जयपुर: सीकर मंडी में रोजाना आ रहे 10 हजार प्याज के कट्टे, इस बार भाव तेज रहने के आसार
जयपुर: सीकर। सर्दी के सीजन में बोया गया प्याज अब जमीन से बाहर निकल मंडियों तक पहुंचने लगा है। रबी की फसलों की थ्रेसिंग का काम होने से मांग बढ़ने के साथ खुदाई ने जोर पकड़ लिया है। रसीदपुरा, मैलासी, भढाडर, धोद सहित प्याज उत्पादक खेतों में जगह-जगह प्याज के ढेर नजर आ रहे हैं।
वहीं कई जगह खेतों के बाहर ही प्याज की बिक्री की जा रही है। पिछले साल की तुलना में बुवाई कम होने व मांग ज्यादा होने के कारण हरियाणा, यूपी और हिमाचल प्रदेश से भी खरीददार पहुंच गए हैं। सीकर मंडी में रोजाना दस हजार से ज्यादा प्याज के कट्टे बिकने के लिए आ रहे हैं। सीकर मंडी में इन दिनों प्याज के औसतन दस से 15 हजार कट्टे आ रहे हैं।
चार माह तक सीजन:
सीकर और रसीदपुरा प्याज मंडी में प्याज की बिक्री का सीजन चार माह तक चलता है। पहले रसीदपुरा, खूडी क्षेत्र का प्याज सबसे पहले आता है। वहां बीकानेर, पंजाब और हरियाणा के व्यापारी सीधे खेतों से प्याज की क्यारियां ही खरीद रहे हैं। प्याज के सीजन के दौरान सीकर मंडी में प्याज के कट्टों की आवक रोजाना पचास हजार कट्टों तक पहुंच जाती है। सीकर जिले में इस बार सर्दी का अच्छा मौसम रहने के कारण प्याज का अनुमानित उत्पादन करीब चार लाख मीट्रिक टन से ज्यादा आंका जा रहा है
तेज रहेंगे भाव:
थोक व्यापारी देवीलाल बासडी ने बताया कि इस बार प्याज के सीजन में भाव तेज रहने के आसार है। गुणवत्ता ठीक है लेकिन प्याज की खरीद करने वालों ने मंडियों में आने की बजाए खेतों से प्याज की खरीद शुरू कर दी है। जिससे सीकर मंडी में पिछले साल की तुलना में इस समय प्याज कम मात्रा में आ रहा है। यही कारण है कि सीकर मंडी में चार दिन में ही भावों में तेजी आ गई है। सीकर मंडी में इस समय प्याज के थोक भाव सीकर मंडी में थोक भाव 11 से 16 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं।
इनका कहना है:
हरियाणा, पंजाब व हिमाचल प्रदेश के लोगों में सीकर के प्याज की मांग बढ़ी है। सीकर से दूसरे राज्यों में रोजाना दो दर्जन से प्याज के ट्रक व अन्य वाहन जा रहे हैं।
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