नदी के लिंक के रूप में पानी राजस्थान के 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। जिससे आगामी वर्षों में हमारे प्रदेश के “सूखे राजस्थान” की बजाय “हरे-भरे राजस्थान” की परिभाषा शीघ्र परिलक्षित होगी।

रावत ने बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पदभार ग्रहण करते ही सर्वप्रथम इस योजना में आ रही कठिनाइयों की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए 10 दिन के भीतर भीतर केंद्र सरकार से ईआरसीपी परियोजना पर समस्त प्रकार की सहमति प्राप्त कर ली थी। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में मंत्री पद की शपथ लेते ही राजस्थान सहित पूरे देश के इस ज्वलंत मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करते हुए इससे जूडे अधिकारियों एवं संबंधित प्रभारियों की मीटिंग आहूत की और शीघ्र से शीघ्र इस परियोजना को लागू करने की कार्य योजना बना कर कार्य करने के निर्देश दिए। जिसका अंततः सुखद परिणाम सामने आ गया है। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना पर दोनों राज्यों के बीच एमओयू हस्ताक्षर हो चुका है। शीघ्र ही इस परियोजना को राजस्थान के धरातल पर उतारने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।

जल संसाधन मंत्री रावत ने यह भी बताया कि, उक्त परियोजना की ड्राइंग में पूर्व में अजमेर जिले के आमजन के हितों की अनदेखी की गई थी। जिसके लिए मीटिंग में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देशित करते हुए ड्राइंग में व्यापक परिवर्तन करवाया गया और अजमेर जिले के अनेकों तालाबों, बांधों को भी जुडवाया गया है। मेरे द्वारा पुष्कर विधानसभा क्षेत्र वासियों से भी हमेशा चंबल का पानी पवित्र पुष्कर सरोवर में लाने का वादा किया गया है। पुष्कर राज महाराज और जगत पिता श्री ब्रह्मा जी के आशीर्वाद से मेरे इस अटल संकल्प को पूरा करते हुए अब पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में इस परियोजना में चंबल का पानी मुहामी, कायड, सिंगला जैसे अनेकों प्रमुख तालाबों और बांधों को जोड़ते हुए पवित्र पुष्कर सरोवर तक पहुंचाया जाना भी सुनिश्चित कर लिया गया है। इस हेतु ड्राइंग में आवश्यक परिवर्तन करवाए जा चुके हैं।

जल संसाधन मंत्री रावत ने इस परियोजना के प्रदेश परिप्रेक्ष्य तहत बताया कि, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान की सबसे बड़ी नहर परियोजना है। इसके तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिले झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक को पेयजल और 2,80,000 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इस परियोजना से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी और किसानों की आय बढ़ेगी। साथ ही, इस परियोजना से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस परियोजना पर पिछली सरकार पांच साल राजनीति करती रही और उसका पूरा प्रयास रहा कि इसमें कोई प्रगति न हो। पिछली सरकार ने पूरी कोशिश की कि राष्ट्रीय परियोजना के नाम पर इस मुद्दे पर सियासत की जाए। समय किसी भी परियोजना की उपयोगिता का बड़ा पहलू होता है। हमारी पिछली भाजपा सरकार ने इस परियोजना की शुरूआत की थी। पिछले पांच सालों में इस परियोजना में जितना विकास कार्य होना चाहिए, उसमें सिर्फ खानापूर्ति की गई है। पिछली कांग्रेस सरकार ने रिफाइनरी और ईआरसीपी जैसी परियोजनाओं को पूरा करने की जगह अटकाने का काम किया है, जिससे परियोजनाओं का लाभ प्रदेश की जनता तक पहुंचने में और समय लगे। लेकिन प्रदेश के डबल इंजन की सरकार की सबसे प्रमुख प्राथमिकता यह परियोजना ही है। जिससे हमारा राजस्थान प्रदेश शीघ्र से शीघ्र “सूखे राजस्थान” के बजाय “हरे-भरे राजस्थान” के रूप में विकसित हो सके।

इस परियोजना पर दोनों राज्यों की सरकारों के बीच ओएमयू की सूचना प्राप्त होते ही पूरे प्रदेश और अजमेर जिले को अपना पूरा सम्मान और हक मिलने की सूचना प्राप्त होते ही पूरे प्रदेश वासियों और अजमेर जिले वासियों द्वारा जल संसाधन मंत्री रावत को दूरभाष पर आभार ज्ञापित किए जा रहे हैं। ईआरसीपी से संबंधित सभी 13 जिलेवासियों द्वारा भव्य आतिशबाजियां करके जश्न मनाया जा रहा है। प्रदेश सहित पूरे अजमेर जिले और पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में इस सूचना से एक हर्ष की लहर दौड़ पड़ी है। अब पीने के पानी और सिंचाई के पानी की समस्या से शीघ्र निजात मिलने की खुशी में किसानों और आमजन के चेहरों पर प्रसन्नता चमक उठी है। प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री भजनलाल और जल संसाधन मंत्री रावत ने संपूर्ण प्रदेश वासियों को पेयजल की समस्या और सिंचाई की समस्या से निजात दिलाने की नई उम्मीद का दीपक जला दिया है। अतिशीघ्रता से इस लंबित प्रकरण की सारी बाधाएं समाप्त कर प्रदेश वासियों को सौगात देने की इस खुशी में सभी 13 जिलों के विधायकगण, भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्तागण एवं किसान भाई कल सुबह दिल्ली से जयपुर आ रहे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का जयपुर एयरपोर्ट पर भव्य अभिनंदन करेंगे धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।

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