November 22, 2024

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PP,APP,SPP नियुक्ति का मामला विधानसभा में उठाने की मांग*

अजमेर दिनांक 3/8/2024 देश भर में 1 जुलाई 2024 से केंद्र की भारत सरकार द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 (BNSS) लागू कर दी गई है। बाउजूद इसके 27 जुलाई 2024 को राजस्थान सरकार द्वारा अप्रभावित हो चुके कानून दंड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत बांसवाड़ा,डीडवाना, चुरू,कुचामन, दूदू,फागी,गंगानगर, जालौर, राजसमंद, खेरथल,तिजारा, कोटपूतली, बहरोड़, साचौर, सिरोही व शाहपुरा में लोक अभियोजक,अपर लोक अभियोजक व विशिष्ट लोक अभियोजक पदों पर नियुक्ति प्रदान कर दी गई है। उक्त अप्रभावित हो चुके क़ानून के तहत की गई नियुक्तियो का राजस्थान के विधि विशेषज्ञयो ने विरोध करते हुए इसे अवैधानिक बताया और इसे राजस्थान सरकार की बड़ी चूक बताते हुए की गई नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग की है तथा सम्पूर्ण राजस्थान में वर्तमान लागू कानून  BNSS के तहत नए सिरे से में नियुक्ति प्रक्रिया प्रारम्भ करने की मांग की है । 

ताकि आम जनता में गलत संदेश नही जाए कि राजस्थान की सरकार केंद्र सरकार द्वारा लागू कानून को नही मानती है।

लोक अभियोजक विवेक पाराशर ने बताया कि इस मुद्दे को विधानसभा मे उठाने के लिए  राजस्थान के सभी 200 विधायकों व मंत्रियों को पत्र प्रेषित कर मांग करेंगे ताकि सरकार द्वारा विधि की पालना में हुई भारी चूक को सुधारा जा सके और राजस्थान में कानून का राज है यही संदेश पूरे देश मे जाए। इस संबंध में पाराशर ने पूर्व में भी प्रधानमंत्री व गृहमंत्री भारत सरकार,मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ,विधि मंत्री जोगाराम पटेल,विशिष्ट शासन सचिव विधि विभाग राजस्थान सरकार को भी पत्र लिखकर मांग की थी परंतु अभी तक सरकार द्वारा नियुक्ति की नई प्रक्रिया प्रारंभ नही की गई है जबकि पूर्व में मांगे गए आवेदन भी मियाद बाहर को चुके है क्योंकि फरवरी 2024 में आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की थी तब दंड प्रक्रिया संहिता 1973 लागू थी अब 1 जुलाई से BNSS 2023 लागू हो गई है तथा प्रकिया प्रारंभ हुए 5 माह से अधिक हो चुके है जबकि और 90 दिवस के भीतर नियुक्तियां नही होने पर नए सिरे से आवेदन प्रक्रिया विधि अनुसार करनी चाहिए ताकि विगत 5 माह में पात्र हो चुके आवेदनकर्ता भी नए आवेदन प्रकिया में हिस्सा ले सके। पाराशर ने बताया कि किसी आदेश की अपील सर्वोच्च  न्यायालय में करने की मियाद भी 90 दिन से अधिक नही होती है ऐसे में 5 माह पूर्व मांगे गए आवेदन की प्रकिया भी स्वतः ही निरस्त हों चुकी है बावजूद उसके  नियुक्तियां की जाती है तो नियुक्तियां गैर कानूनी होगी ।

इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की मांग करने वालो में लोक अभियोजक विवेक पाराशर राजेन्द्र सिंह राठौड़,राजेश ईनाणी, मंजूर अली,बृजेश पांडे,अशरफ बुलंद खान,रूपेन्द्र कुमार परिहार, विक्रम सिंह शेखावत,गुलाम नजमी फारुखी,गंगाराम रावत,अशोक गुर्जर सहित राजस्थान के कई जिलों के राजकीय अधिवक्ता शामिल है

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