खुले में महिला का प्रसव मामले में प्रशासन ने लिया एक्शन; दोषी 3 रेजिडेंट्स निलंबित
घटना के बाद कार्रवाई की मांग करते स्थानीय
जयपुर। राजस्थान से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला उस समय सामने आया जब जयपुर के कांवटिया अस्पताल के बाहर एक महिला डिलीवरी के लिए बेचैन रही लेकिन अस्पताल स्टाफ ने यह कहकर महिला को भर्ती नहीं किया कि महिला को जनाना अस्पताल जाना चाहिए।
मामले में प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए तीनों रेजिडेंट्स को निलंबित किया है। मामले की जांच के बाद ACS शुभ्रा सिंह ने तीन रेजिडेंट को माना दोषी, जिसमें बाद निलंबन के आदेश दिए।
2 घंटे से ज्यादा वक्त तक प्रसव के लिए कराहती रही महिला
दरअअसल, बुधवार ( 3मार्च) को प्रसव पीड़ा से बेचैन एक महिला जयपुर के कांवटिया अस्पताल के पास पहुंची और चिकित्सकों से महिला को भर्ती करने की अपील की। जहां ड्यूटी डॉक्टर ने उन्हें जनाना अस्पताल रैफर कर दिया। गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही थी लेकिन उनका दिल नहीं पसीजा। पति ने कई बार मिन्नतें की, लेकिन डॉक्टरों ने रैफर कर अपनी जिम्मेदारी खत्म करने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया।
थक-हार पति व अन्य परिजन गर्भवती महिला को लेकर मुख्य द्वार के पास बैठ गए। अस्पताल की एंबुलेंस से जनाना अस्पताल पहुंचाने के लिए महिला के पति ने गुहार लगाई थी। लेकिन डॉक्टरों ने परिजनों की एक नहीं सुनी। मजबूर महिला का आखिरकार खुले में ही प्रसव हो गया। राहत की बात यह है कि जच्चा और बच्ची दोनों स्वस्थ हैं। हैरान वाली बात है कि राजधानी जयपुर में ऐसे हालात हैं तो ग्रामीण इलाकों में कैसे हालात होंगे? घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
लोगों ने जताई थी नाराजगी
घटना की जानकारी मिलते ही विधायक गोपाल शर्मा अस्पताल पहुंचे। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी कर अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। साथ ही उन्होंने जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
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